क्या किडनी के मरीजों की मौत किडनी फेल होने से नहीं बल्कि हार्ट डिजीज से होती है, जानें सच
रिसर्च में पता चला है कि 50-70 प्रतिशत क्रोनिक किडनी रोग (CKD) मरीजों में किसी न किसी रूप में हार्ट डिजीज (CVD) होती है, जो एक प्रमुख कारण है. सीकेडी की पहचान अक्सर देर से होती है.
Kidney Disease : हमारा शरीर बेहद खास तरीके से बना है. इसके सभी अंग अपना-अपना काम करते हैं. यह तब तक काम करना बंद नहीं करते हैं, जब तक हमारी बाहरी एक्टिविटीज इन्हें प्रभावित नहीं करती हैं. किडनी और हार्ट दोनों ही हमारे शरीर के अहम अंग हैं.
आजकल बदलती लाइफस्टाइल की वजह से सबसे ज्यादा बीमारियों की चपेट में ये दोनों ही आ रहे हैं. दोनों में गहरा कनेक्शन भी माना जाता है. कहा जाता है कि किडनी की बीमारी वाले ज्यादातर मरीज किडनी फेल (Kidney Failure) होने से नहीं बल्कि हार्ट डिजीज (Heart Disease) से मर जाते हैं. आइए जानते हैं इनका कनेक्शन...
किडनी फेल होने पर हार्ट डिजीज से मौत कैसे
डॉक्टर्स का कहना है कि किडनी और हार्ट का सीधे संबंध साबित करने के लिए अभी ज्यादा फैक्ट्स नहीं हैं लेकिन ऐसा माना जाता है कि किडनी रोग से पीड़ित लोगों के साथ-साथ डायलिसिस पर रहने वाले मरीजों की मौत का सबसे आम कारण हार्ट डिजीज है. ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि किडनी की बीमारी किडनी को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे उनके लिए ब्लड फिल्टर करना मुश्किल हो जाता है और शरीर में अपशिष्ट का निर्माण होता है. इससे दिल पर ज्यादा दबाव पड़ सकता है और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है.
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किडनी डिजीज हार्ट पर डालती है दबाव
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि गुर्दे (Kidney) की बीमारी की कई समस्याएं होती हैं, जो दिल की गंभीर बीमारियों को जन्म देती हैं, जैसे हाई ब्लड प्रेशर. हालांकि, डॉक्टर का कहना है उन्होंने अभी तक ऐसे मामले नहीं देखे हैं, जो इस दावे की पुष्टि करते हैं कि किडनी रोग से पीड़ित लोग हार्ट की की समस्याओं से मर रहे हैं.
यह कहना पॉसिबल भी नहीं कि किडनी की बीमारी से पीड़ित लोगों की मौत किडनी फेलियर के बजाय दिल के दौरे (Heart Attack) से हो रही है या नहीं. इसके लिए ज्यादा बड़े स्तर पर रिसर्च और मरीजों के फॉलो-अप की जरूरत होगी. हालांकि, किडनी की बीमारी वालों को अपना ज्यादा ख्याल रखना होगा, ताकि ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहे और हार्ट की बीमारियों से बचा जा सके.
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क्या किडनी मरीजों में हार्ट डिजीज के लक्षण
कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिसर्च में पता चला है कि 50-70 प्रतिशत क्रोनिक किडनी रोग (CKD) मरीजों में किसी न किसी रूप में हार्ट डिजीज (CVD) होती है, जो एक प्रमुख कारण है. सीकेडी की पहचान अक्सर देर से होती है. खासकर वहां जहां जागरूकता और जांच सीमित हैं, क्योंकि शुरुआती दौर में यह साइलेंट बीमारी की तरह है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि हृदय रोग सीकेडी मरीजों में मौत का प्रमुख कारण बना हुआ है, क्योंकि कई लोग हाई रिस्क के बावजूद नियमित हार्ट टेस्ट लोग नहीं करवाते हैं, इसलिए किडनी के मरीजों को अपनी सेहत का ख्याल रखना चाहिए. नियमित तौर पर डॉक्टर से जाकर फॉलो-अप लेते रहना चाहिए. सीने में दर्द, घबराहट, सांस लेने में तकलीफ और थकान जैसे लक्षणों को नज़रअंदाज़ गलती से भी नहीं करना चाहिए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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