कार के पीछे वाले कांच पर पतली लाइनें क्यों होती हैं, जानिए कारण
गाड़ियों के पीछे वाले शीशे पर बनी इन लाइनों को डीफॉगर लाइन कहते हैं. यानी अगर आप अभी तक यह समझ रहे थे कि गाड़ियों के पीछे वाले शीशे पर बनी लाइनें सिर्फ डिजाइन है, तो आप गलत हैं.

आप शायद हर रोज कार से ट्रैवल करते होंगे. अगर हर रोज ट्रेवेल नहीं करते तो कम से कम अपने आसपास कार तो हर रोज देखते ही होंगे. आपने अक्सर देखा होगा लग्जरी गाड़ियों के पीछे वाले कांच पर पतली पतली कई लाइने बनी होती हैं. हालांकि, यह सिर्फ लग्जरी गाड़ियों पर ही नहीं होतीं, बल्कि आम गाड़ियों पर भी इसे देखा जा सकता है. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है. कंपनियां गाड़ियों के पीछे वाले कांच पर आखिर यह लाइनें क्यों बनाती हैं. आज इस आर्टिकल में हम आपको इन्हीं सवालों से जुड़े जवाब देंगे.
इन लाइनों को कहते क्या हैं
दरअसल, गाड़ियों के पीछे वाले शीशे पर बनी इन लाइनों को डीफॉगर लाइन कहते हैं. यानी अगर आप अभी तक यह समझ रहे थे कि गाड़ियों के पीछे वाले शीशे पर बनी लाइनें सिर्फ डिजाइन है, तो आप गलत हैं. दरअसल, यह लाइनें मेटल की बनी होती हैं. इन लाइनों में बेहतरीन इंजीनियरिंग का काम किया गया होता है.
इनका काम क्या होता है
इन लाइनों का काम बारिश या फिर कोहरे में समझ आता है. दरअसल, यह डीफॉगर लाइने बारिश की बूंदों को और कोहरे को गाड़ी के पीछे वाले कांच पर जमा नहीं होने देती जिस वजह से गाड़ी चला रहे ड्राइवर को पीछे सब कुछ बिल्कुल साफ दिखाई देता है. हालांकि, यह लाइनें हमेशा काम नहीं करती. इसके लिए गाड़ी में एक स्विच होता है, जिसका इस्तेमाल ड्राइवर तब करता है जब उसे इन डीफॉगर लाइनों की जरूरत पड़ती है.
यह लाइने काम कैसे करती हैं
हमने आपको पहले ही बता दिया है कि यह डीफॉगर लाइने पूरी तरह से मेटल से बनी होती हैं और इनका स्विच गाड़ी में ही ड्राइवर के पास होता है. दरअसल, जब ड्राइवर को पीछे शीशे से कुछ नहीं दिखाई देता तब वह डिफॉगर लाइनों को चालू कर देता है. जैसे ही इन्हें शुरू किया जाता है, मेटल से बनी यह लाइने गर्म होने लगती हैं और गाड़ी के पीछे वाले कांच भी मौजूद कोहरा या फिर बारिश की बूंदे सूख जाती हैं और ड्राइवर को सब कुछ साफ-साफ दिखाई देने लगता है.
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