भगत सिंह की यह तस्वीर दिल्ली के इस फोटो स्टूडियो में खींची गई थी, जानिए इसके पीछे की कहानी
हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी के जिन सदस्यों ने काउंसिल असेंबली में बम फेंकने का प्लान बनाया था, उन्हीं लोगों ने भगत सिंह को स्टूडियो में ले जाकर उनकी एक फोटो खींचने का भी प्लान बनाया था.

भगत सिंह की सबसे लोकप्रिय तस्वीर गोल टोपी के साथ अपने भी देखी होगी. 15 अगस्त हो या 26 जनवरी... किसी भी दिन जब लोगों को भगत सिंह को याद करना होता है तो वह अपने सोशल मीडिया पर ज्यादातर भगत सिंह की यही तस्वीर पोस्ट करते हैं. वैसे तो भारत में भगत सिंह को बच्चा-बच्चा हर दिन याद करता है, लेकिन देश में कुछ खास दिन ऐसे हैं, जब आपको हिंदुस्तान के तमाम सोशल मीडिया हैंडल भगत सिंह की तस्वीरों से पटे मिलेंगे. इस तस्वीर में टोपी के साथ मूछों में भगत सिंह एक ऐसे क्रांतिकारी लग रहे हैं... जिनकी आंखों में ज्वाला धधक रही हो. लेकिन क्या आपने कभी जानने की कोशिश की कि आखिर भगत सिंह की यह चर्चित तस्वीर कब और कहां खींची गई थी. अगर आप नहीं जानते तो हम आपको आज यहां बता देते हैं.
कहां खींची गई थी यह चर्चित तस्वीर
भगत सिंह की यह चर्चित तस्वीर 8 अप्रैल 1929 को सेंट्रल असेंबली में बम फेंकने से पहले खींची गई थी. दरअसल, अप्रैल 1929 में भगत सिंह और उनके साथी बटुकेश्वर दत्त दिल्ली पहुंच गए थे. आज जहां भारत का संसद भवन है एक जमाने में उसे काउंसिल हाउस कहा जाता था. सेफ्टी बिल पेश होने से 2 दिन पहले यानी 6 अप्रैल 1929 को भगत सिंह अपने साथी बटुकेश्वर दत्त के साथ काउंसिल हाउस के असेंबली हॉल तक गए और जायजा लिया के ऑपरेशन को कैसे अंजाम दिया जा सकता है. हालांकि, इसी के ठीक 2 दिन पहले यानी 4 अप्रैल को भगत सिंह दिल्ली के एक स्टूडियो में गए थे और यहां पर उन्होंने यह चर्चित तस्वीर खिंचाई. जिस स्टूडियो में भगत सिंह गए थे, वह दिल्ली के कश्मीरी गेट इलाके में स्थित रामनाथ स्टूडियो है.
तस्वीर खिंचवाने के पीछे की कहानी क्या है
दरअसल, हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी के जिन सदस्यों ने काउंसिल असेंबली में बम फेंकने का प्लान बनाया था, उन्हीं लोगों ने भगत सिंह को स्टूडियो में ले जाकर उनकी एक फोटो खींचने का भी प्लान बनाया था. फोटो खिंचाते वक्त उन्होंने फोटोग्राफर को निर्देश दिया था कि उनका दोस्त उनसे दूर जा रहा है... इसलिए उसकी एक अच्छी सी तस्वीर खींच दी जाए. हालांकि, इसके पीछे की असली कहानी यह है कि भगत सिंह की इच्छा थी कि उनकी गिरफ्तारी के बाद उनकी यह तस्वीर भारत में जगह-जगह पर पब्लिश करा दी जाए. इसी के चलते हिंदुस्तान के कई अखबारों तक यह तस्वीर पहुंची और आज यह तस्वीर पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा चर्चित है.
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Source: IOCL





















