एक्सप्लोरर

Delhi Govt Vs LG: कभी एलजी बॉस तो कभी चुनी हुई सरकार को अधिकार, ये है राजधानी दिल्ली में टकराव की पूरी कहानी

Delhi Govt Conflict With LG: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि संबंधित सेवाओं को छोड़कर बाकी अधिकार दिल्ली सरकार को दिए जाने चाहिए. जिसके बाद केजरीवाल सरकार जश्न मना रही है.

Delhi Govt Conflict With LG: दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल की अदावत काफी पुरानी है, जहां अधिकारों को लेकर लगातार जंग छिड़ी रहती है. केंद्र सरकार की तरफ से नियुक्त उपराज्यपाल और चुनी हुई दिल्ली सरकार के बीच इस लड़ाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट का एक और फैसला आया, जिसमें दिल्ली सरकार को ही दिल्ली का असली बॉस बताया गया. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि चुनी हुई सरकार को ही फैसले लेने का अधिकार होना चाहिए. इस फैसले के बाद दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने इसे अपनी जीत बताया और अब अधिकारियों के तबादले शुरू हो चुके हैं. आइए समझते हैं क्यों दिल्ली में हमेशा से टकराव की स्थिति बनी होती है और कब-कब दिल्ली का बॉस बदलता रहा. 

सीएम को ही बताया दिल्ली का बॉस
ताजा मामले की बात करें तो सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि संबंधित सेवाओं को छोड़कर बाकी अधिकार दिल्ली सरकार को दिए जाने चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान की सीमाओं के तहत एक लोकतांत्रिक सरकार में, प्रशासन की वास्तविक शक्ति निर्वाचित सरकार के हा‌थों में होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद ये साफ हो चुका है कि दिल्ली में सीएम ही असली बॉस होंगे, वहीं एलजी को सरकार की सलाह से ही काम करना होगा. 

सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसलों और केंद्र सरकार के कानून की बात करने से पहले समझ लेते हैं कि दिल्ली बाकी राज्यों से कैसे अलग है. साथ ही जानेंगे कि दिल्ली में किसे क्या अधिकार दिए गए हैं. 

बाकी राज्यों से कैसे अलग है दिल्ली?
दरअसल दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है, लेकिन बाकी केंद्र शासित प्रदेशों से यहां कुछ नियम अलग हैं. साल 1991 में संविधान में संशोधन किया गया था, जिसके बाद अनुच्छेद 239AA और 239AB प्रभाव में आए. दिल्ली में इन दोनों के तहत की कामकाज होता है. बाकी केंद्र शासित प्रदेशों में अनुच्छेद 239 लागू होता है. 

क्या है अनुच्छेद 239AA और 239AB
अब अनुच्छेद 239AA के तहत ही ये बताया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के प्रशासक उपराज्यपाल होंगे. बाकी तमाम राज्यों के राज्यपालों की तुलना में दिल्ली के एलजी यानी उपराज्यपाल के पास ज्यादा शक्तियां होती हैं. 239AA के तहत ही दिल्ली सरकार के पास कानून व्यवस्था, पुलिस और भूमि से जुड़े अधिकार नहीं हैं. इन तीनों मामलों पर दिल्ली सरकार कुछ नहीं कर सकती. केंद्र सरकार को इन तीनों को देखना होता है. इसमें कहा गया है कि सरकार के साथ मतभेद होने पर एलजी उस मामले को राष्ट्रपति को भेज सकते हैं. 

इसके अलावा अनुच्छेद 239AB में आपातकाल की स्थिति को बताया गया है. यानी अगर दिल्ली में कुछ ऐसा होता है, जिससे आपातकाल लगाने की संभावनाएं बढ़ती हैं तो इसके तहत एलजी इमरजेंसी की सिफारिश कर सकते हैं. सरकार ठीक से नहीं चल पाने की स्थिति में एलजी राष्ट्रपति से इमरजेंसी लगाने की सिफारिश कर सकते हैं.  

ऐसे बदलते रहे दिल्ली के बॉस
अब दिल्ली सरकार में विवाद की बात करते हैं और आपको बताते हैं कि कब-कब दिल्ली का बॉस बदलता रहा. पिछले करीब 8 साल से दिल्ली की सत्ता में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी है. वहीं केंद्र की सत्ता में बीजेपी काबिज है. जिसकी वजह से लगातार दिल्ली सरकार और एलजी के बीच टकराव होता रहा है. मामला कई बार सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है और हर बार हाई वोल्टेज ड्रामा भी देखने को मिला है. 

ऐसे शुरू हुआ विवाद
अरविंद केजरीवाल ने सरकार बनाते ही 2015 में एक आदेश दिया कि जमीन, पुलिस और कानून व्यवस्था से जुड़ी तमाम फाइलें पहले उनके पास आनी चाहिए. इसके बाद उन्हें एलजी के पास भेजा जाएगा. तब दिल्ली में नजीब जंग उपराज्यपाल थे, जिन्होंने इस आदेश को लागू करने से इनकार कर दिया. इसके बाद तत्कालीन एलजी नजीब जंग ने एक बड़ा फैसला लिया और दिल्ली सरकार की तरफ से नियुक्त किए गए तमाम अधिकारियों की नियुक्ति को रद्द कर दिया. एलजी ने कहा था कि नियुक्ति का अधिकार उन्हें है. 

हाईकोर्ट ने एलजी को बताया था बॉस
यहां से अफसरों के ट्रांसफर और नियुक्ति का मामला उठा और दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट का रुख किया. दिल्ली हाईकोर्ट ने अगस्त 2016 में बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि दिल्ली में एलजी ही असली बॉस हैं. ये दिल्ली सरकार के लिए एक बड़े झटके की तरह था. हाईकोर्ट ने कहा था कि प्रशासनिक मामलों में एलजी की सहमति जरूरी है और मंत्रिमंडल कोई भी फैसला लेने से पहले उसे एलजी को भेजेगा. 

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
हाईकोर्ट से बड़ा झटका मिलने के बाद केजरीवाल सरकार की तरफ से इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. मामले की लंबी सुनवाई के बाद 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए साफ किया कि चुनी हुई सरकार ही दिल्ली की असली बॉस होगी. तब भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पुलिस, जमीन और कानून-व्यवस्था को छोड़कर बाकी सभी अधिकार दिल्ली सरकार के पास ही हैं. 

केंद्र सरकार लाई एनसीटी बिल 
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद केंद्र सरकार की तरफ से संसद में एक बिल लाया गया, जिसमें एलजी और दिल्ली सरकार की शक्तियों को परिभाषित किया गया था. इस बिल में साफ तौर पर कहा गया था कि "दिल्ली में सरकार का मतलब उपराज्यपाल है." बिल पेश होने के बाद आम आदमी पार्टी और बाकी विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया, लेकिन भारी हंगामे के बीच गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली बिल 2021 को दोनों सदनों से पास कर दिया गया. इसके बाद इसे नोटिफाई भी किया गया, जिसके खिलाफ बाद में दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची. 

लंबी लड़ाई के बाद दिल्ली सरकार की जीत
अब 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर दिल्ली सरकार को राहत देते हुए सेवाओं के मामले में अधिकार दे दिए हैं. यानी अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति को लेकर अब दिल्ली सरकार के मंत्रालय फैसला ले सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से एलजी की शक्तियों को भूमि, पुलिस और कानून व्यवस्था तक ही सीमित कर दिया है. हालांकि इमरजेंसी या किसी बड़े मामले को लेकर एलजी फैसला ले सकते हैं या फिर इसे राष्ट्रपति को भेजा जा सकता है. फिलहाल दिल्ली सरकार 8 साल की लंबी लड़ाई के बाद जीत का जश्न मना रही है, लेकिन पिछले 8 साल का इतिहास बताता है कि किसी भी मोड़ पर ये टकराव फिर से शुरू हो सकता है. 

इसका ताजा उदाहरण भी देखने को मिल गया है. दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलते ही अधिकारियों के तबादले शुरू कर दिए, सबसे पहले सर्विसेज विभाग के सचिव का ट्रांसफर किया गया, लेकिन अब तक केंद्र ने इस पर अमल नहीं किया है. जिसे लेकर आम आदमी पार्टी फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है, AAP की तरफ से इसे कोर्ट की अवमानना बताया गया है. आगे भी दिल्ली सरकार बनाम एलजी या केंद्र के बीच होने वाली इसी तरह की कई लड़ाई देखने को मिल सकती हैं. 

ये भी पढ़ें - महाराष्ट्र में शरद पवार के चक्रव्यूह में फंसी बीजेपी? जानें किन मोर्चों पर खड़ी करेंगे चुनौती- ये है पूरा खेल

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India-Canada Row: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
Advertisement
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Muslim OBC Reservation: आरक्षण पर घमासान..मोदी-योगी और मुसलमान | CM Yogi | Loksabha Election 2024Crime News: सोनीपत में ट्रिपल मर्डर का 'शैतान' !, भाई, भाभी और भतीजे का मर्डर | सनसनीशकील पर सस्पेंस...कौन था वो हिटमैन ?, सोशल मीडिया के दावों की पड़ताल | ABP NewsSwati Maliwal Case: मालीवाल केस में चश्मदीद और नार्को टेस्ट, Kejriwal के ड्राइंग रूम में क्या हुआ ?

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India-Canada Row: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
Lok Sabha Elections 2024: सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
The Family Man 3 OTT Updates: 'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
Embed widget