पद्मावती विवाद: केंद्र ने कहा- सेंसर बोर्ड को अपना काम करने दें, योगी बोले- भंसाली भी दोषी
योगी आदित्यनाथ ने पद्मावती फिल्म को लेकर हो रहे विवाद के लिए इसके निर्माता संजय लीला भंसाली को समान रूप से दोषी ठहराते हुए कहा कि भंसाली को जनभावनाओं से खेलने की आदत हो गयी हैं.

गोरखपुर/नई दिल्ली/जयपुर: फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्र सरकार ने कहा कि सेंसर बोर्ड को अपना काम करने देना चाहिए. दूसरी तरफ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि फिल्म के निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली भी धमकी देने वाले समूहों की तरह दोषी हैं.
इस बीच, केंद्र सरकार के मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि फिल्म का विरोध कर रहे लोगों को पहले ‘पद्मावती’ देखनी चाहिए. सिंह ने बताया, ‘‘मेरी राय बहुत साफ है. कुछ ऐतिहासिक तथ्य हो सकता है कि हमारी सोच के अनुसार नहीं हों. विरोध करने वालों को पहले फिल्म देखनी चाहिए. यदि उन्हें ऐसा कुछ दिखता है जिससे उनकी भावनाएं आहत हो रही हैं तो वे निर्माताओं से कह सकते हैं कि उन हिस्सों को हटाएं.’’
बहरहाल, फिल्म को बॉलीवुड की हस्तियों का समर्थन मिलने का सिलसिला जारी है. फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी की भूमिका निभाने वाले अभिनेता रणवीर सिंह ने कहा कि वह 200 फीसदी इस फिल्म के साथ हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पद्मावती फिल्म को लेकर हो रहे विवाद के लिए इसके निर्माता संजय लीला भंसाली को समान रूप से दोषी ठहराते हुए कहा कि भंसाली को जनभावनाओं से खेलने की आदत हो गयी हैं.
योगी ने गोरखपुर में संवाददाताओं से कहा, 'किसी को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है, चाहे वो संजय लीला भंसाली हों या फिर कोई और.' उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि अगर :फिल्म और उसके कलाकारों को लेकर: धमकी देने वाले दोषी हैं तो ये भंसाली भी कम दोषी नहीं है.' योगी ने कहा, 'भंसाली जन भावनाओं से खेलने के आदी हो चुके हैं.' उन्होंने कहा कि अगर कार्रवाई होगी तो दोनों पक्षों पर समान रूप से होगी.
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का कहना है कि पद्मावती फिल्म में आवश्यक बदलाव किये बगैर उसे प्रदेश में रिलीज करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि सेंसर बोर्ड को अपना काम करने देना चाहिए. उन्होंने संवाददाताओं की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, ‘‘सेंसर बोर्ड का गठन इसी मकसद से किया गया है. उसे अपना काम करने दीजिए.’’
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Source: IOCL






















