BUDGET 2019: मिडिल क्लास को टैक्स, लोन के मोर्चे पर मिल सकती है ये बड़ी राहत
अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनाव से पहले मोदी सरकार के लिए ये आखिरी मौका है जब वो कुछ लोक-लुभावन फैसलों का एलान करके चुनाव में कुछ फायदा ले सकती है.
नई दिल्लीः बजट पेश होने में जहां 2 दिन बाकी रह गए हैं तो लोगों की उत्सुकता अपने चरम पर है कि इस बार बजट में आम जनता के लिए क्या फायदेमंद घोषणाएं सामने आ सकती हैं. सबसे ज्यादा मिडिल क्लास बजट की तरफ उम्मीदों भरी नजरों से देख रहा है कि इस बार वित्त मंत्री उसे कुछ ऐसी सौगात दे दें जिससे उसकी आमदनी बढ़ जाए या वो ज्यादा बचत करने में सक्षम हो सके.
इस बार के बजट को देखें तो सरकार चार तरह के मुख्य फायदे मिडिल क्लास को दे सकती है. ऐसा सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है
1. इनकम टैक्स से जुड़े फायदेः फिलहाल ढाई लाख रुपये तक की आय पर लोगों को कोई टैक्स नहीं देना होता है. सूत्रों के मुताबिक इस टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 4 लाख रुपये तक किया जा सकता है. लंबे समय से टैक्स स्लैब में बदलाव करने की मांग की जा रही है. मौजूदा टैक्स स्लैब को देखें तो
ढाई लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता है. ढाई लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की आय वर्ग वालों को 5 फीसदी की दर से टैक्स देना होता है. 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय वालों को 20 फीसदी की दर से टैक्स देना होता है. 10 लाख रुपये से ज्यादा आय इनकम वालों पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. इसके अलावा हेल्थ और एजूकेशन सेस लगता है जो कि इनकम टैक्स का 4 फीसदी होता है.
2. पेंशनर्स के लिए फायदे इस बजट में सरकार पेंशनर्स के लिए इनकम टैक्स से जुड़े फायदों का एलान कर सकती है. जब वित्त मंत्री अरुण बजटीय प्रावधानों पर चर्चा कर रहे थे तो खबर आई थी कि मिडिल क्लास और पेंशनर्स को इनकम टैक्स से छूट देने के लिए वो टैक्स विभाग के साथ चर्चा कर रहे हैं. अब अगर अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल इसको लेकर कुछ घोषणा करते हैं तो सैलरीड क्लास और मिडिल क्लास जनसंख्या को ज्यादा पैसे बचाने में मदद मिल पाएगी.
3. हाउसिंग लोन के ब्याज पर छूट में बढ़ोतरी: सूत्रों के मुताबिक मिली जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्रालय हाउसिंग लोन के ब्याज पर छूट बढ़ाने की तैयारी कर रहा है. इस तरह से सरकार मिडिल क्लास को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है.
होम लोन की ईएमआई में दो कारक होते हैं - प्रिंसिपल अमाउंट का पेमेंट और ब्याज (इंटरेस्ट) का पेमेंट. प्रिंसिपल अमाउंट के पेमेंट पर आयकर कानून की धारा 80 सी और ब्याज पर धारा 24 (बी) के तहत टैक्स कटौती का फायदा ले सकते हैं. धारा 80सी के तहत साल में आपकी कुल टैक्सेबल इनकम से 1.5 लाख रुपये के प्रिंसिपल अमाउंट के रीपेमेंट पर अधिकतम कटौती की मंजूरी दी जाती है. 80 सी के तहत मिलने वाली टैक्स कटौती में रजिस्ट्रेशन और स्टाम्प ड्यूटी चार्ज जैसे व्यय भी शामिल होते हैं जिन्हें पेमेंट किये जाने वाले साल में ही क्लेम किया जा सकता है.
इनकम टैक्स कानून की धारा 24 के तहत, खुद खरीदी गई प्रॉपर्टी के इंटरेस्ट पर 2 लाख रुपये की अधिकतम टैक्स कटौती हासिल कर सकते हैं. होम लोन पर चुकाये गये ब्याज पर टैक्स में कटौती कंस्ट्रक्शन के समय से लेकर काम पूरा होने तक के समय में हासिल की जा सकती है. इस फायदे को लेने के लिए, लोन का आवेदन घर के निर्माण के लिए करना चाहिये और लोन लेने के 5 साल के भीतर घर का कंस्ट्रक्शन पूरा हो जाना चाहिए.
4. बचत की सीमा में बढ़ोतरीः इसके अलावा सरकार बचत की सीमा बढ़ाने पर भी काम कर रही है और इससे सबसे ज्यादा फायदा मिडिल क्लास को ही होगा. अभी इसको लेकर निश्चित खबर नहीं आई है. बचत योजनाओं के जरिए सेविंग की सीमा में बढ़ोतरी के साथ इनकम टैक्स में फायदे और होम लोन के ब्याज पर ज्यादा छूट देकर सरकार साफ तौर पर मिडिल क्लास को कम अवधि में बड़े फायदे पहुंचाकर लोकसभा चुनाव की बिसात पर जीत हासिल करना चाहती है.
इस लोक सभा के कार्यकाल का ये बजट सत्र आखिरी बजट सत्र होगा. अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनाव से पहले मोदी सरकार के लिए ये आखिरी मौका है जब वो कुछ लोक-लुभावन फैसलों का एलान करके चुनाव में कुछ फायदा ले सकती है.
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