सेव अर्थ मिशन ने 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान का किया भव्य शुभारंभ – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हरित भारत के स्वप्न को समर्पित एक ऐतिहासिक पहल
सेव अर्थ मिशन ने अपने मुख्यालय पर "क्लीन क्लाइमेट संकल्प उत्सव – 2025" के भव्य आयोजन के साथ "एक पेड़ मां के नाम" अभियान की ऐतिहासिक शुरुआत की.

अहमदाबाद, 25 मई 2025: भारत के हरित भविष्य की ओर एक निर्णायक कदम उठाते हुए, सेव अर्थ मिशन ने अपने मुख्यालय पर "क्लीन क्लाइमेट संकल्प उत्सव – 2025" के भव्य आयोजन के साथ "एक पेड़ मां के नाम" अभियान की ऐतिहासिक शुरुआत की. इस आयोजन में देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों पर्यावरण प्रेमियों, स्वयंसेवकों, समाजसेवियों, कॉरपोरेट प्रतिनिधियों, छात्र-छात्राओं और वरिष्ठ नागरिकों ने भाग लिया. इस अभियान का उद्देश्य है- हर भारतीय को अपनी मां के सम्मान में कम से कम एक वृक्ष लगाने के लिए प्रेरित करना.
यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "हरित भारत" के उस स्वप्न को समर्पित है, जिसमें देश का प्रत्येक नागरिक पर्यावरणीय संरक्षण को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाए. सेव अर्थ मिशन का संकल्प है कि वर्ष 2040 तक 3000 करोड़ वृक्षों का रोपण किया जाएगा – यह अब तक का सबसे बड़ा सामाजिक वानिकी मिशन बन सकता है, जिसकी विश्व स्तर पर मिसाल दी जाएगी.
एक पेड़ मां के नाम: भावना और उद्देश्य
"एक पेड़ मां के नाम" कोई सामान्य वृक्षारोपण अभियान नहीं है, बल्कि यह हर व्यक्ति के भीतर छिपी उस भावनात्मक चेतना को जगाने का प्रयास है जो मां के प्रति स्नेह और धरती मां के प्रति कर्तव्य के रूप में एक साथ प्रकट होती है. जब एक बेटा या बेटी अपनी मां के सम्मान में एक पेड़ लगाता है, तो वह प्रकृति को एक नया जीवन देने जैसा होता है. यह एक आंदोलन है, एक आत्मीयता है, और एक राष्ट्रीय जिम्मेदारी भी.

कार्यक्रम की प्रमुख झलकियाँ
कार्यक्रम की शुरुआत शाम 7:00 बजे गणेश वंदना, दीप प्रज्वलन और स्वागत उद्बोधन से हुई. इसके पश्चात देशभर से आए वरिष्ठ समाजसेवियों, पर्यावरण कार्यकर्ताओं एवं गणमान्य अतिथियोंने अपने संक्षिप्त लेकिन विचारोत्तेजक वक्तव्यों के माध्यम से अभियान की दिशा को ऊर्जा प्रदान की.
7:20 PM से 9:00 PM तक – सभी मान्यवरों ने “एक पेड़ मां के नाम" विषय पर अपने विचार व्यक्त किए.
9:00 PM से 9:45 PM तक – सेव अर्थ मिशन के नेशनल प्रेसिडेंट (इंडिया चैप्टर) संदीप चौधरी ने “दुनिया का सबसे बड़ा क्लाइमेट चेंज केस स्टडी - एक पेड़ मां के नाम” विषय पर गहन व्याख्यान प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे सामूहिक भागीदारी से हम जलवायु संकट को मात दे सकते हैं.
कार्यक्रम के दौरान भव्य रात्रिभोज और सहभागिता संवाद सत्र का भी आयोजन हुआ, जिससे सभी प्रतिनिधियों और आगंतुकों को परस्पर संवाद का अवसर प्राप्त हुआ.
गौरवशाली उपस्थिति
कार्यक्रम की गरिमा को विशेष बनाया उन महानुभावों की उपस्थिति ने, जो अपने-अपने क्षेत्रों में पर्यावरण सामाजिक सेवा और नवाचार के प्रतीक हैं:
मन मोहन अग्रवाल - जिनका नाम 7 बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है, उन्होंने कहा: "यह अभियान आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य उपहार है. जब हम प्रकृति को देते हैं, तो वह हमें जीवन लौटाती है."
सी. के. उनडकट, Urbanization Rethinking पहल के संस्थापक, ने कहा: “शहरों की प्रगति और प्रकृति की रक्षा साथ-साथ चल सकती है- बशर्ते हमारे पास ऐसी सोच हो जैसी सेव अर्थ मिशन दिखा रहा है."
वरिष्ठ समाजसेवी कल्याण चंपावत ने कहा: “यह केवल वृक्षारोपण नहीं, एक जन-जागरण है जिसमें हर नागरिक की सहभागिता अनिवार्य है."
भविष्य की दिशा
"एक पेड़ मां के नाम" अभियान केवल एक दिन का आयोजन नहीं है, यह एक दीर्घकालीन जन-आंदोलन है. सेव अर्थ मिशन आने वाले महीनों में देशभर में करोड़ों लोगों को जोड़ते हुए सामुदायिक वृक्षारोपण, ग्रीन स्कूल कार्यक्रम, डिजिटल ट्रैकिंग (CleanClimate App) और पर्यावरणीय शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लेकर चल रहा है.
सेव अर्थ मिशन के इस ऐतिहासिक अभियान के पीछे यह भावना है किः "एक पेड़ लगाइए, एक मां को सम्मान दीजिए, एक पीढ़ी को जीवन दीजिए."
(Disclaimer: एबीपी नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड और/या एबीपी लाइव किसी भी तरह से इस लेख की सामग्री और/या इसमें व्यक्त विचारों का समर्थन नहीं करता है. पाठक को विवेक की सलाह दी जाती है.)


















