भारत का पहला पेट–यकृत–प्लीहा शुद्धि किट, आयुर्वेद गुरु आचार्य मनीष जी द्वारा लॉन्च
आयुर्वेद विशेषज्ञ आचार्य मनीष जी ने पेट, लीवर और स्प्लीन को शुद्ध करने वाली पहली डिटॉक्स किट पेश की है. यह किट पाचन सुधारने, लीवर को स्वस्थ रखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है.

लखनऊ (उत्तर प्रदेश), अगस्त 23: आयुर्वेद और रोकथाम स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम के तहत, प्रतिष्ठित आयुर्वेद सुधारक आचार्य मनीष जी ने पेश किया पेट-यकृत प्लीहा शुद्धि किट, जो भारत का पहला समग्र डिटॉक्स प्रोटोकॉल है. यह किट पेट (आंत), यकृत (लीवर) और प्लीहा (स्प्लीन) को एक साथ शुद्ध करने के लिए तैयार किया गया है.
दशकों से, आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान एक तथ्य पर जोर देते आए हैं: अधिकतर क्रॉनिक बीमारियों की शुरुआत खराब पाचन और शरीर में विषाक्त पदार्थों के जमा होने से होती है. आज के बढ़ते जीवनशैली संबंधी रोग-जैसे डायबिटीज़, फैटी लीवर, हाई ब्लड प्रेशर, हार्मोनल असंतुलन, थकान और कम होती प्रतिरक्षा- अक्सर पेट-लीवर-स्प्लीन अक्ष की गड़बड़ी से जुड़े होते हैं. यह किट सीधे इस मूल कारण को लक्षित करता है, जहाँ प्राचीन आयुर्वेदिक सिद्धांतों को आधुनिक क्लिनिकल वैलिडेशन के साथ जोड़कर एक सरल लेकिन प्रभावशाली प्रिवेंटिव हेल्थ सॉल्यूशन पेश किया गया है.
लखनऊ में किट लॉन्च करते हुए आचार्य मनीष जी ने कहा, "हम अक्सर तब ही बीमारी का सामना करते हैं जब वह हमारे जीवन में व्यवधान डाल देती है. आयुर्वेद हमें सिखाता है कि शरीर को पहले से तैयार करना चाहिए. डिटॉक्सिफिकेशन कोई विलासिता नहीं, बल्कि ज़रूरी रखरखाव है. पेट-यकृत-प्लीहा शुद्धि किट केवल रोगियों के लिए नहीं, बल्कि आज के विषाक्त वातावरण में जी रहे हर व्यक्ति के लिए है."
आयुष मंत्रालय द्वारा अनुमोदित, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों जैसे कुटकी, कालमेघ, गिलोय, हरितकी, भूमि आमला और आमला को एक चार सप्ताह के डिटॉक्स प्रोग्राम में शामिल करती है. यह शास्त्रीय आयुर्वेदिक ज्ञान पर आधारित है और पेट, यकृत और प्लीहा को लक्षित कर शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, पाचन सुधारने, लीवर के कार्य को बहाल करने और प्रतिरक्षा बढ़ाने में मदद करती है.
आज के बढ़ते प्रदूषण, अस्वस्थ खान-पान और तनाव से होने वाले विषाक्त भार को कम करने में यह किट मददगार है. जमा अपशिष्ट को हटाकर -जो कई जीवनशैली संबंधी रोगों का मूल कारण है- यह पाचन संबंधी समस्याएं जैसे अपच, गैस, एसिडिटी और कब्ज़ से राहत देती है, साथ ही लीवर और स्प्लीन को पुनर्जीवित करती है, थकान, हार्मोनल असंतुलन और भावनात्मक तनाव को कम करती है.
इस लॉन्च के साथ शुद्धि की व्यापक आयुर्वेदिक समाधानों की श्रृंखला का पहला कदम रखा गया है, जिसमें शामिल हैं: बीपी केयर किट, डायबिटीज़ केयर किट, डिप्रेशन और एंग्जायटी केयर किट, लीवर केयर किट, किडनी केयर किट, थायरॉयड केयर किट, फेफड़े केयर किट, जॉइंट्स केयर किट, कैंसर केयर किट, हार्ट केयर किट, सेक्सुअल वेलनेस किट, आई केयर किट और इम्यूनिटी केयर किट.
पेट-यकृत-प्लीहा शुद्धि किटअब https://store.jeenasikho.com/ अमेज़न, फ्लिपकार्ट, टाटा 1mg और भारत भर की प्रमुख फ़ार्मेसियों पर उपलब्ध है. इसके लॉन्च के साथ एक राष्ट्रीय जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य हर घर में रोकथाम स्वास्थ्य की आदतें बढ़ाना है.
जीना सीखो लाइफकेयर लिमिटेड के बारे में
आचार्य मनीष जी द्वारा स्थापित, जीना सीखो लाइफकेयर लिमिटेड भारत की सबसे तेजी से बढ़ती इंटीग्रेटिव हेल्थकेयर कंपनियों में से एक है. यह पब्लिकली लिस्टेड कंपनी देशभर में 125 से अधिक अस्पताल और क्लिनिक चला रही है, जिनके पीछे 900 से अधिक मेडिकल विशेषज्ञों की टीम का समर्थन है. अपनी कंपनियों शुद्धि आयुर्वेद और एचआईआईएमएस हॉस्पिटल्स के माध्यम से, जीना सीखो आयुर्वेदिक, नेचुरोपैथिक और होलिस्टिक थेरेपी प्रदान करता है और 100 से अधिक प्रोप्रीटरी फॉर्मूलेशन्स का पोर्टफोलियो भी विकसित कर चुका है. समय के साथ, कंपनी और आचार्य मनीष जी को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता भी मिली है, जिसमें राजीव गांधी ग्लोबल एक्सीलेंस अवार्ड और इंडियन आइकोनिक अवार्ड शामिल हैं, जो उनके प्रिवेंटिव हेल्थकेयर और वेलनेस शिक्षा में योगदान को रेखांकित करते हैं.
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