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सीबीएम इंडिया और एसबीआई फाउंडेशन ने मध्य प्रदेश में 200 दिव्यांग बच्चों को सशक्त बनाने हेतु नई परियोजना की शुरुआत की

यह परियोजना गांवों में रहने वाले दिव्यांग बच्चों तक आवश्यक चिकित्सीय सेवाएं, सहायक साधन और शैक्षिक सहयोग पहुंचाती है, जहां ऐसी सुविधाएं सामान्यतः उपलब्ध नहीं होतीं.

मध्य प्रदेश: सीबीएम इंडिया ने एसबीआई फाउंडेशन के साथ साझेदारी में एक नई तीन वर्षीय परियोजना की शुरुआत की है, जिसका उ‌द्देश्य नर्मदापुरम ज़िले के 200 दिव्यांग बच्चों को शैक्षिक और चिकित्सीय सहयोग प्रदान करना.

यह परियोजना सीबीएम इंडिया द्वारा एसबीआई फाउंडेशन के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर पर्सन्स विद डिसएबिलिटीज़ के तहत लागू की जा रही है, जो फाउंडेशन के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है. यह नर्मदापुरम और बाबई खंडों में लागू होगी, जिन्हें इस क्षेत्र में देखी गई आवश्यकताओं के आधार पर चुना गया है. यद्यपि कई दिव्यांग बच्चे स्कूलों में नामांकित हैं, लेकिन सहायक उपकरण, चिकित्सीय सेवाओं और समावेशी शिक्षा वातावरण तक उनकी पहुँच अभी भी सीमित है. परिवारों के पास अक्सर उपलब्ध सहयोग के बारे में जानकारी की कमी होती है और आर्थिक सीमाएं उन्हें निजी देखभाल प्राप्त करने से रोकती हैं. सीबीएम इंडिया पहले से ही इन दोनों खंडों में स्थानीय समुदायों के साथ अपने पूर्व पहलों के माध्यम से सक्रिय उपस्थिति दर्ज कर चुका है.

इन ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए परियोजना के तहत दो समावेशी चिकित्सीय केंद्र स्थापित किए गए हैं – नर्मदापुरम में एक विस्तारित केंद्र और बाबई में एक नया केंद्र. इन केंद्रों में शारीरिक चिकित्सा (फिजियोथेरेपी), व्यावसायिक चिकित्सा (ऑक्यूपेशनल थेरेपी) और वाक् चिकित्सा (स्पीच थेरेपी) सहित विभिन्न सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी. साथ ही, प्रत्येक बच्चे के लिए विस्तृत मूल्यांकन कर व्यक्तिगत हस्तक्षेप योजना बनाई जाएगी. जिन बच्चों के लिए यात्रा करना संभव नहीं होगा, उनके लिए चिकित्सक और विशेष शिक्षक घर पर जाकर गतिशीलता, संवाद और दैनिक जीवन कौशल में सहयोग देंगे. परियोजना के अंतर्गत 200 अनुकूलित सहायक उपकरण जैसे मस्तिष्क पक्षाघात हेतु विशेष कुर्सी (सेरेब्रल पाल्सी चेयर), सुधारात्मक उपकरण (ऑर्थोटिक्स) और चलने का सहारा (वॉकर) भी वितरित किए जाएंगे.

इस अवसर पर संजय प्रकाश, प्रबंध निदेशक, एसबीआई फाउंडेशन ने कहा: “यह परियोजना उन बच्चों तक व्यावहारिक सहयोग पहुँचाने के बारे में है, जिनके जीवन में इसका वास्तविक परिवर्तनकारी प्रभाव हो सकता है. यह प्रभाव वाक् चिकित्सा (स्पीच थेरेपी) सत्रों, सही सहायक उपकरणों या होमवर्क में मदद के माध्यम से संभव होगा.. यह एक स्थानीय समाधान है, जो एक गंभीर समस्या का हल है और हमारे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के उद्देश्य अर्थात् दिव्यांगजनों के लिए बेहतर पहुँच सुनिश्चित करने के साथ पूरी तरह अनुरूप है."

सोनी थॉमस, कार्यकारी निदेशक, सीबीएम इंडिया ने कहा: "कई ग्रामीण क्षेत्रों में दिव्यांग बच्चों को चिकित्सीय सेवाओं और शैक्षिक सहयोग की सीमित पहुँच है. दूरी, खर्च और प्रशिक्षित पेशेवरों की कमी के कारण परिवार समय पर देखभाल प्राप्त नहीं कर पाते. इस पहल के माध्यम से हम इस स्थिति को बदलने का प्रयास कर रहे हैं, सेवाओं को घर-घर तक पहुँचाकर, देखभालकर्ताओं को सहयोग देकर और स्थानीय क्षमता का विकास करके. यह ग्रामीण समुदायों के रोज़मर्रा जीवन का हिस्सा बनाकर प्रारंभिक हस्तक्षेप और समावेशी शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है."

समानांतर रूप से, यह पहल समुदाय-आधारित लर्निंग ग्रुप्स के माध्यम से समावेशी शिक्षा को भी बढ़ावा देगी, जिनमें दिव्यांग और गैर-दिव्यांग बच्चे एक साथ शामिल होंगे.

एक सहायक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करने के लिए, 100 जमीनी कार्यकर्ताओं और शिक्षकों को प्रारंभिक पहचान और समावेशी प्रथाओं में प्रशिक्षित किया जाएगा. इसके अतिरिक्त, 400 अभिभावकों को परामर्श और मार्गदर्शन दिया जाएगा ताकि बच्चों के विकास में परिवार की भागीदारी बढ़ाई जा सके.

स्थानीय सेवाओं तक पहुँच का विस्तार करके, यह साझेदारी ग्रामीण क्षेत्रों में दिव्यांग बच्चों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण सहयोग प्राप्त करने में आने वाली पुरानी बाधाओं को दूर करने में मदद करेगी.

सीबीएम इंडिया ट्रस्ट के बारे में:

सीबीएम इंडिया ट्रस्ट एक प्रमुख गैर-लाभकारी विकास संगठन है, जो दिव्यांग व्यक्तियों और अन्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह संगठन दिव्यांग व्यक्तियों, उनके प्रतिनिधि संगठनों, सामुदायिक संगठनों, संस्थानों और सरकार के साथ मिलकर कार्य करता है, ताकि दिव्यांग व्यक्तियों की स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका के अवसरों में पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने में सांस्कृतिक और पर्यावरणीय बाधाओं को दूर किया जा सके. सीबीएम इंडिया एक समावेशी समाज बनाने की दिशा में कार्यरत है, जहाँ दिव्यांग व्यक्ति अपनी पूरी क्षमता को प्राप्त कर सकें. वर्ष 2023-24 में, संगठन ने भारत के 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 32.9 लाख से अधिक लोगों तक अपनी पहुँच बनाई. अधिक जानकारी के लिए देखें: www.cbmindia.org

एसबीआई फाउंडेशन के बारे में:

एसबीआई फाउंडेशन, स्टेट बैंक समूह की सीएसआर (CSR) शाखा है. "सेवा से बढ़कर" की अपनी परंपरा के अनुरूप, फाउंडेशन दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, सतत विकास, आजीविका और कौशल विकास, युवा सशक्तिकरण, खेलों को बढ़ावा देने आदि प्रमुख क्षेत्रों में समुदायों के साथ जुड़ाव के महत्व को मान्यता देता है. इस उ‌द्देश्य से, एसबीआई फाउंडेशन पूरे भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कार्य करता है, और सामाजिक क्षेत्र की प्रभावशाली संस्थाओं के साथ साझेदारी के माध्यम से कई पहलें करता है, ताकि समाज के सबसे कमजोर वर्गों के लिए संसाधनों को उपलब्ध कराकर समावेशी और सतत विकास सुनिश्चित किया जा सके. अधिक जानने के लिए देखें: www.sbifoundation.in

डिस्क्लेमर: एबीपी नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड और/या एबीपी लाइव इस लेख के कॉन्टेंट और/या इसमें व्यक्त विचारों का किसी भी प्रकार से समर्थन/अनुमोदन नहीं करता है. पाठकों को विवेकपूर्ण निर्णय लेने की सलाह दी जाती है.

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