'सीसामऊ में बीजेपी नहीं बल्कि पुलिस प्रशासन...' सपा ने गंभीर आरोप लगाते हुए डीएम को सौंपा ज्ञापन
Sishamau By Election 2024: सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने के बाद खाली हो गई है, इस सीट पर अगले माह 13 नवंबर को उपचुनाव होगा. सपा सहित अन्य दलों की यहां पर चुनावी सरगर्मि बढ़ गई है.
Sishamau Bypoll Election 2024: बीते दिनों निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर अगले माह 13 नवंबर उपचुनाव को कराने का ऐलान किया. इसमें कानपुर की सीसामऊ सीट भी शामिल है. इसका शुमार प्रदेश की हॉट सीटों में किया जाता है.
सीसामऊ विधानसभा सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है. इस सीट पर साल 2012 से सपा का कब्जा है. इस सीट पर बीजेपी ने आखिरी बार साल 1996 में जीत हासिल किया था. इसके बाद साल 2002 से 2012 तक कांग्रेस के संजीव दरियाबादी विधायक रहे है. सीसामऊ में साल 2012 से लगातार तीन बार सपा से इरफान सोलंकी जीत रहे हैं.
वर्तमान में सीसामऊ विधायक हाजी इरफान सोलंकी एक मामले सजा होने के बाद जेल में हैं, दो साल से अधिक सजा होने की वजह से उनकी सदस्यता खत्म होने से ये सीट खाली हो गई है. उपचुनाव में सीसामऊ सीट से सपा ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है.
उपचुनाव की तारीख के ऐलान के बाद सपा की कानपुर जिला इकाई ने तैयारी तेज कर दी है. हालांकि सीसामऊ सीट पर बीजेपी ने अभी तक प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है. इस बीच सपा जिला अध्यक्ष फजल महमूद ने कानपुर पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
सपा ने लगाए गंभीर आरोप
समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी पुलिस और प्रशासन की मदद से उनके सक्रिय कार्यकर्ताओं को धमका रही है परेशान कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि वे चाहते हैं कि वह शहर छोड़ कर चले जाएं जिससे सीसामऊ सीट पर चुनाव प्रभावित हो और भारतीय जनता पार्टी यहां मनमाने ढंग से जीत सके.
कानपुर में समाजवादी पार्टी के कई प्रमुख नेता, जिनमें विधायक, एमएलसी और जिला अध्यक्ष फजल महमूद शामिल थे, जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचे. उनके साथ सपा के कई कार्यकर्ता भी मौजूद थे. सपा नेताओं ने चुनाव की तैयारियों के बीच पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
सपा ने ज्ञापन सौंपते हुए आरोप लगाया कि सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ताओं को बेवजह जांच-पड़ताल के नाम पर धमकाया जा रहा है. कार्यकर्ताओं के मकानों की तस्वीरें खींची जा रही हैं, उनकी जमीनों की जांच की जा रही है और उनके आपराधिक इतिहास को खंगाला जा रहा है, जिससे वे मानसिक रूप से परेशान हैं.
'बीजेपी नहीं प्रशासन लड़ रहा चुनाव'
इस ज्ञापन में सपा के जिला अध्यक्ष फजल महमूद, विधायक हसन रूमी, एमएलसी दिलीप सिंह, कल्लू यादव और पूर्व सांसद राजा रामपाल सहित अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे. नेताओं ने अधिकारियों को अपनी शिकायत में बताया कि किस तरह से पुलिस और प्रशासन पार्टी कार्यकर्ताओं को निशाना बना रहा है.
जिला अध्यक्ष फजल महमूद ने कहा, "यह चुनाव बीजेपी नहीं, बल्कि कानपुर का पुलिस और प्रशासन लड़ रहा है. बीजेपी जीतने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है. पुलिस और प्रशासन के अधिकारी सपा कार्यकर्ताओं को अलग-अलग मामलों में परेशान कर रहे हैं, उनके परिवार और संपत्तियों की जांच की जा रही है."
अधिकारियों ने दिया ये आश्वसन
सपा नेताओं ने चुनाव आयोग से मांग की कि इस सीट पर निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए एक स्वतंत्र अधिकारी नियुक्त किया जाए. पार्टी का कहना है कि बीजेपी प्रशासन की मदद से सपा कार्यकर्ताओं को चुनाव से पहले दबाव में लाकर परिणाम को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है.
समाजवादी पार्टी के नेताओं को अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि उनके चुनाव प्रचार और चुनावी प्रयासों में किसी भी प्रकार का कोई विघ्न और बाधा पैदा नहीं होगी. संबंधित अधिकारियों ने कहा जिस तरह के आरोप सपा की तरफ से लगाए गए हैं, उन सभी आरोपी की जांच कराई जाएगी.
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