Azamgarh: पूर्व प्रधान को उतारा मौत के घाट, नौकरी के झांसे में दिया वारदात को अंजाम
Azamgarh Murder Case: आजमगढ़ में पूर्व प्रधान की हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच शुरू किया था, अब पुलिस ने वारादात का पर्दाफाश करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
Azamgarh News Today: आजमगढ़ के अहरौला थाना क्षेत्र में पूर्व प्रधान श्रीराम चौहान (60) की गोली मारकर हत्या के मामले का खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल तमंचे को भी बरामद कर लिया है. पूर्व प्रधान का हत्यारोपी पूरी तरह से विकलांग है.
दरअसल ये पूरा मामला आजमगढ़ के अहरौला थाना क्षेत्र के आलमपुर गांव का है. पूर्व प्रधान श्रीराम चौहान (60) की हत्या का खुलासा करते हुए वर्तमान प्रधान पति रामसेवक चौहान, दिव्यांग सती राम चौहान समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त तमंचे को भी बरामद कर लिया है.
आरोपी है विकलांग
हत्या आरोपी सती राम चौहान शारीरिक रूप से पूरी तरह से विकलांग है. वह पैरों से चल फिरने में असमर्थ है. इसके बावजूद उसने हत्या जैसे संगीन अपराध को अंजाम दिया.
बुधवार (9 अक्टूबर) को पुलिस लाइन सभागार में एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि 29 सितंबर की आधी रात को अपने नए घर के बरामदे में सो रहे पूर्व प्रधान श्रीराम चौहान की कनपटी पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
उन्होंने बताया कि इस मामले में उनके विश्वसनीय साथी और घटना के समय उनके बगल की चारपाई पर सो रहे दिव्यांग सती राम चौहान को गिरफ्तार किया गया. वह पहले दिन से ही जांच के दायरे में था, क्योंकि बगल में सोने के बाद भी तमंचे से फायरिंग की आवाज नहीं सुनने की बात उसने कही थी.
नौकरी दिलाने का दिया झांसा
पुलिस पूछताछ में सती राम ने बताया कि अपने भाई की पत्नी को गांव में पंचायत सहायिका की नौकरी दिलाने के लिए वर्तमान प्रधानपति राम सेवक चौहान से संपर्क किया था. इसके बाद वर्तमान प्रधान पति ने चुनावी रंजिश और मुकदमेबाजी के चलते पूर्व प्रधान की हत्या करने पर नौकरी के साथ सती राम चौहान को 50 हजार रुपये का लालच दिया गया.
इसके बाद प्रधान के पुत्र सुरेंद्र चौहान और सुरेंद्र के पुत्र शुभम चौहान भी साजिश में शामिल हो गए. घटना वाली रात पूर्व प्रधान श्रीराम चौहान रात में 9 बजे अपने नए घर के बरामदे में रोज की तरह जाकर सो गए, उनके बगल की चारपाई पर सती राम चौहान सो था.
आरोपियों ने 12 बजे मारी गोली
रात में ही सुरेंद्र चौहान ने सती राम को तमंचा उपलब्ध कराया. इसके बाद ठीक 12 बजे सती राम चौहान ने श्री राम चौहान की कनपटी पर फायर कर दिया. रात 12 बजे का समय आरोपियों ने इसलिए तय किया ताकि लोग समझें कि आसपास किसी के यहां बर्थडे को लेकर आतिशबाजी की गई है.
श्री राम चौहान को गोली मारने के बाद दिव्यांग सतीराम मौके पर ही रुक गया जबकि अन्य आरोपी मौके से फरार हो गए. जब मौके पर कोई नहीं आया तो सतीराम ने तसल्ली होने पर तमंचा अपने घर में छुपा दिया.
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