Rajasthan Election Result 2023: पूर्व सीएम भैरों सिंह शेखावत के दामाद की जमानत जब्त, भतीजे की भी हार, क्या हैं सियासी संकेत?
Rajasthan Assembly Election Results 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार कई बड़े उलटफेर हुए हैं. किसी दिग्गज को हार मिली तो कोई पहली बार में ही जीत गया. इसके कई सियासी संकेत माने जा रहे हैं.
Rajasthan Election Result 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार कई बड़े उलटफेर देखने को मिले हैं. कुछ चौंकाने वाले परिणाम भी सामने आये हैं. कई दिग्गजों की हार हुई है. इसके साथ ही किसी को पहली बार में ही जीत मिल गई है. दो सीटों की चर्चा खूब है. एक तो बीजेपी की चित्तौड़गढ़ है और दूसरी कांग्रेस के जयपुर की सिविल लाइंस है. इन दोनों सीटों पर पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत के दामाद और भतीजे मैदान में थे. दोनों की बड़ी हार हुई है. दोनों इन सीटों से कई बार विधायक भी रहे हैं. मगर, इस हार के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. इसकी चर्चा तेज है. जबकि राजस्थान में भैरों सिंह शेखावत का जन्म शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है.
नरपत सिंह राजवी का कटा था टिकट और हुई हार
नरपत सिंह राजवी भैरों सिंह शेखावत के दामाद हैं. चित्तौड़गढ़ से बीजेपी के टिकट पर मैदान में थे. जहां पर उन्हें बड़ी हार मिली है. उनकी जमानत जब्त हो गई है. उन्हें मात्र 19913 मत मिले हैं. 78533 वोटों से हार मिली है. उनकी जमानत जब्त हो गई है. जयपुर जिले की विद्याधर नगर से लगातार तीन बार के विधायक रहे हैं. इस बार उनकी जगह राजसमंद से बीजेपी सांसद दिया कुमारी को मैदान में उतारा था. जिनको बड़े वोटों के अंतर से जीत मिली है. इस सीट पर बीजेपी के बगावती विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने बड़ी जीत दर्ज की है. उन्हें 6823 मतों से जीत मिली है.
सिविल लाइन्स से भतीजे प्रताप की हुई हार
वहीं उधर, भैरों सिंह शेखावत के भतीजे प्रताप सिंह खाचरियावास की सिविल लाइंस सीट से बड़ी हार हुई है. यहां पर भैरों सिंह शेखावत के शिष्य कहे जाने वाले गोपाल शर्मा को बड़ी जीत मिली है. प्रताप यहां से पहले भी विधायक रहे हैं. गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे. गोपाल शर्मा पेशे से पत्रकार हैं. उन्हें भैरों सिंह शेखावत सबसे करीबी माना जाता रहा है. प्रताप को इस बार कुल यहां से वोट मिले हैं 70,332 मात्र जबकि गोपाल शर्मा पहली चुनाव मैदान में थे उन्हें 98, 661 मत मिले हैं. इस बार इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस की सीधी लड़ाई थी. जिसमें यह परिणाम आया है.
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