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Lok Sabha Election 2024: कोटा लोकसभा सीट पर क्या कांग्रेस दे पाएगी BJP को मात? जानें प्रमुख मुद्दा और सियासी समीकरण

Lok Sabha Chunav 2024: कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र में यदि प्रमुख मुद्दों की बात करें तो यहां पर सबसे प्रमुख मुद्दा जो आम जनता से चुडा हुआ है, वह एयरपोर्ट कनेक्टिविटी का है. 

Rajasthan Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की तैयारी अब बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों ही पार्टियों के साथ अन्य दलों ने भी शुरू कर दी है. कोटा संभाग में लोकसभा की दो सीट आती हैं, जिसमें कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र और झालावाड़ बारां लोकसभा सीट है. यह दोनों ही सीट लंबे समय से बीजेपी के पास है. इसे बीजेपी का गढ़ माना जाता है, जिसे भेद पाना कांग्रेस के लिए चुनौती होगी.

यहां कांग्रेस को दोनों ही सीटें जीतने के लिए लोहे के चने चबाने जितनी मेहनत करनी पड़ेगी, क्योंकि दोनों ही सीटों पर बड़े वोटों के अंतर से बीजेपी जीत दर्ज करती आई है. इसके साथ ही दोनों सीटों पर दिग्गज चुनाव लड़ते हैं, जिसमें कोटा बूंदी लोकसभा सीट से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और झालावाड बारां लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के बेटे दुष्यंत सिंह चुनाव जीतते आ रहे हैं.

एयरपोर्ट, मुकुंदरा, एमएसपी प्रमुख मुद्दा 
कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र में यदि प्रमुख मुद्दों की बात करें तो यहां पर सबसे प्रमुख मुद्दा एयरपोर्ट कनेक्टिविटी का है. कोटा में करीब 20 सालों से एयरपोर्ट की मांग चली आ रही है. एक बार कांग्रेस केंद्र में रही और उसी समय राजस्थान में भी कांग्रेस की सरकार रही, लेकिन उस समय भी आपसी खींचतान में कांग्रेस कोटा को एयरपोर्ट नहीं दे सकी. वहीं एक समय बीजेपी केंद्र और राज्य में रही, लेकिन उस समय भी कोटावासियों की एयरपोर्ट की मांग पूरी नहीं हो सकी.

इसके साथ ही कोटा में मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में टाइगर और जीतों को बसाए जाने की मांग चली आ रही है. यहां टाइगर तो आए, लेकिन समय रहते इन पर ध्यान नहीं दिया गया और यह प्रोजेक्ट भी धीमी गति से चल रहा है. एनटीसीए की ओर से बेहतर प्रयास किए जाने की आवश्यकता है. यहां जल और जंगल सफरी भी केवल औपचारिकता है. इसके साथ ही हजारों किसानों को एमएसपी पर गेहूं और अन्य फसलों के लिए सालों से संघर्ष करना पड़ रहा है. एमएसपी नहीं बढ़ाए जाने से किसानों को बाजार में अपनी पसीने की कमाई को औने पौने दाम में बेचना पड़ रहा है. 

ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट कोटा का हो सकता है शिलान्यास
बीजेपी के समय भी एयरपोर्ट कोटा में नहीं आ सका. ऐसे में इस बार लोगों को बड़ी उम्मीद है कि कोटा में एयरपोर्ट का शिलान्यास जल्द हो सकता है और आगामी वर्षों में इसे मूर्तरूप दिया जा सकता है. आचार संहिता लगने से पूर्व कोटा के ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के शिलान्यास की चर्चा जोरो पर चल रही है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला लंबे समय से इस प्रोजेक्ट को लेकर प्रयासरत रहे है. साथ ही वह लगातार राज्य और केंद्र सरकार के मध्य समन्वय स्थापित करते हुए कोटा में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की स्थापना के लिए प्रयासरत हैं. इसी के तहत अब जो बाधाएं एयरपोर्ट शुरू होने में आ रही थी वह दूर हो चुकी हैं और राज्य सरकार का सभी बकाया जमा कराया जा चुका है. 

पासपोर्ट ऑफिस मिला तो बनने लगा एयरपोर्ट 
राजस्थान का दूसरा फुल फ्लेश एयरपोर्ट कोटा में संचालित किया जा रहा है. यहां पहले अस्थाई पासपोर्ट सेवा केन्द्र चला करता था, जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष के प्रयास से यहां अब पासपोर्ट का सभी कार्य होने लगा है. यहां के लोगों को अब जयपुर जाने की आवश्यकता नहीं है, कोटा संभाग ही नहीं रावतभाटा, सवाईमाधोपुर, गंगापुर, चित्तौड़गढ़ सहित अन्य शहरों के लोगों को भी लाभ हो रहा है. कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र में बड़ी मांग किसानों की भी रही है. पूरा क्षेत्र कृषि क्षेत्र होने के साथ ही यहां पर पर्याप्त मात्रा में कई बार पानी उपलब्ध नहीं हो पाता, लेकिन ईआरसीपी परियोजना के तहत यहां भी अब खुशियली की संभावनाएं जताई जा रही है.

इसके अतिरिक्त सबसे प्रमुख कोटा के लिए कोचिंग इंडस्ट्री है. कोचिंग इंडस्ट्री के तहत लाखों स्टूडेंट्स हर साल कोटा आते हैं. ऐसे में इस विषय पर भी सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से कोई बड़ा प्रोजेक्ट या इनकी सुख सुविधाओं के अनुसार सरकार के स्तर पर पॉलिसी बनाई जाने की भी आवश्यकता है. हालांकि, सरकार ने अभी नई पॉलिसी जारी की है, लेकिन उसका असर अभी देखने को नहीं मिल रहा है. वहीं दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे भी कोटा संभाग के लिए वरदान साबित होगा.

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