एक्सप्लोरर

Khwaja Gharib Nawaz Urs: जानें- अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की मजार पर क्यों चढ़ाई जाती है चादर, कैसे शुरू हुई परंपरा?

Khwaja Gharib Nawaz Urs: अजमेर (Ajmer) में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती का 810वां उर्स मनाया जा रहा है. इस दौरान अकीदतमंद चादर चढ़ा रहे हैं. यहां 50 रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक की चादर चढ़ाई जाती हैं.

Khwaja Gharib Nawaz Urs: राजस्थान (Rajasthan) के अजमेर (Ajmer) में सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती (Khwaja Moinuddin Hasan Chishti) का 810वां उर्स मनाया जा रहा है. इस दौरान अकीदतमंद चादर चढ़ा रहे हैं. चादर चढ़ाने की ये रस्म पहले उर्स के दौरान मजार को ढकने के लिए शुरू की गई थी. ये रस्म अब अकीदत का नजारा बन चुकी है. यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी चादर आती हैं. अकीदत की यह परंपरा भी 810 साल पुरानी है. आलम ये है कि उर्स के दौरान यहां रोज करीब 2 हजार चादर चढ़ती हैं. इस हिसाब से उर्स के 15 दिनों में (उर्स का झंडा चढ़ने से लेकर 9 रजब यानी बड़े कुल की रस्म तक) करीब 30 हजार चादर चढ़ जाती हैं.
 
यहां 50 रुपये से लेकर 50 हजार रुपये या इससे भी महंगी चादर चढ़ाई जाती हैं. आजादी से पूर्व की कई चादर दरगाह के तोशा खाना में महफूज हैं. इनमें कई चादर सोने-चांदी के तारों से बनी हैं, वे सुरक्षित रखी हैं. अब तोशा खाना भर गया है. दरअसल तोशा खाना एक कमरा है, जहां चादरों को सुरक्षित रखा जाता है. खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद वाहिद हुसैन अंगाराशाह की मानें तो मजार शरीफ पर काम आने वाली पूरी चादर 42 गज की होती है. ऐसे में चढ़ने वाली चादर कम ही काम आती है, क्योंकि ज्यादातर चादर छोटी होती है. गरीब नवाज की मजार पर चढ़ी कई चादरें देश भर की दूसरी मजारों पर भेजी जाती हैं. इन चादरों को चढ़ाना फख्र की बात होती है.
 
चादरों से जुड़ी हैं 20 हजार लोगों की रोजी-रोटी
 
सैयद वाहिद हुसैन अंगाराशाह ने बताया कि पहले मजार खुले में होती थी और ऐसे में गंदगी न आए और खुला न रहे, इसके लिए अदब के साथ यह रस्म शुरू हुई थी. हालांकि अब मजार कई जगहों पर बंद हो गई है, लेकिन अदब के लिए शुरू की गई ये रस्म अब अकीदत का नजराना बन गई है. इन चादरों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 20 हजार लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी हैं. चादर पाकिस्तान, बांग्लादेश सहित अन्य देशों से भी आती हैं. अंगाराशाह के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा चादर हैदराबाद में बनती हैं. दरगाह क्षेत्र में करीब सौ दुकानें हैं. वहीं देशभर में चादर का कारोबार भी करोड़ों रुपये का है.
 

Khwaja Gharib Nawaz Urs: जानें- अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की मजार पर क्यों चढ़ाई जाती है चादर, कैसे शुरू हुई परंपरा?
 
पाकिस्तान के कई राष्ट्रपति भी पेश कर चुके हैं चादर
 
पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से 8 साल में 8 चादरें पेश हो चुकी हैं. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में भी चादर भेजी जाती रही हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई मुख्यमंत्री,मंत्री, राजनेता, बिजनेसमैन के द्वारा भी चादर चढ़ाई जाती है. पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जियाउल हक, जनरल परवेश मुशर्रफ, आसिफ अली जरदारी, बेनजीर भुट्टो भी यहां चादर पेश कर चुकी हैं. 
 
हर साल आते हैं सैकड़ों जायरीन
 
इसके अलावा बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति एचएम इरशाद, मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना, पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की चादर भी चढ़ाई जा चुकी हैं. पिछले उर्स में पहली बार अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी की ओर से उर्स के मौके पर चादर पेश की गई थी. हर साल करीब 500 से अधिक जायरीन पाकिस्तान, बांगलादेश से आते हैं. पिछले दो साल से कोरोना के कारण अनुमति नहीं दी गई थी.
 
ये भी पढ़ें-
 
 
और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India-Pakistan Relations: कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
Delhi Chief Secretary: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
Hardik Pandya Divorce: हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
Advertisement
metaverse

वीडियोज

PM Modi On ABP: स्वार्थी लोगों ने ब्रह्मोस का एक्सपोर्ट रोका-पीएम मोदी का बड़ा बयान | Loksabha PollsLoksabha Election 2024: मोदी की आध्यात्म यात्रा..'हैट्रिक' का सार छिपा ? | ABP NewsPM Modi On ABP: 2024 चुनाव के नतीजों से पहले पीएम मोदी का फाइनल इंटरव्यू | Loksabha ElectionPM Modi On ABP: पीएम मोदी से पहली बार जानिए- किस विपक्षी नेता के वे पैर छूते थे | Loksabha Election

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India-Pakistan Relations: कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
Delhi Chief Secretary: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
Hardik Pandya Divorce: हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
'जवान', 'पठान' या 'एनिमल' नहीं, इस फिल्म को 2023 में हुआ सबसे ज्यादा मुनाफा! यहां देखें टॉप 5 की लिस्ट
'जवान', 'पठान' या 'एनिमल' नहीं, इस फिल्म को 2023 में हुआ खूब मुनाफा!
वैक्सीन बनाने वालों को कम से कम कितनी सैलरी देता है सीरम इंस्टिट्यूट? रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश
वैक्सीन बनाने वालों को कम से कम कितनी सैलरी देता है सीरम इंस्टिट्यूट? रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश
शरीर में है B12 की कमी तो कुछ ऐसे दिखते हैं लक्षण, जानें एक सेहतमंद व्यक्ति में कितना होना चाहिए लेवल?
शरीर में है B12 की कमी तो कुछ ऐसे दिखते हैं लक्षण, जानें एक सेहतमंद व्यक्ति में कितना होना चाहिए लेवल?
टूरिज्म में आया उछाल, 119 देशों की सूची में 39वें स्थान पर आया भारत, क्या हैं इसके संकेत
टूरिज्म में आया उछाल, 119 देशों की सूची में 39वें स्थान पर आया भारत, क्या हैं इसके संकेत
Embed widget