हरियाणा कांग्रेस का एक्शन, इन 13 नेताओं को पार्टी से निष्कासित किया, क्या है वजह?
Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा में कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय नामांकन भरने वाले नेताओं के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधि का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की गई है.
Haryana Congress News: कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त 13 नेताओं को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है. ये सभी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. जिन नेताओं को निष्कासन झेलना पड़ा है उनमें नरेश ढांडे, प्रदीप गिल, सज्जन सिंह ढुल, सुनीटा बट्टन, राजीव मामुरम गोंडार, दयाल सिंह सिरोही, विजय जैन, दिलबाग सांडिल, अजित फोगाट, अभिजीत सिंह, सतबीर रातेरा, नीतू मान, अनिता डुल बादसीकरी का नाम शामिल है.
हरियाणा कांग्रेस की तरफ से एक बयान जारी किया गया है जिसमें कहा है कि विभिन्न संचार माध्यमों से ऐसी रिपोर्ट मिली है कि कुछ नेता और कार्यकर्ता पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं और अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. पार्टी में अनुशासनहीनता पर अंकुश लगाने के लिए संबंधित नेताओं को छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित किया जाता है.
12 सीटों पर अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी को दे रहे थे चुनौती
दिलबाग सांडिल उचाना से, नरेश ढांडे गुहला से, प्रदीप गिल जींद से, सज्जन सिंह ढुल और सुनीता बट्टन पुंडरी से, अनीता ढुल कलायत से, विजय जैन पानीपत ग्रामीण से और अजित फोगाट दादरी से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा राजीव मामुरम निलोखेरी, दयाल सिंह सिरोही भी निलोखेरी से, अभिजीत सिंह भिवानी से, सतबीर रातेरा बवानी खेड़ा से, नीतू मान पृथला से चुनाव लड़ रही हैं.
इन तीन नेताओं को भी निष्कासित कर चुकी है कांग्रेस
कांग्रेस ने इससे पहले चित्रा सरवारा, राजेश जून और शारदा राठौर को निष्कासित कर दिया था. चित्रा अंबाला कैंट से चुनाव लड़ रही हैं. उन्होंने ऐसे वक्त में निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया जब पार्टी ने उनके पिता को टिकट दिया है. वहीं, राजेश जून बहादुरगढ़ से निर्दलीय मैदान में उतर गए हैं तो शारदा राठौर ने बल्लभगढ़ से नामांकन भरा है.
टिकट कटने पर कांग्रेस को उन नेताओं की नाराजगी झेलनी पड़ी है जो कि विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे. पार्टी कुछ नेताओं को मनाने में कामयाब भी रही लेकिन कुछ ऐसे रहे जिन्होंने बगावत कर दी. इसी बगावती रुख के कारण नेताओं और कार्य़कर्ताओं को खामियाजा भी भुगतना पड़ा है.
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