‘वापस ले लेना चाहिए गलत फैसला,’ पराली जलाने वाले किसानों पर एक्शन के खिलाफ बोले भूपेंद्र सिंह हुड्डा
Haryana Stubble Burning: हरियाणा में पराली जलाने पर किसानों पर एक्शन के फरमान से सैनी सरकार घिरी नजर आ रही है. कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार को घेरा है.
Haryana Stubble Burning: हरियाणा में पराली जलाने वाले किसानों पर एफआईआर कराए जाने के आदेश पर नायब सिंह सैनी सरकार घिरी नजर आ रही है. जिसपर कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि छोटे किसान जिनके पास एक एकड़ दो एकड़ जमीन है वो क्या करेंगे? अगर पराली के बंडल बनाने हैं तो बड़ी मशीन चाहिए, वो ले सकता है? अगर वो बड़ी मशीन को किराए पर लेगा तो एक हजार रुपये लेगा और पराली भी ले जाएगा.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा सरकार को किसानों के लिए कड़े फैसले लेने के बजाय उनके लिए समाधान ढूंढना चाहिए. पराली का एमएसपी फिक्स करना चाहिए. पराली से बहुत सारे उपयोग हो सकते हैं. इससे बिजली बनाई जा सकती है. इसका सदुपयोग करना चाहिए. सरकार को इस गलत फैसले को वापस ले लेना चाहिए.
#WATCH चंडीगढ़: कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पराली जलाने को लेकर कहा, "सवाल यह है कि छोटे किसान पराली का क्या करें... किसानों की फसल न खरीदना गलत है। इसका समाधान निकालना चाहिए। पराली की MSP तय होनी चाहिए। पराली के कई उपयोग हो सकते हैं। इससे बिजली बनाई जा सकती है। इसका… pic.twitter.com/JV4RAuNGL3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 19, 2024 [/tw]
‘किसानों की रोज़ी-रोटी पर सीधा प्रहार’
पराली मामले पर कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा ने भी निशाना साधा. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि बीजेपी सरकार का नया आदेश हरियाणा के किसानों पर एक और हमला है. पराली जलाने पर FIR के साथ 'रेड एंट्री' कर किसानों को अगले दो सीजन तक MSP पर फसल बेचने से रोकना न केवल तानाशाही है, बल्कि छोटे किसानों की रोज़ी-रोटी पर सीधा प्रहार है. सरकार ने महंगी 'हैप्पी सीडर' मशीन खरीदने का सुझाव दिया है, पर क्या आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसान इसे खरीद सकते हैं? किसानों को दंडित करने के बजाय सरकार को समाधान देना चाहिए.
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी बोला हमला
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पराली मामले पर पर एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि एमएसपी खत्म करने का रोज़ नया षड्यंत्र हो रहा है. बीजेपी सरकार द्वारा 18 अक्टूबर, 2024 तक हरियाणा से पिछले साल के मुक़ाबले 53 प्रतिशत धान कम ख़रीदा गया. बीजेपी सरकार द्वारा 18 अक्टूबर, 2024 तक पंजाब से पिछले साल के मुक़ाबले 39 प्रतिशत धान कम ख़रीदा गया.
उन्होंने आगे लिखा कि हरियाणा-पंजाब की मंडियां धान से अटी पड़ी हैं, किसान ₹2,320/क्विंटल के MSP के मुक़ाबले ₹2,100/₹2,200/क्विंटल धान बेचने को मज़बूर है. नॉन MSP धान 1509 की क़िस्म का धान पिछले साल के मुक़ाबले ₹700/800 प्रति क्विंटल कम बिक रहा है, पर कोई सुनने वाला नहीं. हरियाणा की बीजेपी सरकार ने तो मजबूरी में पराली जलाने वाले किसान की फसल MSP पर दो साल तक ख़रीदने का फ़रमान जारी कर दिया है. आए दिन, BJP का किसान विरोधी चेहरा उजागर है.
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