दिल्ली में आसमान छू रहे टमाटर के दाम, इन सब्जियों ने भी बिगाड़ा जेब का बजट
Delhi News: टमाटर की कीमतें 100 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गई हैं क्योंकि बारिश से फसल को नुकसान हुआ है और अब यह बैंगलोर से आ रहा है. गोभी की कीमत भी 120 रुपये प्रति किलो है.
Tomato Price Hike: आम तौर पर घरों की लगभग सभी सब्जियों और सलाद में नजर आने वाला टमाटर आज बहुत ही खास हो चुका है और इसे लोग फिलहाल तभी खरीदने की सोच रहे हैं, जब तक कोई खास मौका हो. हो या फिर घर मे कोई खास मेहमान आने वाले हों.
वजह है टमाटर की बेलगाम हो रही कीमत, जो राजधानी दिल्ली में खुदरा कीमत में शतक पार कर चुकी है और बाजार में बिक रही महंगी सब्जियों में से एक है. यही वजह है कि, बारिश के कारण महंगी हुई टमाटर से लोग फिलहाल थोड़ी दूरी बनाते नजर आ रहे हैं.
टमाटर ने फिर लगाया शतक
हालांकि, नवरात्रा के कारण अभी भी इसकी मांग बनी हुई है, क्योंकि इन दिनों हिन्दू समुदाय के अधिकतर लोग लहसुन-प्याज का सेवन नहीं करते हैं, और ऐसे में ग्रेवी वाली सब्जियां बनाने में टमाटर का इस्तेमाल किया जाता है जो मध्यमवर्गीय परिवार के रसोई के बजट पर भारी पड़ रहा है. सामान्यतः इन महीनों में मांग के बावजूद टमाटर कभी भी इतना महंगा नहीं होता है, लेकिन इस बार खुदरा में बढ़िया टमाटर की कीमत 120 - 160 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गई है. ऐसे में आइए जानते हैं कि, मौसमी मार के बाद त्योहारी खुमार के बीच क्यों महंगा हो रहा टमाटर और कब लगेगी इसकी कीमतों पर लगाम.
बारिश से खराब हुई टमाटर की फसल
दिल्ली के केशोपुर मंडी में टमाटर का थोक कारोबार करने वाले बाबु लाल ने बताया कि, इस बार बारिश के कारण टमाटर की फसलों को काफी नुकसान हुआ है, और मांग के अनुसार टमाटर की आवक नहीं है. त्योहार का टमाटर की महंगाई से कोई लेना-देना नहीं है. चूंकि, दिल्ली में अभी टमाटर बैंगलोर से आ रहा है और वो भी खपत से कम मात्रा में इसलिए इसकी कीमतों में उछाल आया है. ऊपर से दूर के राज्य बंगलोर से टमाटर के आने से ट्रांस्पोर्टेशन कॉस्ट भी ज्यादा लग रहा है, जिसका सीधा असर टमाटर की कीमतों पर पड़ रहा है.
उन्होंने बताया कि इस वक्त थोक में बढ़िया टमाटर की कीमत 80 से 90 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गई है, ओ खुदरा बाजारों में पहुंचते-पहुंचते 100 से 120 रुपये प्रतिकिलो हो जा रही है. वहीं, मध्यम टमाटर बाजारों में 80 से 90 रुपये किलो बिक रहे हैं. उन्होंने कहा कि, नवरात्रा के बाद आवक बढ़ने से लोगों को थोड़ी राहत मिल जाएगी, लेकिन आने वाले दिनों में इसकी कीमत 50-60 रुपये प्रतिकिलो से कम नहीं होने वाली है.
राजस्थान से आ रही गोभी भी हुई 100 के पार
वहीं, बात करें इस समय अधिक खपत होने वाली गोभी की तो इसकी कीमत भी लोगों के पसीने छुड़ा रही है. बाजारों में यह 120 रुपये किलो की दर से बिक रहा है. जबकि सामान्यतः इस समय गोभी की कीमत 40-50 रुपये किलो से अधिक नहीं होती है. सब्जी विक्रेता उमेश कुमार ने बताया कि मौसमी मार से गोभी की फसल ख़राब हो गयी है, और अभी दिल्ली में सिर्फ पुष्कर, राजस्थान से गोभी आ रही है, जिस वजह से फिलहाल यह महंगी बिक रही है. उन्होंने बताया कि आने वाले नवंबर महीने में जब दिल्ली की लोकल गोभी बाजारों में पहुंचने लगेगी तो इसकी कीमत गिरेगी.
ज्यादातर हरि सब्जियों की कीमत 50 रुपये प्रति किलो से ऊपर
बात करें अन्य सब्जियों की तो, वो भी फिलहाल लोगों को राहत देने वाली कीमत पर नहीं मिल रहा है. ज्यादातर हरि सब्जियों की कीमत 50 रुपये प्रति किलो से ऊपर ही बनी हुई है. जिससे लोगों के खाने की थाली में परोसे जाने वाले हरि सब्जियों की मात्रा ओर भी असर पड़ा है. जबकि, मटर, गाजर की कीमतें भी टमाटर की तरह 100 पार हैं. जबकि बाकी सब्जियां भी 60 से 80 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही हैं. लेकिन सबसे ज्यादा असर लोगों पर टमाटर की महंगाई का पड़ रहा है.
ये हैं मंडियों में सब्जियों की थोक कीमत
बात करें मंडी में टमाटर और सब्जियों की कीमत की तो, पश्चिमी दिल्ली के केशोपुर मंडी में थोक में आज कीमतें कुछ इस प्रकार हैं.
टमाटर - 80-90/किलो
हरि मिर्ची - 70-80/किलो
धनिया पत्ता - 60-160/किलो
अदरक (पुराना-नया) - 80-200/किलो
नींबू - 100-200/किलो
आलू - 30/किलो
प्याज - 52-56/किलो
फूल गोभी - 80/किलो
पत्ता गोभी - 40/किलो
भिंडी - 40-50/किलो
लोबिया - 50-60/किलो
तोरी - 40/किलो
अरबी - 80/किलो
मूली - 50-60/किलो
केला - 40/किलो
गाजर - 120/किलो
खीरा - 40-60/किलो
बींस - 70/किलो
मटर - 100/किलो
महंगे टमाटर ने बिगाड़ा लोगों की सब्जियों का स्वाद
इसी तरह बाजारों में मौजूद अन्य सब्जियों की कीमतों के भी इजाफा देखने को मिल रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा असर टमाटर की महंगाई से पड़ रहा है. क्योंकि अगर हरी सब्जियां महंगी हो जाती हैं, तो लोग उनमें थोड़ी कटौती कर के आलू-टमाटर या टमाटर की ग्रेवी वाली कोई भी मटर-चने आदि की सब्जी बना कर खा लेते हैं. लेकिन सदाबहार टमाटर बढ़ती कीमतों से मिडिल और लोअर मिडल क्लास के लोगों के बजट से बाहर होता जा रहा है.
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