Bastar: छत्तीसगढ़ के दौरे पर वृंदा करात, बस्तर हिंसा को बताया राजनीतिक एजेंडा, सीएम बघेल को लिखा पत्र
Chhattisgarh News: वृंदा करात बस्तर क्षेत्र के कांकेर, कोंडागांव और नारायणपुर जिले के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. माकपा नेताओं ने इन इलाकों में किसी मंत्री के दौरा नहीं करने को लेकर हैरानी जताई.
Bastar Violence: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात (Brinda Karat) ने छत्तीसगढ़ के बस्तर के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह आदिवासी ईसाइयों पर हमले के पीछे एक सुनियोजित साजिश थी. उन्होंने स्थिति की निगरानी करने, नुकसान का आकलन करने और पीड़ितों को मुआवजा प्रदान करने के लिए कांग्रेस सरकार से एक टीम नियुक्त करने का आग्रह किया.
वृंदा करात बस्तर क्षेत्र के कांकेर, कोंडागांव और नारायणपुर जिले के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. उन्होंने कहा कि हालिया सांप्रदायिक हिंसा खनन परियोजनाओं के खिलाफ आदिवासियों के एकजुट आंदोलन को कमजोर करने के लिए तैयार किया गया, जिसका आदिवासियों के द्वारा विरोध किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार के लिए कानून द्वारा ग्राम सभा बैठकें आयोजित करना आवश्यक था.
हिंसा को बताया राजनीतिक एजेंडा
आदिवासी अधिकार मंच के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ, मार्क्सवादी नेता ने कहा कि उन्होंने स्थानीय आदिवासी समुदायों, हिंसा के शिकार लोगों, पादरियों और पुजारियों से बातचीत की. इसके अलावा उन्होंने स्थानीय निकायों के निर्वाचित सदस्यों, छत्तीसगढ़ प्रगतिशील ईसाई गठबंधन के नेताओं, नारायणपुर और कोंडागांव के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बातचीत की बात कही. इस दौरान छत्तीसगढ़ भाकपा (मार्क्सवादी) के कार्यवाहक सचिव धर्मराज महापात्रा, आदिवासी एकता महासभा के प्रदेश सचिव बाल सिंह, नजीब कुरैशी और वासुदेव दास भी वहां मौजूद थे.
माकपा नेताओं ने इन इलाकों में किसी मंत्रियों का दौरा नहीं करने को लेकर हैरानी जताते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा. इस पत्र में कहा गया कि इस मामले में राज्य सरकार का रवैया असंवेदनशील रहा है और यह देश के खिलाफ हिंसा की हद को कम आंकने जैसा है. साथ ही पत्र में लिखा गया है कि घरों, चर्चों और सामान को बहुत नुकसान हुआ लेकिन किसी भी पीड़ित को मुआवजा नहीं मिला और न ही नुकसाल का आकलन करने का कोई प्रयास किया गया. पत्र में कहा गया कि लगभग 1500 ऐसे पड़ित हैं, जिन्हें अपना गांव छोड़कर भागने के लिए मजबूर होना किया गया. पत्र में यह भी कहा गया है कि इन हमलों के पीछे एक राजनीतिक एजेंडा काम कर रहा है.
ये भी पढ़ेंः
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets