Chinese Peopel in Balochistan: 2048 तक पाकिस्तान का बलूचिस्तान बन जाएगा चीनिस्तान, जानिए क्या है ड्रैगन की पूरी साजिश
बलूचिस्तान में चीन की महत्वकांक्षी परियोजना सीपीईसी के तहत प्रांत में चीनी मजदूरों और इंजीनियरों की संख्या बढ़ रही है. साल 2007 में इसका निर्माण शुरू हुआ था और 2030 तक इसको पूरा करने का लक्ष्य है.
Chinese in Balochistan: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में चीन एक के बाद एक प्रोजेक्ट्स शुरू कर रहा है, जिसे लेकर स्थानीय लोग खुश नहीं हैं. ये लोग प्रांत में चीन के निवेश का विरोध करते हैं. बलूचिस्तान में इन प्रोजेक्ट्स के जरिए चीनियों की भी एंट्री हो रही है. प्रोजेक्ट्स के लिए इंजीनियर और मजदूर चीन से ही बुलाए जा रहे हैं और इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है. आने वाले सालों में चीनी नागरिकों की संख्या भी स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बन सकती है. अगले 24 सालों में चीनी नागरिकों की संख्या स्थानीय लोगों से ज्यादा हो जाएगी. एक रिपोर्ट में इसका अनुमान लगाया गया है.
बलूचिस्तान में चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) ड्रैगन का सबसे बड़ा इनवेस्टमेंट है. इस प्रोजक्ट के तहत बलूचिस्तान में बाहरी लोगों का आगमन हुआ है. परियोजना को पूरा करने के लिए प्रांत में चीनी मजदूरों और इंजीनियरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की रिपोर्ट में इनकी आबादी बढ़ने का अनुमान लगाया गया है. बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा, लेकिन सबसे कम आबादी वाला प्रांत है.
रिपोर्ट में कहा गया कि अगले 24 साल में या 2048 तक बलूचिस्तान में चीनी नागरिकों की आबादी ज्यादा हो सकती है. सीपीईसी चीन की महत्वकांक्षी परियोजना है. इसे विदेश में चीन का सबसे बड़ा इनवेस्टमेंट माना जा रहा है. इसके तहत, 2030 तक पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से चीन के शिनजियांग तक 3,218 किमी लंबा रूट तैयार किया जा रहा है. इस रूट में हाइवे, रेलवे, एयरपोर्ट और पाइपलाइन भी शामिल हैं.
पाकिस्तान के खिलाफ बलूचिस्तान के हमले
तीन दिन पहले 26 मार्च को पाकिस्तान के चार नेवल बेस में से एक पीएनएस सिद्दीकी पर हमला हुआ. माना जा रहा है कि हमलावरों का लक्ष्य पीएनएस सिद्दीकी पर तैनात चीनी ड्रोन था. पाकिस्तानी सेना ने बलूच विद्रोह को कम करने के लिए चीनी लड़ाकू ड्रोनों को तैनात किया है. इस हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) की मजीद ब्रिगेड ने ली है, मजीद ब्रिगेड बलूचिस्तान में चीन के निवेश का विरोध करती रहती है.
बीएलएल का कहना है कि प्रांत में चीन के निवेश का स्थानीय लोगों को कोई लाभ नहीं है इसलिए वह इसका विरोध करता है. वह पाकिस्तान और चीन पर स्थानीय संसाधनों के दोहन का भी आरेप लगाती है.
सीपीईसी प्रोजेक्ट के तहत ही ग्वादर पोर्ट बनाया जा रहा है, जो प्रोजेक्ट की लाइफलाइन है. ग्वादर पोर्ट से ही शिनजियांग तक के लिए रास्ता तैयार किया जा रहा है. साल 2007 में ग्वादर पोर्ट का निर्माण शुरू हुआ था. इसी समय बलूच नेता बुगती की हत्या को लेकर प्रांत में विद्रोह भड़क रहा था. स्थानीय लोग चीन के इन प्रोजेक्ट्स के खिलाफ हैं और 20 मार्च को भी ग्वादर बंदरगाह पर हमला हुआ था.
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