एक्सप्लोरर

Draupadi Murmu: आदिवासी द्रौपदी मुर्मू बनीं राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार, जानिए क्या है आदिवासी समाज का हाल

Presidential Election 2022: एनडीए के राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा के साथ ही आदिवासी समाज की बात सबके सामने आई. ये समाज मुख्यधारा से हमेशा ही कटा रहा है.

India Presidential Election: राष्ट्रपति पद (President) के चुनाव के लिए एनडीए (NDA) ने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. बीजेपी की पार्लियामेंट्री बोर्ड (BJP Parliamentary Board Meeting) की मीटिंग में लगभग 20 नामों पर चर्चा की गई, लेकिन जो चेहरा सबके सामने आया उसने सभी को चौंका दिया. द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) एक ऐसा नाम जो किसी ने सोचा भी नहीं था. एक आदिवासी (Tribal) चेहरा जो पहली बार राष्ट्रपति पद के लिए रेस में है. अगर द्रौपदी मुर्मू ये चुनाव जीत जाती हैं तो भारत के इतिहास में पहली बार होगा कि कोई आदिवासी राष्ट्रपति बनेगा.

नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बीजेपी में कई एक्सपेरिमेंट हुए हैं, पार्टी की तरफ से लिए गए फैसलों ने कई बार चौंकाया है. इस बार भी द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाकर पार्टी ने फिर एक बार चौंका दिया. इससे पार्टी ने आदिवासियों को साधने का काम तो किया ही साथ ही महिलाओं का भी ध्यान रखा. आदिवासी समाज हमेशा से ही आम जिंदगी से दूर रहा है. बहुत कम ऐसा हुआ है कि इस समाज को बराबरी का दर्जा मिला हो. हालांकि अब हालात बदल रहे हैं और ये समाज भी अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है.

भारत की जनसंख्या का 8.6 फीसदी यानी लगभग 11 करोड़ की जनसंख्या आदिवासियों की है. देश की जनसंख्या के हिसाब से ये एक बड़ा हिस्सा है जिसे नजरंदाज किया जाता रहा है. भारत में अनसूचित आदिवासी समूहों की संख्या 700 से अधिक है. साल 1951 के बाद से आदिवासियों को हिंदू आबादी के तौर पर पहचान मिली है उससे पहले इन्हें अन्य धर्म में गिना जाता था. भारत सरकार ने इन्हें अनसूचित जनजातियों के रूप में मान्यता दी है. आदिवासियों की देश में सबसे ज्यादा आबादी मध्य प्रदेश में रहती है. इसके बाद ओडिशा और झारखंड का नंबर आता है.

हाशिए पर आदिवासी समाज

आदिवासियों के हाशिए पर रहने का एक कारण उनकी शिक्षा से भी जुड़ा है. आपके सामने इस समाज में शिक्षा को लेकर कुछ आंकड़े रखेंगे जिससे पता चलेगा कि ये वर्ग हाशिए पर क्यों है?  साल 1991 में अनुसूचित जनजाति में साक्षरता दर 29.6 प्रतिशत थी, जो 1981 की साक्षरता दर 16.3 प्रतिशत से लगभग 13 प्रतिशत ज्यादा थी. साल 2001 में साक्षरता दर 47.1 प्रतिशत हो गयी. वहीं साल 2001 में स्त्रियों में साक्षरता दर 34.7 प्रतिशत थी, तो वहीं पुरुषों में 59.1 प्रतिशत थी, जो 2001 में भारत की संपूर्ण साक्षरता 64.7 प्रतिशत से कम. कहने का मतलब ये है ये साक्षरता दर राष्ट्रीय स्तर की तुलना में बेहद कम है.तो वहीं ओडिशा में नियमगिरि आंदोलन के सशक्त नेतृत्वकर्ता लोदो शिकोका ने आधुनिक शिक्षा के संबंध में कहा था कि उनका एक लड़का शहर पढ़ने गया. कभी वापस नहीं लौटा. उनका मानना है कि आधुनिक शिक्षा हमारे बच्चों को गायब कर देती है. वे माता-पिता को भी नहीं पहचानते. ऐसी शिक्षा पहले हमसे हमारी भाषा छीन लेती है, बच्चों को अपनी संस्कृति से काट देती है और यहां तक कि अस्तित्व ही खत्म कर देती है. वे आगे कहते हैं कि फिर सब उजाड़ने के बाद पढ़े-लिखे बच्चे हमारे ही ऊपर शोध करने आते हैं. शोध करने के पहले और बाद भी वे हमारे बारे ज्यादा नहीं समझ पाते. आज पढ़े-लिखे शहरी लोगों को खुद ऐसी शिक्षा चाहिए, जो उन्हें सही मायने में इंसान बना सके. 

आदिवासियों का पिछड़ापन

आदिवासियों (Tribals) के पिछड़ेपन का सबसे बड़ा कारण ये भी रहा है कि वो बदलते समय और समाज के साथ अपने आपको नहीं बदल पाए हैं. छत्तीसगढ़ में जंगलों का गहन अध्ययन करने वाले नारायण मरकाम ने एक बार कहा था कि प्रकृति में हर चीज एक दूसरे से जुड़ी हुई है. इसी से इसका संतुलन भी है और जीवन भी. प्रकृति में विकास का मतलब एक दूसरे से जुड़ा हुआ होना होता है. मौजूदा व्यवस्था में पूरे समाज का समान रूप से विकास संभव नहीं है. नारायण ने आगे बताया कि विकास एक दूसरे से जुड़ते हुए, सहयोग करते हुए विकसित होने से ही संभव है. ये उन लोगों की मानसिकता से कभी नहीं हो सकता, जिसमें कुछ समुदायों को हमेशा निचले पायदान पर रखते हुए, उनका शोषण करते हुए, खुद को सभ्य और विकसित समझने की सोच हो.

ये भी पढ़ें: Presidential Election 2022: झारखंड की गवर्नर रहीं द्रौपदी मुर्मू बनीं NDA उम्मीदवार, जानें- अब तक कितने राज्यपाल बने हैं राष्ट्रपति?

ये भी पढ़ें: President Election: क्या राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत तय है? जानें NDA-UPA में किसका पलड़ा कितना भारी

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

S Jaishankar: 'देश की सुरक्षा की नहीं कर सकते अनदेखी', भारत-चीन सीमा विवाद पर क्या बोले एस जयशंकर
'देश की सुरक्षा की नहीं कर सकते अनदेखी', भारत-चीन सीमा विवाद पर क्या बोले एस जयशंकर
हिमाचल में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जारी की स्टार प्रचारकों की सूची, गांधी परिवार समेत 40 नेताओं के नाम शामिल
हिमाचल में कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची जारी, गांधी परिवार समेत 40 नेताओं के नाम शामिल
शिमरी ड्रेस में छाईं मलाइका अरोड़ा, बो-डिजाइन आउटफिट में मीरा राजपुत ने लूटी महफिल, देखें तस्वीरें
शिमरी ड्रेस में छाईं मलाइका अरोड़ा, बो-डिजाइन आउटफिट में मीरा राजपुत ने लूटी महफिल
Lok Sabha Elections 2024: चुनाव आयोग ने भेजा सियासी दलों के अध्यक्षों को नोटिस, TMC बोली- 'ये है मोदी आचार संहिता'
चुनाव आयोग ने भेजा सियासी दलों के अध्यक्षों को नोटिस, TMC बोली- 'ये है मोदी आचार संहिता'
Advertisement
for smartphones
and tablets

वीडियोज

टीम इंडिया को T20 World Cup के बाद मिलेगा नया हेड कोच, BCCI ने मांगे आवेदन | BCCI | Sports LIVEसीमा-सचिन और 'जिहादी' वो ! | सनसनीLok Sabha Election 2024: काशी का वोट कैलकुलेटर, मोदी को बनाएगा विनर? PM Modi | INDIA AlliancePakistan News: दुश्मन का कलेजा चीर..Loc पार..ऐसी तस्वीर | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
S Jaishankar: 'देश की सुरक्षा की नहीं कर सकते अनदेखी', भारत-चीन सीमा विवाद पर क्या बोले एस जयशंकर
'देश की सुरक्षा की नहीं कर सकते अनदेखी', भारत-चीन सीमा विवाद पर क्या बोले एस जयशंकर
हिमाचल में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जारी की स्टार प्रचारकों की सूची, गांधी परिवार समेत 40 नेताओं के नाम शामिल
हिमाचल में कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची जारी, गांधी परिवार समेत 40 नेताओं के नाम शामिल
शिमरी ड्रेस में छाईं मलाइका अरोड़ा, बो-डिजाइन आउटफिट में मीरा राजपुत ने लूटी महफिल, देखें तस्वीरें
शिमरी ड्रेस में छाईं मलाइका अरोड़ा, बो-डिजाइन आउटफिट में मीरा राजपुत ने लूटी महफिल
Lok Sabha Elections 2024: चुनाव आयोग ने भेजा सियासी दलों के अध्यक्षों को नोटिस, TMC बोली- 'ये है मोदी आचार संहिता'
चुनाव आयोग ने भेजा सियासी दलों के अध्यक्षों को नोटिस, TMC बोली- 'ये है मोदी आचार संहिता'
​Sarkari Naukri: 6000 से ज्यादा पदों के लिए फटाफट कर लें अप्लाई, 16 मई है लास्ट डेट
6000 से ज्यादा पदों के लिए फटाफट कर लें अप्लाई, 16 मई है लास्ट डेट
भारतीय सेना की बढ़ेगी और ताकत, दुश्मनों के छक्के छुड़ाने आ रहा दृष्टि-10 ड्रोन, बठिंडा बेस पर होगी तैनाती
भारतीय सेना की बढ़ेगी और ताकत, दुश्मनों के छक्के छुड़ाने आ रहा दृष्टि-10 ड्रोन, बठिंडा बेस पर होगी तैनाती
Pakistan Violence: पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी बनी PoK में भड़की हिंसा, जानें क्या हैं प्रदर्शनकारियों की मांग
पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी बनी PoK में भड़की हिंसा, जानें क्या हैं प्रदर्शनकारियों की मांग
Agriculture: यूपी में शुरू होने वाली है किसान पाठशाला, फसलों को लेकर मिलेंगे कई कमाल के टिप्स
यूपी में शुरू होने वाली है किसान पाठशाला, फसलों को लेकर मिलेंगे कई कमाल के टिप्स
Embed widget