एक्सप्लोरर

हरियाणा सहित कई राज्यों में एक बार फिर सेक्स रेशियो 900 से नीचे, जानिए वजह

एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में बेटों की तुलना में बेटियों के जन्म की औसत संख्या साल 2013-14 से लगातार बढ़ने के बाद अब साल 2021-22 में कम हो गया है.

वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 की हेल्थ मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (HMIS) रिपोर्ट में देश में जन्म के समय के लिंगानुपात के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में बेटों की तुलना में बेटियों के जन्म की औसत संख्या साल 2013-14 से लगातार बढ़ने के बाद अब साल 2021-22 में कम हो गया है.

देश में साल 2020-21 में 1000 बेटों के मुकाबले 937 बेटियों का जन्म हुआ था. वहीं यह संख्या साल 2021-22 में घटकर 934 हो गई. इसके अलावा भारत के आठ बड़े राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों में भी जन्म दर में गिरावट दर्ज की गई है. 

हरियाणा में फिर छोरियों पर संकट

इस रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में हरियाणा के लिंगानुपात में एक बार फिर बड़ा अंतर पाया गया है. हरियाणा में लिंगानुपात 901 है. यानी इस राज्य में एक साल में प्रत्येक 1000 बेटों पर 901 बेटियों ने जन्म लिया है. जो कि राष्ट्रीय औसत यानी 940 से कम है. इससे पहले साल 2001 में लिंगानुपात में इतना अंतर दर्ज किया गया था. उस वर्ष प्रति 1000 लड़कों पर 861 लड़कियों ने जन्म लिया था.

इन जिलों में 6 साल बाद जन्म दर में गिरावट

वहीं इस राज्य के पांच जिले ऐसे हैं, जहां पिछले 6 साल बाद लड़के लड़कियों के जन्म दर में इतनी गिरावट दर्ज की गई है. आंकड़ों के अनुसार हिसार में 1000 लड़कों पर 904 बेटियों ने जन्म लिया है. वहीं करनाल में लिंगानुपात 903, कुरुक्षेत्र में 893, फरीदाबाद में 892 और रेवाड़ी में लिंगानुपात 883 है.

जाहिर है इतने सालों बाद एक बार फिर लड़कियों के जन्म दर की संख्या औसत के कम होना मनोहर लाल खट्टर की सरकार के लिए खतरे की घंटी है. 

आधिकारिक डेटा की मानें तो साल 2016-17 में हिसार, करनाल, फरीदाबाद, झज्जर, कुरुक्षेत्र और रेवाड़ी में जन्म के समय लिंगानुपात अभी के आंकड़े से भी नीचे चले गए थे. लेकिन 16-17 के बाद साल 2021 तक इस आंकड़ों में लगातार वृद्धि दर्ज की गई थी. 

हालांकि कुरुक्षेत्र में साल 2017-18 में लिंगानुपात 924 था, जिसमें साल दर साल सुधार ही हुआ है. लेकिन पिछले साल यानी 2022 में अचानक यह घटकर 893 पर पहुंच गया. 

बेटी बचाओ के शुभारंभ के बाद बढ़ा था सेक्स रेशियो 

साल 2015 में हरियाणा में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत हुई थी. उस वक्त प्रदेश में जन्म के समय लिंगानुपात 871 था, जिसका मतलब है कि 1000 लड़कों पर 871 लड़कियां, जो इस अभियान के बाद साल 2019 में बढ़कर एक हजार लड़कों पर 923 लड़कियां हो गया है. इस अभियान का असर ये हुआ कि लिंगानुपात में 52 अंकों की वृद्धि हुई. 

क्या है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान 

  • बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ, 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पानीपत, हरियाणा में शुरू किया गया था. इस अभियान है का मकसद हरियाणा में शिशु लिंगानुपात में कमी को रोकना और महिलाओं के सशक्तिकरण से जुड़े मुद्दों का समाधान करना है.
  • यह योजना तीन मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित की जा रही है. ये मंत्रालय है महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय और मानव संसाधन मंत्रालय.
  • इस योजना के तहत राष्ट्रव्यापी जागरूकता और प्रचार अभियान चलाया गया और चुने गए 100 जिलों (जहां शिशु लिंगानुपात कम है) में प्रशिक्षण देकर, संवेदनशील, जागरूक और सामुदायिक एकजुटता के माध्यम से उनकी सोच को बदलने पर जोर दिया जा रहा है.

लिंगानुपात 900 से भी नीचे वाले जिलों को नोटिस 

जिला प्रशासन ने रविवार को 12 स्वास्थ्य केंद्रों को नोटिस जारी कर यह बताने को कहा है कि साल 2022 में उनके विशिष्ट क्षेत्रों में जन्म के समय लिंगानुपात (एसआरबी) 900 से कम क्यों दर्ज किया गया. इन केंद्रों पर आशा और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के पास जवाब देने के लिए सात दिन का समय है. 

इन 12 स्वास्थ्य केंद्रों में से सबसे खराब लिंगानुपात यानी प्रति 1,000 लड़कों पर जन्म लेने वाली लड़कियों की संख्या दौलताबाद में 583 दर्ज की गई.  इसके बाद दूसरे स्थान  पर गुरुग्राम गांव है, जहां पिछले 1000 लड़कों पर 700 लड़कियों का जन्म हुआ है. इसके अलावा झारसा में 896, रायपुर में 885, अभयपुर में 880, भोरा कलां में 868, भंगरोला में 868, पटौदी में 857, मोहम्मदपुर में 838, नरहेरा में 777, फर्रुखनगर में 775 और बजघेरा में 736 लिंगानुपात दर्ज किया गया है. 

हरियाणा के अलावा इन राज्यों के लिंगानुपात में भी गिरावट दर्ज 

हेल्थ मैनेजमेंट इंफॉरमेशन सिस्टम (एचएमआइएस) रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा के अलावा मध्य प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मणिपुर और बंगाल ये आठ राज्यों-केंद्र शासित प्रदेश हैं जहां लिंगानुपात में गिरावट दर्ज की गई है.

बिहार और चंडीगढ़ में लिंगानुपात 900 से नीचे पहुंच गया है. वहीं केरल में प्रति 1000 लड़कों पर 968 लड़कियों का जन्म हुआ है, वहीं छत्तीसगढ़ का लिंगानुपात 957 है औऱ राजस्थान का 946 है. मध्य प्रदेश में भी लिंगानुपात 940 से घटकर 929 रह गया है. 

भारत में बाल लिंग अनुपात में गिरावट के कारण 

केरल और छत्तीसगढ़ को छोड़ दें तो लगभग सभी राज्यों में बेटियों की तुलना में बेटे को प्राथमिकता दी जाती है. यह लोगों के सोच को दर्शाता है. भारतीय समाज में ज्यादार परिवारों में लड़कियों को बोझ माना जाता है. इसकी एक वजह दहेज प्रथा भी है. 

भारत में बाल लिंग अनुपात में गिरावट की दूसरी वजह अल्ट्रासाउंड जैसी सस्ती तकनीक का उपयोग करके लिंग चयन करना है. जिसकी वजह से लोग सिर्फ लड़कों को चुनते हैं. हालांकि भारत में लिंग निर्धारण अवैध है, फिर भी पंजाब, हरियाणा और बिहार जैसे राज्यों में लिंग निर्धारण का अवैध काम अब भी कई जगहों पर हो रहा है. 

कैसे होगा लैंगिक सुधार 

  • हमारे समाज में अगर बच्चियों के जन्म दर की गिरती संख्या को सुधारना है तो सबसे पहले महिला शिक्षा और आर्थिक समृद्धि बढ़ाने की आवश्यकता है. क्योंकि जब तक आर्थिक स्थिति में बदलाव नहीं होगा तब तक बेटियों को पढ़ाने या दहेज से बचने के लिए लोग उन्हें जन्म देने से पीछे हटेंगे.
  • युवा लोगों तक सरकारी लैंगिक सुधार कार्यक्रमों की पहुंच से जनसंख्या वृद्धि को कम करने और जन्म के समय लिंग-अनुपात सुधारने में मदद मिलेगी.
और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'जज न तो कहीं के राजकुमार हैं और न ही संप्रभु', CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने क्यों कहा ऐसा?
'जज न तो कहीं के राजकुमार हैं और न ही संप्रभु', CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने क्यों कहा ऐसा?
सपा और कांग्रेस जीत गए तो लगेगा जजिया कर? CM योगी आदित्यनाथ का बड़ा दावा
सपा और कांग्रेस जीत गए तो लगेगा जजिया कर? CM योगी आदित्यनाथ का बड़ा दावा
18 साल तक की कोशिश लेकिन मां नहीं बन पाई थी 'क्योंकि सास भी..' फेम ये एक्ट्रेस, फिर ऐसे नसीब हुआ औलाद का सुख
18 साल तक मां बनने के लिए तरस गई थीं ये एक्ट्रेस
Mark Zuckerberg Birthday: 40 साल के हुए मार्क जकरबर्ग, जिंदगी के अहम हिस्सों की तस्वीरें शेयर कीं
40 साल के हुए मार्क जकरबर्ग, जिंदगी के अहम हिस्सों की तस्वीरें शेयर कीं
Advertisement
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Lok Sabha Election: Mallikarjun Kharge ने BJP पर लगाए बड़े आरोप | ABP News | Congress |Navneet Rana Exclusive: 'राम भक्त इस सरकार को चला रहे हैं', नवनीत राणा ने Owaisi Brothers को चेताया!Shikhar Sammelan: Owaisi ब्रदर्स पर विवादित बयान के बाद Navneet Rana का विस्फोटक Full Interview |Shikhar Sammelan 2024: Rahul Gandhi के Amethi से चुनाव नहीं लड़ने पर ये क्या बोल गईं Navneet Rana? |

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'जज न तो कहीं के राजकुमार हैं और न ही संप्रभु', CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने क्यों कहा ऐसा?
'जज न तो कहीं के राजकुमार हैं और न ही संप्रभु', CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने क्यों कहा ऐसा?
सपा और कांग्रेस जीत गए तो लगेगा जजिया कर? CM योगी आदित्यनाथ का बड़ा दावा
सपा और कांग्रेस जीत गए तो लगेगा जजिया कर? CM योगी आदित्यनाथ का बड़ा दावा
18 साल तक की कोशिश लेकिन मां नहीं बन पाई थी 'क्योंकि सास भी..' फेम ये एक्ट्रेस, फिर ऐसे नसीब हुआ औलाद का सुख
18 साल तक मां बनने के लिए तरस गई थीं ये एक्ट्रेस
Mark Zuckerberg Birthday: 40 साल के हुए मार्क जकरबर्ग, जिंदगी के अहम हिस्सों की तस्वीरें शेयर कीं
40 साल के हुए मार्क जकरबर्ग, जिंदगी के अहम हिस्सों की तस्वीरें शेयर कीं
Col Waibhav Anil Kale : कौन हैं कर्नल वैभव अनिल काले जिनकी गाजा में गई जान, पठानकोट हमले से क्या था उनका नाता
कौन हैं कर्नल वैभव अनिल काले जिनकी गाजा में गई जान, पठानकोट हमले से क्या था उनका नाता
Upcoming MG Cars: भारत में एमजी की ये दो कारें मचाएंगी तहलका, एक इलेक्ट्रिक एमपीवी भी होगी शामिल 
भारत में एमजी की ये दो कारें मचाएंगी तहलका, एक इलेक्ट्रिक एमपीवी भी होगी शामिल 
Sleeping Position: सोने के तरीके में छिपा है आपकी पर्सनालिटी का राज, जानें कैसा है आपका व्यक्तित्व
सोने के तरीके में छिपा है आपकी पर्सनालिटी का राज, जानें कैसा है आपका व्यक्तित्व
Mahindra XUV 3XO Bookings: महिंद्रा XUV 3XO की बुकिंग हुई शुरू, कैसे खरीदें ये नई कार, यहां जानें
महिंद्रा XUV 3XO की बुकिंग हुई शुरू, कैसे खरीदें ये नई कार, यहां जानें
Embed widget