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Xplained: केंद्र सरकार Cryptocurrency Bill क्यों ला रही है? क्या है मकसद और देश में कितने करोड़ हैं निवेशक, जानें सब कुछ

Cryptocurrency Bill News: अभी जो जानकारी आई है उसके मुताबिक बिल इसलिए लाया जा रहा है ताकि RBI के लिए आधिकारिक डिजिटल करेंसी जारी करने के लिए सुविधाजनक ढांचा तैयार किया जा सके.

Cryptocurrency Bill News: केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में क्रिप्टोकरेंसी पर बिल लाने जा रही है. इस बिल का नाम 'The Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021' होगा. इस बिल की खबर आने के बाद से क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों में हलचल मची हुई है. देश में क्रिप्टोकरेंसी के मार्केट में 10 करोड़ निवेशक हैं. ऐसे में बिल के एलान के बाद से करोड़ों निवेशकों की नींद उड़ी हुई है.  

क्यों लाया जा रहा है बिल?

अभी जो जानकारी आई है उसके मुताबिक बिल इसलिए लाया जा रहा है ताकि RBI के लिए आधिकारिक डिजिटल करेंसी जारी करने के लिए सुविधाजनक ढांचा तैयार किया जा सके. और भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर रोक लगाई जा सके. हालांकि इस बिल में क्रिप्टोकरेंसी की तकनीक को बढ़ावा दिये जाने के लिए कुछ अपवाद भी किये जाएंगे. 

जैसे ही ये खबर मंगलवार रात को आई. तुरंत देश में अफरा तफरी मच गई. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले लोगों ने अपने पैसे निकालने शुरू कर दिए. क्रिप्टो में निवेश करने वाले विकास कुमार ने भी पैसे निकालने की कोशिश की, लेकिन वो विदड्रॉल ही नहीं कर पाए. उन्होंने कहा, "मार्केट क्रैश हुई है, पैनिक माहौल है. जिन्होंने इंडिया के एक्सचेंज में पैसे रखे हैं, वो पैनिक में हैं. लोगों ने कल से विदड्रॉल करना शुरू कर दिया था. मैंने कोशिश की लेकिन हुआ नहीं.

क्रिप्टोकरेंसी पर बिल की खबर सामने आते ही  Bitcoin(BTC) में रातों रात 8% की गिरावट आ गई. एक बिटकॉइन के दाम साढ़े 3 लाख रुपये तक गिर गए. इसी तरह से कई और क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट आई. 

  • Ethereum(ETH) में करीब 5%
  • Tether(USDT) में 9%
  • Cardano(ADA) में करीब 13%
  • Ripple(XRP) में करीब 8% 


बुधवार सुबह तक तो बहुत सी क्रिप्टोकरेंसीज़ में 15 से 20 % तक की गिरावट दिख रही थी. शाम होते होते ये थोड़ी संभली. क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों में मचे इस पैनिक का नतीजा ये हुआ कि क्रिप्टो एक्सचेंजेज़ को निवेशकों से अपील करनी पड़ी. इन एक्सचेंजेज़ का कहना है कि निवेशक घबराएं नहीं. 

हालांकि बहुत से निवेशक ऐसे भी हैं, जिन्हें अभी भी उम्मीद है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से बैन नहीं लगाएगी. वो इस आपदा में भी अवसर तलाश रहे हैं. ऐसे ही एक निवेश कार्तिक गुप्ता हैं. उन्होंने कहा, "मैंने बेचा नहीं है, जब तक सरकार की तरफ से बयान नहीं आता है, तब तक पैनिक करने की जरूरत नहीं है. बिल को आने में टाइम लगेगा."

समस्या इसी बात की है कि भारत में लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी को एक निवेश की तरह देखा. इसी वजह से युवा इसमें ज्यादा निवेश कर रहे हैं. दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट बढ़ रहा है. कुछ आंकड़े देखिए:- 

दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट

  • इस वक्त दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट कैप 185 लाख करोड़ रुपये है.
  • दुनिया में इस वक्त 430 क्रिप्टो एक्सचेंज हैं, जो 2010 में सिर्फ 3 थे.
  • क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों की संख्या 30 करोड़ है.
  • जिसमें से 10 करोड़ सिर्फ भारत में बताए जाते हैं.
  • भारत के निवेशकों का क्रिप्टोकरेंसी में 6 लाख करोड़ रुपये का निवेश है.
  • हर रोज क्रिप्टोकरेंसी में 74 हजार करोड़ रुपये का लेनदेन होता है.

आर्थिक जानकार और क्रिप्टो करेंसी के विशेषज्ञ इसे सरकार का अच्छा कदम बता रहे हैं. उनका कहना है कि बिल लाना बहुत ज्यादा जरूरी था. अर्थशास्त्री शरद कोहली का कहना है, "समय आ गया था कि सरकार इसपर संज्ञान ले और कानून बनाए. 60 से 70 हजार करोड़ निवेश किया जा चुका है. 10 करोड़ के आसपास लोग जुड़ चुके थे. उन सबके लिए ये बुरी खबर होगी. जिन्होंने निवेश किया है, उन्हें 2 या 3 महीने की विंडो दी जा सकती है. और इसमें 10 साल की सजा भी हो सकती है. समझता हूं कि सही है कि इस पर कोई रेगुलेशन नहीं है." 

आर्थिक जानकार पंकज जायसवाल ने कहा, "बैन जैसा कुछ नहीं रहेगा. उस पर क्लासिफिकेशन होगा. सरकार टैक्स लगाएगी. मैपिंग और कैपिंग करेगी. ताकि कोई नॉन स्टेट प्लेयर इसका इस्तेमाल नहीं कर सके. इससे राष्ट्रवाद पर भी खतरा था. जब सिक्का ही किसी और का रहेगा तो सरकार कैसे रहेगी."

लेकिन एक वर्ग ऐसा भी है, जो ये समझता है कि क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने का मतलब ये है कि अर्थव्यवस्था कमजोर होगी और आर्थिक तौर पर देश और पीछे चला जाएगा. पूर्व IRS अधिकारी संजीव सिंह का मानना है, "क्रिप्टोकरेंसी को भविष्य की करेंसी कहा जा रहा है, उससे पीछे हटना देश को पीछे ले जाएगा. सरकार चाहेगी तो प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी व्यावहारिक हो जाएगा. पर सरकार के लिए अचानक बैन लाना नुकसानदेह है. इस पर अभी एक्ट के डिटेल सामने नहीं आया है. सरकार ने उचित वातावरण देने की बात की है."

लेकिन सरकार को ये भी ध्यान रखना होगा कि क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने से अर्थव्यवस्था प्रभावित ना हो. क्योंकि भारत में क्रिप्टोकरेंसी का एक बहुत बड़ा बाजार भी है. 

  • भारत में क्रिप्टो टेक्नोलॉजी से जुड़े 230 से ज्यादा स्टार्टअप काम कर रहे हैं.
  • नैसकॉम के मुताबिक 2030 तक क्रिप्टो करेंसी इंडस्ट्री में 8 लाख से ज्यादा नौकरियां होंगी.
  • नैसकॉम का ये भी अनुमान है कि 2030 तक भारत में क्रिप्टोटेक इंडस्ट्री 14 लाख करोड़ रुपये का बाजार होगी.
  • क्रिप्टो करेंसी इंडस्ट्री में अरबों डॉलर का FDI आ सकता है.
  • भारत की क्रिप्टो कंपनियों ने ब्लॉकचेन स्टार्टअप में करीब 41 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया हुआ है.
  • अगर इंडस्ट्री रेगुलेट होगी तो इससे सरकार को अच्छा खासा टैक्स भी मिल सकता है. 

लेकिन मौजूदा माहौल में क्रिप्टो करेंसी के निवेशकों में अफरा तफरी का माहौल है. उन्हें अपना निवेश खत्म होता सा लग रहा है. इसीलिए विशेषज्ञों का ये भी मानना है कि सरकार को निवेशकों के हितों का ध्यान भी रखना चाहिए. हालांकि हमें ये जानकारी मिल रही है कि सरकार ऐसी व्यवस्था करने जा रही है.

निवेशकों के हित का ध्यान कैसे रखेगी सरकार

एबीपी न्यूज को मिली जानकारी के मुताबिक कुछ अपवादों को छोड़कर सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाई जाएगी. विदेशी डिजिटल करेंसी को मान्यता देने या न देने का अधिकार RBI को देने का प्रस्ताव है. निवेशकों को एक तय समयसीमा में अपनी क्रिप्टो करेंसी बेचने की छूट हो सकती है. 

बिल में पहली बार क्रिप्टोकरेंसी की परिभाषा भी दी जाएगी ताकि कोई अनिश्चितता न रहे, जानकारी के मुताबिक़ क्रिप्टोकरेंसी में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी के क़ानूनी इस्तेमाल पर पाबंदी नहीं लगाने का प्रस्ताव भी रखा जाएगा.

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