एक्सप्लोरर

Earthquake Reasons: क्यों दिल्ली-NCR सहित उत्तर भारत और नेपाल में बार बार आते हैं भूकंप?

Nepal Earthquake: नेपाल में शुक्रवार (3 नवंबर) को आए भूंकप में 157 लोगों की मौत हो गई. नेपाल के साथ-साथ उत्तर भारत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए.

Earthquake In Nepal -North India: नेपाल और उत्‍तर भारत के क्षेत्रों में लगातार भूकंप (Earthquake) के झटके लग रहे हैं. हाल ही में नेपाल में आए भूकंप के दौरान भी ऐसा ही देखने को मिला था. 3 अक्टूबर को नेपाल में 25 मिनट के अंतराल पर 4.6 और 6.2 तीव्रता के दो भूकंप आए थे. दिल्ली और एनसीआर में भी तेज झटके महसूस किए गए थे. साथ ही उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, हापुड़ और अमरोहा के कुछ हिस्सों में भी भूकंप महसूस किया गया था.

इसके अलावा शुक्रवार (3 नवंबर) को देर रात करीब 11.40 बजे भी नेपाल में 6.4 तीव्रता का भूंकप आया था. उस वक्त भी दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. अब सवाल उठता है कि ऐसा क्यों होता है कि जब भी नेपाल में भूंकप आता है, तो भारत में भी धरती थरथरा उठती है.

दरअसल, राजधानी दिल्ली की हिमालय से दूरी लगभग 300 किमी है. इसलिए दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के आसपास के हिस्सों में बार-बार भूकंप आता है. इसके अलावा नेपाल और उत्तर भारत टेक्टोनिक प्लेटों की सीमा पर स्थित हैं. ऐसे में टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से जब भी नेपाल में भूकंप आता है, तो दिल्ली और उत्तर भारत में भी इसके झटके महसूस होते हैं.

टेक्टॉनिक प्लेटों में लगातार हो रही है टक्कर
नेपाल स्थित राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक भरत कोइराला का कहना है क‍ि भारतीय और यूरेशिया की टेक्टॉनिक प्लेटों में लगातार टक्कर हो रही है, जिससे बहुत अधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है. नेपाल इन दोनों प्लेटों की सीमा पर है, जो भूकंप के मामले में अतिसक्रिय इलाकों में आता है. इसलिए नेपाल में भूंकप आना सामान्य है.  

न्यूज एजेंसी पीटीआई करे मुताबिक कोइराला का कहना है कि 520 साल से पश्चिमी नेपाल में टेक्टॉनिक हलचल के कारण बहुत बड़ा भूकंप नहीं आया है. इस कारण धरती के नीचे बहुत सारी एनर्जी जमा हो गई है.  इसलिए, इन क्षेत्रों में एनर्जी रिलीज होने के लिए भूकंप आना  सामान्य बात है.

उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे नई माउंटेन रेंज हिमालय यूरेशियाई प्लेट, इसके दक्षिणी किनारे पर तिब्बत और भारतीय महाद्वीपीय प्लेट के टकराव के परिणामस्वरूप बनी और यह सदियों से टेक्टॉनिक गतिविधियों से विकसित हो रही है. ये प्लेट हर 100 साल में दो मीटर आगे बढ़ती हैं, जिसके परिणामस्वरूप धरती के अंदर सक्रिय जियोलॉजिक दोषों में संग्रहित ऊर्जा अचानक मुक्त हो जाती है, जिससे भूपर्पटी में हलचल होती है.

भविष्य में पश्चिमी नेपाल में बड़े भूकंप आने की जताई जा रही आशंका 
उन्होंने बल देते हुए कहा क‍ि भविष्य में पश्चिमी नेपाल में बड़े भूकंप आने की आशंका है. पिछले दो से तीन दशक तक जाजरकोट इलाके में बड़े या मध्यम दर्जे का भूकंप नहीं आया है, लेकिन हम पूर्वानुमान नहीं लगा सकते है कि कब और कितने बड़े स्तर पर भूकंप आएगा?

नेपाल में जनवरी से अब तक आए 70 भूकंप
भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल 1 जनवरी से नेपाल में 4.0 और उससे अधिक तीव्रता के 70 भूकंप आ चुके हैं. इनमें से 13 भूकंप र‍िएक्‍टर स्‍केल 5 और 6 के बीच थी, जबकि तीन की तीव्रता 6.0 से ऊपर र‍िकॉर्ड की गई थी. 

स‍िस्‍म‍िक जोन-5 में आता है उत्तर भारत
वहीं, अगर बात करें भारत की तो उसे 4 भूकंपीय जोन में बांटा गया है. स‍िस्‍म‍िक जोन-4  में दिल्ली, यूपी, वेस्‍ट बंगाल, बिहार, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, सिक्किम, गुजरात, राजस्‍थान और महाराष्‍ट्र के कुछ क्षेत्र आते हैं. द‍िल्‍ली-एनसीआर के जोन-4 में होने की वजह से यहां भूकंप के झटके ज्‍यादा महसूस होते हैं. 

स‍िस्‍म‍िक जोन-5 में आते हैं भारत का नॉर्थ ईस्‍ट और कई राज्‍य 
बात अगर जोन-5 की करें तों इसमें नॉर्थ ईस्‍ट भारत का ह‍िस्‍सा आता है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात में कच्छ क्षेत्र, उत्तर बिहार का कुछ क्षेत्र और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ इलाके भी इस के अधीनस्‍थ आते हैं. इन सब के जोन-5 में रहने की वजह से यहां भूकंप का खतरा ज्यादा मंडराता रहता है.  

नेपाल में 157 लोगों की मौत
गौरतलब है क‍ि नेपाल में गत शुक्रवार (3 नवंबर) की देर रात आए 6.4 र‍िएक्‍टर स्‍केल के व‍िनाशकारी भूकंप में अब तक 157 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 250 से ज्‍यादा लोग घायल हुए हैं. यह भूकंप नेपाल के जाजरकोट और रुकुम पश्चिम जिलों में भीषण तबाही लेकर आया है. इस भूकंप में करीब 8,000 से ज्‍यादा घर क्षतिग्रस्‍त हुए हैं. 

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताब‍िक, नेपाल में सोमवार (7 नवंबर) की शाम 16:16 बजे भी रिक्टर स्‍केल पर 5.6 तीव्रता का भूकंप आया. इसके झटके दिल्ली-एनसीआर में भी महसूस क‍िए गए हालांक‍ि इसकी तीव्रता 5.6 आंकी गई थी.  

पृथ्‍वी 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित
नेपाल और उत्तर भारत के क्षेत्रों में बार बार भूकंप आने की बड़ी वजह पृथ्‍वी के भीतर मौजूद प्लेटों के आपस में टकराना माना जाता है. भू-विज्ञान व‍िशेषज्ञों का मानना है क‍ि पृथ्‍वी 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. जब यह प्लेट टकराती हैं तो ऊर्जा निकलती है, उसको भूकंप कहा जाता है.

विशेषज्ञ बताते हैं कि पृथ्‍वी के नीचे स्‍थ‍ित यह प्‍लेटें बहुत ही धीमी गत‍ि के साथ मूमेंट करती हैं और घूमती रहती हैं. अनुमान के मुताब‍िक हर साल यह अपनी जगह से 4 से 5 म‍िमी तक खिसक जाती हैं. बताया जाता है क‍ि कोई प्‍लेट क‍िसी से दूर तो कोई क‍िसी के नीचे से ख‍िसक जाती है. उस वक्‍त इनके टकराने से ही भूकंप आता है.  

यह भी पढ़ें: Nepal Earthquake: भारत ने नेपाल के साथ न‍िभायी 'दोस्‍ती', एयरफोर्स के व‍िमान से भेजी 10 करोड़ की राहत सामग्री, जल्‍द जाएगी दूसरी खेप  

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Weather Forecast: अगले कुछ घंटों में इन राज्यों में हो सकती तूफान के साथ तेज बारिश, IMD ने जारी किया अलर्ट
अगले कुछ घंटों में इन राज्यों में हो सकती तूफान के साथ तेज बारिश, IMD ने जारी किया अलर्ट
सलमान खान फायरिंग केस में एक और गिरफ्तारी, राजस्थान के बूंदी से पकड़ा गया आरोपी
सलमान खान फायरिंग केस में एक और गिरफ्तारी, राजस्थान के बूंदी से पकड़ा गया आरोपी
जब 'आनंदी' के साथ दो बार बॉडीगार्ड ने की थी गंदी हरकत, अविका गौर बोलीं- शर्मनाक है, अगर मुझमें हिम्मत होती तो मैं...'
बॉडीगार्ड की इस हरकत से शॉक्ड रह गई थीं अविका गौर, कहा- मुझे पीछे से छुआ, फिर...'
T20 WC 2024: यह पाकिस्तान क्रिकेट का सबसे निचला स्तर है, इससे नीचे नहीं गिर सकता... पाक ऑलराउंडर ने कह डाली बड़ी बात
यह पाकिस्तान क्रिकेट का सबसे निचला स्तर है, इससे नीचे नहीं गिर सकता... पाक ऑलराउंडर ने कह डाली बड़ी बात
Advertisement
metaverse

वीडियोज

Panchayat के Vidhayak Ji से सच में मांगा जा रहा है उनकी बेटी Chitra aka Kirandeep Kaur का Rishta?Delhi Water Crisis: दिल्ली में जलबोर्ड दफ्तर में परेशान लोगों ने की तोड़फोड़NEET Row: NEET परीक्षा में धांधली को लेकर विस्फोटक बड़ा खुलासा, आरोपियों का बड़ा कबूलनामाDelhi Water Crisis:  दिल्ली में पानी की किल्लत, लोगों का फूटा गुस्सा | CM Kejriwal

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Weather Forecast: अगले कुछ घंटों में इन राज्यों में हो सकती तूफान के साथ तेज बारिश, IMD ने जारी किया अलर्ट
अगले कुछ घंटों में इन राज्यों में हो सकती तूफान के साथ तेज बारिश, IMD ने जारी किया अलर्ट
सलमान खान फायरिंग केस में एक और गिरफ्तारी, राजस्थान के बूंदी से पकड़ा गया आरोपी
सलमान खान फायरिंग केस में एक और गिरफ्तारी, राजस्थान के बूंदी से पकड़ा गया आरोपी
जब 'आनंदी' के साथ दो बार बॉडीगार्ड ने की थी गंदी हरकत, अविका गौर बोलीं- शर्मनाक है, अगर मुझमें हिम्मत होती तो मैं...'
बॉडीगार्ड की इस हरकत से शॉक्ड रह गई थीं अविका गौर, कहा- मुझे पीछे से छुआ, फिर...'
T20 WC 2024: यह पाकिस्तान क्रिकेट का सबसे निचला स्तर है, इससे नीचे नहीं गिर सकता... पाक ऑलराउंडर ने कह डाली बड़ी बात
यह पाकिस्तान क्रिकेट का सबसे निचला स्तर है, इससे नीचे नहीं गिर सकता... पाक ऑलराउंडर ने कह डाली बड़ी बात
Nigerian President: इस देश में महंगाई ने तोड़ा 28 साल का रिकॉर्ड, काबू पाने के लिए राष्ट्रपति ने बदल दिया राष्ट्रगान
इस देश में महंगाई ने तोड़ा 28 साल का रिकॉर्ड, काबू पाने के लिए राष्ट्रपति ने बदल दिया राष्ट्रगान
भाजपा के लिए माननीय की भूमिका निभा रहे मोहन भागवत, मजबूती के लिए समीक्षा जरूरी
भाजपा के लिए माननीय की भूमिका निभा रहे मोहन भागवत, मजबूती के लिए समीक्षा जरूरी
Income Tax Return: करना है आईटीआर फाइल तो इन डॉक्यूमेंट्स को रखें तैयार, नहीं होगी कोई दिक्कत
करना है ITR फाइल तो इन डॉक्यूमेंट्स को रखें तैयार, नहीं होगी कोई दिक्कत
Liver Health: पिंपल्स से लेकर सूजन तक, लिवर खराब होने के चेहरे और गर्दन पर दिखते हैं ये संकेत, आज ही चेक करें
पिंपल्स से लेकर सूजन तक, लिवर खराब होने के चेहरे और गर्दन पर दिखते हैं ये संकेत, आज ही चेक करें
Embed widget