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India-UK Trade: 'खालिस्तानियों के मुद्दे पर ब्रिटेन से व्यापार वार्ता रोकी', ब्रिटिश मीडिया के इस दावे को भारत ने बताया आधारहीन
Indian On British Media: ब्रिटेन के एक प्रतिष्ठित अखबार ने खालिस्तानियों के मुद्दे पर भारत-यूके व्यापार वार्ता के ठप होने की खबर छापी. भारतीय अधिकारियों ने ब्रिटिश मीडिया के इस दावे को खारिज किया है.
![India-UK Trade: 'खालिस्तानियों के मुद्दे पर ब्रिटेन से व्यापार वार्ता रोकी', ब्रिटिश मीडिया के इस दावे को भारत ने बताया आधारहीन Indian authorities dismiss reports of India UK trade talks over free trade agreement FTA being stalled India-UK Trade: 'खालिस्तानियों के मुद्दे पर ब्रिटेन से व्यापार वार्ता रोकी', ब्रिटिश मीडिया के इस दावे को भारत ने बताया आधारहीन](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/10/58f451be414e55c79ff8994cc5d99c151681124108415330_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
India UK Trade Talks Over FTA: भारतीय अधिकारियों ने सोमवार (10 अप्रैल) को ऐसी खबरों का खंडन किया, जिनमें दावा किया गया कि लंदन में खालिस्तान समर्थक समूहों से जुड़े हालिया हमलों के कारण भारत-ब्रिटेन व्यापार वार्ता ठप हो गई है.
ब्रिटिश मीडिया की खबरों में कहा गया है कि भारत ने मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर ब्रिटेन के साथ बातचीत को रोक दिया है. खबरों में कहा गया है कि भारत चाहता है कि पिछले महीने लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमले के लिए जिम्मेदार संगठनों के खिलाफ और ज्यादा कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
ब्रिटिश मीडिया के दावे पर भारत का जवाब
भारत सरकार के एक सूत्र ने नई दिल्ली में कहा कि भारत-ब्रिटेन व्यापार वार्ता ठप होने की यह खबर आधारहीन है. सूत्र ने कहा कि आधिकारिक वार्ता का अगला दौर 24 अप्रैल से लंदन में होने की संभावना है.
ब्रिटेन के इस प्रतिष्ठित अखबार ने छापी खबर
‘द टाइम्स’ अखबार ने ब्रिटिश सरकार के वरिष्ठ सूत्रों का हवाला देते हुए दावा किया कि भारत सरकार ने पिछले साल जनवरी में शुरू हुई व्यापार वार्ता ‘रोक’ दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि 19 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग से तिरंगा उतारने और दो अधिकारियों को घायल करने के लिए जिम्मेदार खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और सार्वजनिक निंदा के बिना इसमें आगे कोई प्रगति नहीं होगी.
ब्रिटेन सरकार का पक्ष भी छापा गया
अखबार के मुताबिक, ‘‘ब्रिटेन सरकार ने हमले की निंदा की है और भारतीय उच्चायोग में सुरक्षा की समीक्षा का वादा किया है, जबकि भारतीय अधिकारी चाहते हैं कि खालिस्तानी अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए उनकी सार्वजनिक निंदा की जानी चाहिए.’’
अखबार ने ब्रिटेन सरकार के एक सूत्र के हवाले से लिखा, ''भारत ने कहा है कि वह व्यापार को लेकर बात नहीं करना चाहता है, वे व्यापार वार्ता नहीं करना चाहते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह भारतीय उच्चायोग के खिलाफ हमले और व्यापक सिख अलगाववादी आंदोलन को गंभीरता से नहीं लेने की हमारी एक बड़ी समस्या का हिस्सा है.''
पिछले साल इतने अरब पाउंड का व्यापार
ब्रिटेन सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत-ब्रिटेन का द्विपक्षीय व्यापार संबंध 2022 में 34 बिलियन (34 अरब) पाउंड का था, जो एक वर्ष में 10 बिलियन पाउंड बढ़ रहा है. अगर मुक्त व्यापार समझौता सफल होता है तो उन आंकड़ों में नाटकीय रूप से बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.
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