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वैज्ञानिक और औद्योगिक शोध-विकास पर खर्च होंगे 6,000 करोड़, राष्ट्रीय क्वांटम मिशन से साकार होगा आत्मनिर्भर भारत का सपना

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन भारत को क्वांटम तकनीक और अनुप्रयोगों के विकासकर्ता के रूप में अग्रणी देशों की श्रेणी में से लाकर खड़ा कर सकता है. इससे आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में भी मदद मिलेगी.

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (National Quantum Mission) को मंजूरी दे दी. इस मिशन का उद्देश्य क्वांटम टेक्नोलॉजी पर आधारित आर्थिक उन्नति को बढ़ावा देना है. साथ ही, भारत को क्वांटम तकनीक और एप्लीकेशन की उपयोगिता के क्षेत्र में सबसे अग्रणी राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है. राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के लिए शुरुआती दौर में केंद्र सरकार ने 6003 करोड़ रुपये की राशि खर्च करने की योजना बनाई है, जोकि आगामी आठ वर्षों (2023-24 से 2030-31) के बीच खर्च किए जाएंगे. इसके साथ ही हम विश्व के उन छह देशों (अमेरिका, चीन, फ्रांस, कनाडा, फिनलैंड और ऑस्ट्रिया ) के साथ एलिट क्लब लिस्ट में शामिल हो जाएंगे. ये सभी छह पहले से ही क्वांटम तकनीक के क्षेत्र व इससे जुड़े अन्य क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. हम क्वांटम आधारित नेशनल मिशन को मंजूरी मिलने के बाद हम सातवां ऐसा देश बन गए हैं जिसने क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए एक डेडिकेटेड मिशन शुरू किया है.

क्या है राष्ट्रीय क्वांटम मिशन

इस मिशन के तहत आगामी आठ वर्षों में भारत का लक्ष्य इंटरमीडिएट स्केल क्वांटम कंप्यूटर को विकसित करना है. जिनकी फिजिकल क्षमता 50-1000 क्यूबिट्स की होगी और इनकी उपयोगिता बहुत सारे प्लेटफॉर्म पर की जाएगी. खास करके सुपरकंडक्टिंग और फोटोनीक टेक्नॉलजी के लिए. भारत में पृथ्वी के स्टेशन से 2000 किलोमीटर के रेंज तक सैटेलाइट बेस्ड सेक्योर क्वांटम आधारित संचार किये जा सकेंगे. इसके अलावा लंबी दूरी के लिए दूसरे अन्य देशों के साथ भी संचार स्थापित किए जा सकेंगे. 2000 किलोमीटर तक अंतर-शहरी कम्युनिकेशन के लिए इसका डिस्ट्रिब्यूशन किया जाएगा. इसके साथ-साथ मल्टी नोड क्वांटम नेटवर्क का जाल बिछाया जाएगा जोकि क्वांटम मेमोरी आधारित होगा. ये इस मिशन के कुछ महत्वपूर्ण पहलू हैं. इसके अलावा मौसम की खबरों और सूचना देने वाले एप्लीकेशन में भी इनका इस्तेमाल किया जाएगा. इससे मौसम की भविष्यवाणी की और भी सटीक जानकारी हमें मिल सकेगी.  


वैज्ञानिक और औद्योगिक शोध-विकास पर खर्च होंगे 6,000 करोड़, राष्ट्रीय क्वांटम मिशन से साकार होगा आत्मनिर्भर भारत का सपना

 

इस मिशन के तहत, सरकार देश में शीर्ष शैक्षणिक और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों में चार थीमेटिक हब स्थापित करेगी. पारंपरिक तकनीकों की तुलना में, क्वांटम कंप्यूटर बड़े और जटिल डेटासेट को प्रभावी और कुशलता के साथ प्रोसेस कर सकते हैं और यह कंप्यूटिंग के लिए अगला फ्रंटियर माना जाता है. इसके अलावा राष्ट्रीय क्वांटम कार्यक्रम के तहत संचार और नेविगेशन के लिए स्वदेशी मैग्नेटोमीटर, परमाणु घड़ियों, सिंगल फोटॉन आदि के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा. मिशन क्वांटम से सुपरकंडक्टर्स और सेमीकंडक्टर संरचनाओं के डिजाइन और सिंथेसिस में भी मदद मिलेगी.

केंद्रीय कैबिनेट से इसे हरी झंडी मिलने के बाद विज्ञान और तकनीक मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) भारत को तकनीक के क्षेत्र में बहुत बड़ी छलांग लगाने में मददगार साबित होगा. उन्होंने कहा कि यह सूचनाओं के संप्रेषण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. अब तक हमारे पारंपरिक कंप्यूटर ट्रांजिस्टर आधारित होते थे लेकिन अब वे इस मिशन से एटम आधारित होंगे. उनकी गति भी अत्यधिक हो जाएगी और यह बहुत सारे क्षेत्रों जैसे आईटी, फार्मास्यूटिकल, स्वास्थ्य, वित्तीय और ऊर्जा के सेक्टर में महत्वपूर्ण योगदान देंगे. इसके साथ ही ड्रग डिजाइन, स्पेस एप्लीकेशन और भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने में इसका काफी अहम योगदान होगा. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि इसके लिए एक निदेशक की नियुक्त की जाएगी. साथ ही एक सचिवालय भी स्थापित किया जाएगा. एक सरकारी समिति भी बनाई जाएगी और इसके अध्यक्ष इस क्षेत्र में काम कर रहे प्रमुख वैज्ञानिक होंगे. इस पूरे मिशन का सुपरविजन सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के नेतृत्व में होगा.

क्या है महत्व?
 
राष्ट्रीय क्वांटम मिशन का संचार, स्वास्थ्य, वित्त, ऊर्जा, दवा डिजाइन और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों सहित कई उद्योगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. यह मिशन डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, आत्मनिर्भर भारत और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप है. यह प्रौद्योगिकी में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देगा. इसका उद्देश्य क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक गतिशील और अभिनव पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है. मिशन भारत में क्वांटम प्रौद्योगिकी के विकास और विस्तार की सुविधा प्रदान करेगा.

क्या है क्वांटम टेक्नोलॉजी?

क्वांटम प्रौद्योगिकी क्वांटम सिद्धांत पर आधारित होता है, जो परमाणु और उप-परमाणु स्तर पर ऊर्जा और पदार्थ की प्रकृति की व्याख्या करती है. इसकी सहायता से डेटा और इंफॉर्मेशन को कम-से-कम समय में प्रोसेस किया जा सकता है. क्वांटम कंप्यूटर की मदद से कंप्यूटिंग से जुड़े टास्क कम समय में किए जा सकते हैं. क्वांटम कंप्यूटर क्वांटम टू लेवल सिस्टम (क्वांटम बिट्स या क्यूबिट्स) का उपयोग करके जानकारी संग्रहित करते हैं. ये क्लासिकल बिट्स के विपरीत सुपर स्पेशल स्टेटस में तैयार किए जा सकते हैं. यह महत्त्वपूर्ण क्षमता क्वांटम कंप्यूटरों को पारंपरिक कंप्यूटरों की तुलना में बेहद शक्तिशाली बनाती है.

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