बड़ा बेटा समझदार होगा और छोटा लापरवाह...क्या बर्थ ऑर्डर तय कर देता है हमारी पर्सनालिटी? जानिए क्या कहता है साइंस
Birth Order Shape Your Personality: कहा जाता है कि बर्थ ऑर्डर आपकी पर्सनालिटी बताता है. अगर कोई शख्स घर में सबसे बड़ा है तो वो जिम्मेदार और सबसे छोटे के थोड़ा लापरवाह किस्म कहा कहा जाता है.

अगर कभी आपने नोटिस किया हो तो किसी के भी घर में खासतौर से जो बड़ा बच्चा होता है, वो जिम्मेदार और छोटा थोड़ा लापरवाह और शरारती किस्म का होता है. ज्यादातर घरों में यह बात देखने को मिलती है. किसी के भी घर में अगर दो लड़कियां हैं तो बड़ी बेटी के अंदर जिम्मेदारी, कर्तव्यनिष्ठा जैसे गुण देखने को मिलते हैं. वहीं दूसरी ओर छोटी बेटी के अंदर थोड़ी बेपरवाही वाले गुण पाए जाते हैं. भले ही दोनों एक ही माता-पिता की संतानें हैं और एक-दूसरे के बहुत करीब हों, लेकिन उनकी पर्सनालिटी में बहुत अंतर देखने को मिलेगा. लेकिन क्या यह पर्सनालिटी बर्थ ऑर्डर पर डिपेंड करती है. चलिए जानें कि इसके बारे में साइंस क्या कहता है.
क्या कहती रिसर्च
ताजा रिसर्च की मानें तो बहुत सारे वेरिएब्लस होते हैं, जिनकी मानें बर्थ ऑर्डर के आधार पर पर्सनालिटी का डिपेंड होना जरूरी नहीं हैं. अगर बर्थ ऑर्डर सिस्टमेटिक है, तो यह जरूरी नहीं है कि वो हर शख्स को एक जैसा प्रभावित करे. उदाहरण के तौर पर देखें तो अगर किसी घर में दो भाई-बहन हैं, और किसी घर में सात भाई-बहन हैं तो दोनों जगहों पर सबसे बड़े और सबसे छोटे का अनुभव अलग-अलग होता है. दोनों की सीधे तौर पर तुलना नहीं की जा सकती है.
बर्थ ऑर्डर व्यक्तित्व को कितना प्रभावित करता है
परिवार से साइज और अनुभव व परिवार में बच्चों का अनुभव बहुत सारी चीजों जैसे कि फाइनेंशियल कंडीशन, बच्चे की उम्र, जेंडर आदि पर निर्भर करता है. इन सब चीजों के मद्देनजर रिसर्चर्स ने बताया कि जन्म के ऑर्डर से बच्चे की पर्सनालिटी पर लेना देना नहीं है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बर्थ ऑर्डर का किसी के जन्म से कोई लेना-देना नहीं है. यह फिर भी मायने रखता है. सिबलिंग्स के जन्म का क्रम उनके व्यक्तित्व के विकास को कुछ हद तक तो प्रभावित करता ही है. यह एक जाना-माना सिद्धांत है कि पहले, बीच में या सबसे छोटे के रूप में जन्म लेने से किसी शख्स के कुछ खास लक्षण विकसित हो सकते हैं.
जन्म क्रम का व्यक्तित्व पर असर
यही वजह है कि किसी घर में अक्सर पहला बच्चा अधिक जिम्मेदार, महात्वाकांक्षी और लीडर की तरह होता है. चूंकि वह माता-पिता का पहला बच्चा होता है, इसलिए वे उस पर ज्यादा ध्यान देते हैं. वहीं बीच का बच्चा अक्सर चीजों को स्वीकार करने वाला, कूटनीतिक और समझौता करने वाला होता है, वो अक्सर परिवार में शांति बनाए रखने की कोशिश करता है. वहीं सबसे छोटा मिलनसार, स्वतंत्र, थोड़ा सा लापरवाह और आकर्षक होता है. अक्सर परिवारों में कहा जाता है कि उनको ज्यादा लाड-प्यार मिलता है, इसलिए वे ऐसे होते हैं.
यह भी पढ़ें: किन देशों में होता है गायत्री मंत्र का पाठ? देख लें पूरी लिस्ट
टॉप हेडलाइंस

