बांग्लादेश में हिंदू मंदिर पर हमला बताकर पाकिस्तान का पुराना Video वायरल
प्रो. सुधांशु नामक एक्स हैंडल, जो अक्सर फ़ेक न्यूज़ फैलाने के लिए जाना जाता है, ने वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा: "बांग्लादेश हिंदू मंदिरों की दुर्दशा.

फैक्ट चेक
निर्णय [असत्य]यह वीडियो पाकिस्तान का है, जहां अगस्त 2021 में रहीम यार खान ज़िले के भोंग कस्बे में एक भीड़ ने हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की थी. |
दावा क्या है?
बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय के धार्मिक स्थलों पर बढ़ती हिंसा की ख़बरों के बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें भीड़ नारे लगाते हुए एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ करती नज़र आ रही है. दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो बांग्लादेश में हाल ही में हुए एक हिंदू मंदिर पर हमले का है.
प्रो. सुधांशु नामक एक्स हैंडल, जो अक्सर फ़ेक न्यूज़ फैलाने के लिए जाना जाता है, ने वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा: "बांग्लादेश हिंदू मंदिरों की दुर्दशा. कहां है अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं भारत सरकार. सभी Rohingyas एवं Bangladeshi घुसपैठिए को भारत से बाहर करे और सारे व्यापार और क्रिकेट मैच बंद होना चाहिए." इस पोस्ट को अब तक 84,000 से ज़्यादा व्यूज़, 2800 रीपोस्ट और 4,000 लाइक्स मिल चुके हैं. ऐसे ही दावों वाले अन्य पोस्ट यहां, यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, यह वीडियो बांग्लादेश का नहीं, बल्कि पाकिस्तान का है, जहां अगस्त 4, 2021 को पंजाब प्रांत के रहीम यार खान ज़िले में एक हिंदू मंदिर में भीड़ ने तोड़फोड़ की थी.
सच्चाई कैसे पता चली?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च से ढूंढने पर, हमें अगस्त 2021 की कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें इस वीडियो के स्क्रीनशॉट शामिल थे. इन रिपोर्ट्स में बताया गया था कि मंदिर में तोड़फोड़ की यह घटना पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रहीम यार खान ज़िले के भोंग कस्बे में स्थित गणेश मंदिर की है.
पाकिस्तानी न्यूज़ आउटलेट डॉन की अगस्त 5, 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक़, एक नौ वर्षीय हिंदू लड़के पर स्थानीय मदरसे में पेशाब करने का आरोप था. जब स्थानीय अदालत ने उसे ज़मानत दी, तो सैकड़ों लोगों ने रहीम यार खान ज़िले के भोंग कस्बे में स्थित हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की और सुक्कुर-मुल्तान मोटरवे (एम-5) को जाम कर दिया.
अगस्त 2021 में प्रकाशित डॉन की रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: डॉन/स्क्रीनशॉट)
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि भोंग पुलिस ने जुलाई 24, 2021 को पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295-ए के तहत लड़के के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था. हिंदू बुज़ुर्गों ने मदरसा प्रशासन से माफ़ी मांगी थी और कहा था कि आरोपी नाबालिग और मानसिक रूप से विक्षिप्त है. इसके बाद, जब निचली अदालत ने उसे ज़मानत दी, तो कुछ लोगों ने कस्बे में स्थिति को भड़काया, दुकानों को बंद करवाया और मंदिर पर हमला कर दिया.
रिपोर्ट के मुताबिक़, क्षेत्र में हिंदू और मुस्लिम समूहों के बीच एक पुराने धन-संबंधी विवाद की ख़बरें हैं, जिसे अशांति का असली कारण बताया गया है.
हमने पाया कि यही वीडियो पहले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी के पाकिस्तानी सांसद रमेश कुमार वंकवानी ने अगस्त 4, 2021 को एक्स पर पोस्ट (आर्काइव यहां) किया था.
पाकिस्तानी सांसद रमेश कुमार वंकवानी के एक्स-पोस्ट का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
इस घटना के बाद, पाकिस्तान नेशनल असेंबली ने मंदिर में हमले की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया और दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया. साथ ही काउंसिल ऑफ़ इस्लामिक आइडियोलॉजी ने मंदिर में हमले की घटना की आलोचना की थी.
पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी अगस्त 5, 2021 को एक्स-पोस्ट (आर्काइव यहां) के ज़रिये मंदिर पर हमले की निंदा की थी और आश्वासन दिया था कि सरकार मंदिर का जीर्णोद्धार करेगी.
पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के एक्स-पोस्ट का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
अगस्त 10 को प्रकाशित अल-जज़ीरा की रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान सरकार ने घटना के हफ़्ते भर बाद ही हिंदू मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य पूरा कर लिया और हमले में शामिल लगभग 90 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
इसके अलावा, द हिंदू, हिंदुस्तान टाइम्स, इंडिया टुडे और द वायर सहित कई भारतीय मीडिया आउटलेट्स ने पाकिस्तान में मंदिर में तोड़फोड़ की घटना पर रिपोर्ट्स प्रकाशित की थीं.
निर्णय
हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो जाता है कि वायरल वीडियो बांग्लादेश का नहीं, बल्कि 2021 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रहीम यार खान ज़िले में एक मंदिर पर भीड़ द्वारा किए गए हमले का है. इसका बांग्लादेश की किसी भी घटना से कोई संबंध नहीं है.
[डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.]
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Source: IOCL






















