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(Source: ECI / CVoter)
102 Not Out Review: मजेदार है अमिताभ और ऋषि कपूर की ये फिल्म
102 not out Review: अगर आपने बहुत वक़्त से अपने माता पिता के साथ कोई फिल्म ना देखी हो तो 102 नॉट आउट उन्हें लेकर या उनके साथ जा सकते हैं.
मुंबई: 75 साल के बाद एक पिता अपने बेटे को एकबार फिर चलना सिखाता है. उसके लिए लोरियां गाता है. उसे हंसना सिखाता है. उसे जीना सिखाता है. वह अपने बेटे बाबू को एक बार फिर बड़ा करता है. 102 साल के उम्र में एक बुज़ुर्ग को आखिर ऐसा क्यों करना पड़ा? कोई तो वजह होगी...क्लाइमेक्स ज़बर्ज़स्त है.
कहानी
102 साल के पिता और 75 साल के बेटे ( ऋषि कपूर) बाबू यानि ऋषि कपूर की जो घड़ी की सुई के हिसाब से चलता है, बुढ़ापे को उसने मान लिया है और उसके जीवन में कोई रोमांच नहीं है. वहीं 102 साल के दत्तात्रेय (अमिताभ बच्चन) ज़िंदगी को भरपूर जीते हैं. उन्हें आज भी 16 साल और जीने की ख्वाहिश है ताकि वह एक चीनी व्यक्ति का रिकॉर्ड तोड़ सके. उनके जीवन का उद्देश्य है कि वह अपने बेटे बाबूलाल की नीरस जिंदगीें को बदल सके जिसके लिए वो कई हथकंडे अपनाता है. बाप बेट की रोमांटिक फिल्म है 102 नॉट आउट.
अभिनय
27 साल के बाद बड़े परदे पर साथ आये अमिताभ और ऋषि कपूर के अभिनय के विषय में बात करना सूरज को रौशनी दिखने के बराबर है. मगर इतना ज़रूर है कि उम्र के इस पड़ाव में इन दोनों अभिनेताओं ने पूरी फिल्म में एक पल भी ऐसा नहीं छोड़ा जहाँ आपको किसी और एलिमेंट यानि रोमांस, एक्शन, आइटम या स्पेशल गाने, हीरोइन की की कमी महसूस हो. अक्सर जहाँ बच्चन होते है वहां किसी और कलाकार की खास गुंजाइश नहीं होती मगर इस फिल्म में ऋषि कपूर ने भी अपने ज़बर्ज़स्त अभिनय के साथ लोगों का दिल जीत लिया. ऋषि कपूर ने हर एक सीन में बच्चन को कॉम्प्लीमेंट दिया है. वह बहुत प्यारे लगे हैं इनके अलावा जिमिथ त्रिवेदी की भूमिका खास है. इन दोनों दिग्ग्जों के बीच जगह बना पाना अपने आप में एक उपलब्धि है जो जिमीथ ने कर दिखाई है.
डायलॉग्स
अभिजात जोशे भाई सौम्य जोशी ने इस फिल्म को लिखा है जो एक गुजरती प्ले पर आधारित है. इस फिल्म के डायलॉग्स आपको याद रहेंगे. जैसे -'बच्चा अगर नालायक निकल जाये तो उसे भूल जाना चाहिए...सिर्फ उसका बचपन याद रखना चाहिए', 'मैं मरने के सख्त खिलाफ हूँ...जब तक ज़िंदा है तब तक मरता नहीं' और 'मैं दुनिया में पहला बाप होऊंगा जो अपने बेटे को वृद्धाश्रम भेजना चाहता है.' ऐसे कई डायलॉग्स फिल्म में आपको हसाएंगे भी और रूलाएंगे भी.
क्यों देखे
- अगर आपने बहुत वक़्त से अपने माता पिता के साथ कोई फिल्म ना देखी हो तो 102 नॉट आउट उन्हें लेकर या उनके साथ जा सकते हैं. उम्र कोई दायरा नहीं बल्कि उससे परे है, जीवन जीना आना चाहिए. वक़्त पर रिश्तों का भी इम्तेहान लेना सिखाती है 102 नॉट आउट.
- 27 साल बाद अमिताभ बच्चन - ऋषि कपूर की जोड़ी लाजवाब हैं.
- 'ओ माई गॉड' 'आल इस वेल ' जैसी फिल्में बनाने वाले उमेश शुक्ला की यह खूबसूरत पेशकश है.
- माता पिता के साथ देखने लायक ऐसी एक फिल्म जिसे आपको एक अच्छा मैसेज मिलता है.
- अमिताभ बच्चन इस फिल्म के साथ म्यूजिक कंपोज़ भी बन गए है और 'Badumba' उनकी पेशकश है. हालाँकि फिल्म में यह गाना नहीं है मगर प्रमोशनल गाने के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जा रहा है.
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