By: एबीपी न्यूज वेब डेस्क | Updated at : 03 Oct 2016 10:50 PM (IST)
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने आज मैगी के 550 टन स्टॉक को नष्ट करने की मंजूरी दे दी. मैगी पर पिछले साल लगे बैन के बाद 550 टन का स्टॉक ऐसा गोदाम में रह गया, जिसकी एक्सपायरी डेट बीत चुकी है. इसी को नष्ट करने की इजाजत कोर्ट से मांगी गई थी. आज इस इजाजत मिलने के बाद नेस्ले कंपनी इस 550 टन मैगी को नष्ट करेगी. मैगी इससे पहले बैन के बाद देश भर से वापस मंगवाकर 38 हजार टन का स्टॉक नष्ट कर दिया था. मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले ने सुप्रीम कोर्ट से अपने उन मैगी पैकेट्स को नष्ट करने की इजाजत मांगी थी जिनमें लेड कंटेट या एमएसजी (मोनोसोडियम ग्लूटामेट) की मात्रा अधिक थी.
जून 2015 में मैगी पर भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ( एफएसएसएआई) ने एफएमसीजी नेस्ले को आदेश दिया गया था कि वह देशभर में मैगी की बिक्री पर रोक लगा दे. ये कदम भारत की कई लैबोरेटरीज में मैगी के सैंपल लैब टैस्ट में फेल होने के बाद लिया गया था जिसके बाद मैगी कई महीनों तक बाजार से गायब रही.
अब मैगी ने उन्हीं सैंपल से बची 550 टन मैगी को नष्ट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मांगी थी. लेकिन कोर्ट में एफएसएसएआई ने इसे सबूत के तौर पर मानते हुए इसे नष्ट करने पर आपत्ति जताई थी. लेकिन नेस्ले के वकील ने कोर्ट को बताया कि इस मैगी को और ज्यादा संग्रहित रखने से ये स्वास्थ्य की नजरिए से खतरनाक साबित हो सकते हैं क्योंकि इनके इस्तेमाल की तारीख भी गुजर रखी है. पहले भी नेस्ले ने लेड कंटेट और एमएसजी ज्यादा होने के चलते लैब टैस्ट में फेल हो चुकी 38,000 टन मैगी को जलाकर नष्ट कर दिया था.
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