एक्सप्लोरर

Self-Driving Cars: खुद से चलने वाली कार, भारतीयों ने लगाए ऐसे अद्भुत जुगाड़!

इसमें ड्राइवर के सुपरविजन के लिए एक फ्रंट कैमरा है, जबकि पीछे का कैमरा आगे की सड़क को स्कैन करने के लिए उपयोग किया जाता है...पढ़ें पूरी खबर.

Driverless Car: बेंगलुरु स्थित रोबोटिक्स इंजीनियर मनकरन सिंह ने पिछले साल के अंत में एक्स पर यह पोस्ट किया था कि “मेरा सेकेंड हैंड रेडमी नोट 9 प्रो रनिंग फ्लोपायलट मेरी ऑल्टो के10 चला रहा है. क्या इससे ज्यादा देसी जुगाड़ मिल सकता है?” वीडियो में छोटी हैचबैक को तेज बारिश में हाईवे पर हाई स्पीड से बिना ड्राइवर के चलते हुए दिखाया गया है.

वीडियो में क्या दिखा

जो वीडियो वायरल हुआ, वह फ़्लोपायलट की 49-सेकंड की क्लिप थी, जो जाहिर तौर पर भारत में परीक्षण किए जा रहे प्लग-एंड-प्ले असिस्टेड-ड्राइविंग सिस्टम का इनिशियल प्रिव्यू था. ग्लोबल इंटरेक्शन के अलावा, इसकी लो कॉस्ट इनोवेशन और संभावित सिक्योरिटी रिस्क के मुद्दे पर इंजीनियरों और जानकार लोगों के बीच भी चर्चा शुरू हो गई है.

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सिंह और उनके इंजीनियरिंग बैचमेट गुणवंत जैन और राघव प्रभाकर ने कुछ ऐसा एडिशन तैयार किया है, जिसे बनाने के लिए टेस्ला, गूगल और अन्य अरबों खर्च कर रहे हैं. फ़्लोपायलट एक ऑटोनॉमस ड्राइविंग असिस्ट सिस्टम है जिसे लैपटॉप या मोबाइल फोन से ऑपरेट किया जा सकता है. सिंह के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 2,000 वॉलंटियर इसकी टेस्टिंग कर रहे हैं. आगे उन्होंने कहा, "हमने यह प्रोजेक्ट अपने कॉलेज के तीसरे वर्ष में शुरू किया था, और ज्यादातर जॉर्ज हॉट्ज़ से प्रेइंस्पायर्ड थे, जो प्लेस्टेशन 3 की रिवर्स इंजीनियरिंग और आईओएस जेलब्रेक विकसित करने के लिए जाने जाते हैं, और वे कॉमा.एआई के संस्थापक भी थे, जिन्होंने ओपनपायलट की शुरुआत की थी."

टेस्ला को मिलेगी टक्कर

ओपनपायलट एक ओपन-सोर्स एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (एडीएएस) है. भारत में महंगे वाहनों में उपलब्ध एडीएएस अन्य फीचर्स के अलावा ऑटोमेटिक लेन सेंटरिंग, एडैप्टिव क्रूज कंट्रोल, लेन चेंज असिस्ट और ड्राइवर सुपरविजन को आसान बनाता है.

जबकि एडीएएस एक ड्राइवरलेस ऑपरेशन सिस्टम नहीं है. हॉटज़ ने कहा है कि कॉमा का मिशन "शिप करने योग्य मीडिएटर्स को वितरित करते हुए सेल्फ-ड्राइविंग कारों को विकसित करना" है और "ऐसा लग रहा है कि हम टेस्ला और अन्य ऑटोमोबाइल्स से जीतेंगे." टेस्ला और उसके प्रतिद्वंद्वी उन देशों में काम करते हैं जहां यातायात नियमों का अनुपालन भारत की तुलना में बेहतर है. 

भारत में ड्राइवरलेस कारों की राह मुश्किल

मोटरिंग राइटर और हिस्टोरियन आदिल जल दारुखानवाला बताते हैं; “खुले मैदान में एक परफॉर्मर के रूप में यह तकनीक शानदार ढंग से काम करती है. पैदल चलने वालों, दोपहिया वाहनों और सड़क परिवहन नियमों का बहुत कम अनुपालन होने वाले क्षेत्रों के लिए यह एक बेहतरीन ऑप्शन है. 

इसके अलावा, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ड्राइवरों की नौकरी छूटने का हवाला देते हुए कहा है कि ड्राइवरलेस वाहन भारत में अपना भविष्य नहीं देख पाएंगे.

बड़े पैमाने पर हो रही है टेस्टिंग

इसने फ़्लोपायलट के निर्माताओं को सरप्राइज किया है, जिसे ओपनपायलट की तरह डेडीकेटेड हार्डवेयर की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा “हमने इसे एंड्रॉइड फोन, लिनक्स सिस्टम, विंडोज पीसी के साथ जोड़कर बनाया है. अब आपको बस पास एक लैपटॉप या फोन चाहिए, जिसमें आप कुछ ऐप्स डाउनलोड करते हैं और वह आपकी कार चलाने में मदद करने वाला रडार बन जाता है.'' एक्स और डिस्कॉर्ड पर फ़्लोपायलट के डेमो में भारी ट्रैफ़िक में कारों को अपनी लेन में रहते हुए दिखाया गया है.

सिंह ने कहा “हमारे पास लगभग 2,000 यूजर्स हैं और लोगों ने हजारों मील की दूरी तय की है. हम अपने मशीन लर्निंग मॉडल को और ज्यादा प्रशिक्षित करने के लिए ड्राइविंग डेटा को कलेक्ट कर रहे हैं. लेकिन भारत में इसे लागू करने के लिए ऐसे वाहनों को कंट्रोल करने वाले नियमों की उपस्थिति के अलावा, कारों में बदलाव की भी आवश्यकता होगी.

उन्होंने आगे कहा, "यहां कोई भी कार का सपोर्ट नहीं है, जहां आप एडीएएस के लिए फोन को प्लग और प्ले कर सकते हैं." “इस चीज को चलाने के लिए आपको गाड़ी भारी बदलाव करने होंगे. लेकिन अमेरिका और यूरोप में, सड़क पर लगभग 50-60% कारें इस सिस्टम को सपोर्ट करेंगी. इसलिए उन देशों में रहने वाले लोगों के लिए यह बहुत आसान सुविधा है."

क्या कंपोनेंट्स हुए हैं इस्तेमाल

टेस्ट की गई ऑल्टो K10 को एक सपोर्टेड कार के स्टीयरिंग सिस्टम के साथ अपडेट किया गया था. उन्होंने पांडा भी स्टेबलाइज किया, जो कॉमा एआई का निर्मित एक यूनिवर्सल कार इंटरफ़ेस है इंस्ट्रूमेंट्स को चलते समय कारों को कमांड और डायरेक्शन देने की परमिशन देता है. यहीं पर सेफ्टी कोड्स भी दिए गए हैं. एक स्मार्टफ़ोन ही फ़्लोपायलट को चलाने के लिए पर्याप्त है. 

सिंह ने कहा, “इसमें ड्राइवर के सुपरविजन के लिए एक फ्रंट कैमरा है, जबकि पीछे का कैमरा आगे की सड़क को स्कैन करने के लिए उपयोग किया जाता है. इसमें एक जीपीयू, एक बेहद पॉवरफुल सीपीयू, डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग यूनिट, सब कुछ शामिल है. इस सिस्टम में लेवल 3 ड्राइवर एसिस्ट सिस्टम ऑटोमेशन मिलता है, जो कि भारत में मौजूदा ऑटोमेशन सिस्टम से एक लेवल ऊपर है. L2 से L3 ऑटोमेशन का जंप बहुत प्रभावशाली है, इस सिस्टम से लैस वाहन अपने आप ही निर्णय ले सकते हैं, लेकिन उन्हें अभी भी मैनुअल सुपरविजन की आवश्यकता है. 

फ़्लोपायलट के अन्य स्थानीय प्रतिद्वंद्वी 

आईआईटी रूड़की स्नातक संजीव शर्मा के स्थापित भोपाल स्थित ऑटोमेशन रोबोट्स, 2016 से इस टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है, और उनके एल्गोरिदम, वेमो और टेस्ला से एक कदम आगे हैं, लेकिन फंडिंग और पर्याप्त नियमों की कमी ने फिलहाल इस स्टार्टअप को स्टील्थ मोड में रखा गया है. शर्मा ने एक्स पर एक पोस्ट में एक वीडियो अटैच करते हुए लिखा, "भारत में सड़कों पर कॉम्प्लेक्स, स्टोकेस्टिक और प्रतिकूल ट्रैफिक-मोबिलिटी में ऑटोमेटिक ड्राइविंग प्रस्तुत करना, जिसमें एक ऑटोमेटिक, ड्राइवर लेस कार रात में भोपाल शहर के यातायात को नेविगेट करती हुई दिखाई देती है". शर्मा ने ओपनपायलट और फ्लोपायलट के अपनाए गए रास्ते पर सवाल उठाया है. 

उन्होंने कहा, “फ़्लोपायलट, जो कि Comma.ai का एक ब्रांच है, बिहेवियर क्लोनिंग करता है. जो कोई भी ऑटोनॉमस ड्राइविंग के बारे में थोड़ा भी जानता है वह जानता है कि बिहेवियर क्लोनिंग एक डेडली कॉम्बो है. ऑटोमेशन उभरती हुई तकनीक के लिए ज्यादा एंड-टू-एंड रिव्यू अपनाता है, सुरक्षा और परिचालन को ध्यान में रखते हुए लेवल 5 ऑटोमेशन को आगे बढ़ाने के लिए एल्गोरिदमिक मॉडल तैयार करता है, जहां किसी मैनुअल इंटरफारेंस की आवश्यकता नहीं होती है. भोपाल स्थित स्टार्टअप में 15 फुल टाइम इंजीनियरों और 11 डेटा एनोटेटर्स की एक टीम है, जिसमें शर्मा मुख्य रिसर्च वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत हैं. इस टीम के पास ऑफ-द-शेल्फ लिडार, कैमरे और सेंसर से लैस एसयूवी का एक फ्लीट मौजूद है.

संजीव शर्मा ने कहा, “हम एक महिंद्रा बोलेरो का उपयोग कर रहे हैं जिसे दोबारा जोड़ना आसान है. हमने अपना स्वयं का इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम डिज़ाइन किया है और इसे स्टीयरिंग, ब्रेक और एक्सेलेरेटर के लिए वाहन में लगाया हम फिलहाल अपने अगले डेमो के लिए महिंद्रा थार को तैयार कर रहे हैं.”

जुटाई जा रही है फंडिंग

ऑटोनॉमस ने जुलाई 2021 में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) से 1 मिलियन डॉलर के रिसर्च ग्रांट के साथ-साथ 3 मिलियन डॉलर की सीड फंडिंग जुटाई. शर्मा अब भारतीय सड़कों पर 100 किमी प्रति घंटे की टेस्टिंग करने से पहले ज्यादा धन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं. दारुखानवाला ने कहा कि इन टेक्नोलॉजीज को विदेशों में बाजार मिल सकता है. उन्होंने कहा, “यह टेक्नोलॉजी यहां विकसित की जाएगी. भारत कॉम्प्लेक्स एल्गोरिदम को विकसित करने का केंद्र है, लेकिन उन्हें उपयोग में लाने के लिए, विकसित बाजारों में उनकी सफलता दर बेहतर होगी, जहां कानून का शासन और यातायात अनुशासन हर चीज से ऊपर है.”

मोटर वाहन अधिनियम में नही है ADAS का जिक्र

उन्होंने आगे कहा, “मोटर वाहन अधिनियम में लास्ट अमेंडमेंट 1988 में हुआ था. वहां ADAS या ऑटोनॉमस ड्राइविंग का कोई जिक्र नहीं है, इसलिए यदि आपका ऑटोनॉमस वाहन किसी को टक्कर मारता है, तो यह माना जाएगा कि जो भी अंदर बैठा था वह जिम्मेदार था. यही कारण है कि हमारे सभी टेस्टिंग में, मैं ड्राइविंग सीट पर हूं और मैं यह जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हूं.”

यह भी पढ़ें -

अपने सभी मॉडल्स में 6 एयरबैग्स की पेशकश करेगी सिट्रोएन, 2024 की दूसरी छमाही से मिलेगी यह सुविधा

शुरू हुई किआ EV9 इलेक्ट्रिक एसयूवी की टेस्टिंग, जल्द हो सकती है लॉन्च

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

चीन के हथियारों की फिर खुली पोल, थाईलैंड के खिलाफ दागते समय फटा रॉकेट सिस्टम, कंबोडिया के 8 जवानों की मौत 
चीनी हथियारों की फिर खुली पोल, थाईलैंड के खिलाफ दागते समय फटा रॉकेट सिस्टम, 8 जवानों की मौत 
UP में ब्राह्मण विधायकों की बैठक पर पंकज चौधरी की नसीहत अखिलेश को नहीं आई रास, योगी पर भी साधा निशाना
UP में ब्राह्मण विधायकों की बैठक पर पंकज चौधरी की नसीहत अखिलेश को नहीं आई रास, योगी पर भी साधा निशाना
भेद लिया किला! केरल में पहली बार मेयर पद हासिल कर BJP ने रचा इतिहास, जानें ये जीत किस बात का संकेत
भेद लिया किला! केरल में पहली बार मेयर पद हासिल कर BJP ने रचा इतिहास, जानें ये जीत किस बात का संकेत
क्या होता है लिस्ट-A क्रिकेट? जिसमें विराट कोहली के नाम हैं 16000 से ज्यादा रन; जानें सारे नियम
क्या होता है लिस्ट-A क्रिकेट? जिसमें विराट कोहली के नाम हैं 16000 से ज्यादा रन; जानें सारे नियम

वीडियोज

Bangladesh Violence Update: कौन था Amrit Mandal? Deepu Das केबाद बांग्लादेश में भीड़ ने मार दिया
Christmas Controversy in India: Merry Christmas To Terrorists, बोलकर ट्रंप ने करा दी 'एयर स्ट्राइक'!
Personal Loan 2025: Salary नहीं, ये चीज़ तय करती है Approval | Paisa Live
UP की सियासत में बड़ी हलचल, PM Modi से मिले यूपी के Deputy CM Brajesh Pathak
Unnao Rape Case में Senger की High Court से जमानत के विरोध में पीड़िता ने किया जोरदार प्रदर्शन

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
चीन के हथियारों की फिर खुली पोल, थाईलैंड के खिलाफ दागते समय फटा रॉकेट सिस्टम, कंबोडिया के 8 जवानों की मौत 
चीनी हथियारों की फिर खुली पोल, थाईलैंड के खिलाफ दागते समय फटा रॉकेट सिस्टम, 8 जवानों की मौत 
UP में ब्राह्मण विधायकों की बैठक पर पंकज चौधरी की नसीहत अखिलेश को नहीं आई रास, योगी पर भी साधा निशाना
UP में ब्राह्मण विधायकों की बैठक पर पंकज चौधरी की नसीहत अखिलेश को नहीं आई रास, योगी पर भी साधा निशाना
भेद लिया किला! केरल में पहली बार मेयर पद हासिल कर BJP ने रचा इतिहास, जानें ये जीत किस बात का संकेत
भेद लिया किला! केरल में पहली बार मेयर पद हासिल कर BJP ने रचा इतिहास, जानें ये जीत किस बात का संकेत
क्या होता है लिस्ट-A क्रिकेट? जिसमें विराट कोहली के नाम हैं 16000 से ज्यादा रन; जानें सारे नियम
क्या होता है लिस्ट-A क्रिकेट? जिसमें विराट कोहली के नाम हैं 16000 से ज्यादा रन; जानें सारे नियम
जिस फिल्म को सनी देओल ने छोड़ा, उसी से चमकी थी अक्षय कुमार की किस्मत, अब सीक्वल के चर्चे ने बढ़ाई बेताबी
जिस फिल्म को सनी देओल ने छोड़ा, उसी से चमकी अक्षय की किस्मत, अब सीक्वल के चर्चे ने बढ़ाई बेताबी
'बांग्लादेश में निष्पक्ष चुनाव का स्वागत', तारिक रहमान की ढाका वापसी पर भारत का पहला रिएक्शन
'बांग्लादेश में निष्पक्ष चुनाव का स्वागत', तारिक रहमान की ढाका वापसी पर भारत का पहला रिएक्शन
बिना आटा गूंथे घर पर ऐसे बनाएं स्वादिष्ट आलू के पराठे, उंगलियां चाट-चाट कर खाएंगे बच्चे
बिना आटा गूंथे घर पर ऐसे बनाएं स्वादिष्ट आलू के पराठे, उंगलियां चाट-चाट कर खाएंगे बच्चे
लंदन की सड़कें भी नहीं छोड़ी... पान और गुटखे से कर दी लाल, विदेशी महिला पत्रकार ने वीडियो में दिखाया घिनौना सच
लंदन की सड़कें भी नहीं छोड़ी... पान और गुटखे से कर दी लाल, विदेशी महिला पत्रकार ने वीडियो में दिखाया घिनौना सच
Embed widget