UP News: इटावा में पिट रहे कथावाचक का आखिर क्या है सच ? | ABP NEWS
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View In Appउत्तर प्रदेश के इटावा जिले में पिछड़े वर्ग से सम्बंध रखने वाले कथावाचकों के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग पहुंच गया है. यह मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील डॉ. गजेंद्र सिंह यादव द्वारा देर रात आयोग में दर्ज कराया गया है.ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के एक गांव से इंसानियत शर्मसार करने वाली घटना सामने आई. यहां एक कथावाचक और उनके सहयोगियों को सिर्फ इसलिए अपमानित किया गया क्योंकि वे पिछड़े वर्ग से थे. इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.इटावा के बकेवर थाना क्षेत्र के दादरपुर गांव में यादव समाज के कथावाचक मुकुट मणि अपने सहयोगी संत सिंह व्यास और अन्य साथियों के साथ 21 जून को धार्मिक कथा करने पहुंचे थे. कथावाचक के मुताबिक, कथा का आयोजन गांव के लोगों के आग्रह पर किया गया था और कथा के दो दिन भी निकल चुके थे, लेकिन 22 जून की रात को कथा समाप्त होने के बाद गांव के कुछ लोगों ने कथावाचक की जाति पूछी और यहीं से विवाद की शुरुआत हो गई.
आरोप है कि जाति उजागर होने के बाद गांव के ही कुछ प्रभावशाली लोगों ने कथावाचक और उनके सहयोगियों के साथ मारपीट शुरू कर दी. उनके सिर के बाल और चोटी तक काट दी गई. धार्मिक वाद्य यंत्र, हारमोनियम और ढोलक को तोड़ दिया गया. कथावाचक के 25 हजार रुपये भी छीन लिए गए.
यही नहीं, अपमान की हदें तब पार हो गईं जब कथावाचक और उनके साथियों पर एक महिला का पेशाब डालकर शुद्धिकरण करने का नाटक किया गया. अधिवक्ता ने इस तरह की घटना को पूरी तरह से अमानवीय व गरिमापूर्ण जीवन जीने के अधिकार का हनन मानते हुए कहा कि यह घटना जातीय विद्वेष फैलाने के साथ ही धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली भी है अतः मामले की जांच कराकर उचित कार्यवाही की जाए.