Malegaon Blast Verdict: क्या Congress राज में 'भगवा आतंक' स्क्रिप्टेड था? | Janhit | 31 July
मालेगांव ब्लास्ट मामले में 17 साल बाद स्पेशल NIA कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है. इनमें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं. कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश करने में विफल रहा. इस फैसले के साथ ही 'भगवा आतंकवाद' की थ्योरी कानूनी तौर पर समाप्त हो गई है. कांग्रेस के नेताओं, जैसे पी चिदंबरम, राहुल गांधी, सुशील कुमार शिंदे और दिग्विजय सिंह, पर आरोप लगे थे कि उन्होंने इस धारणा को UPA शासनकाल में बढ़ावा दिया. विकिलीक्स ने राहुल गांधी के बयान का खुलासा किया था जिसमें उन्होंने कट्टरपंथी हिंदू समूहों को लश्कर-ए-तैयबा से बड़ा खतरा बताया था. इस धमाके में छह लोगों की जान गई थी और 95 घायल हुए थे. कोर्ट ने जांच एजेंसियों की खामियों, जैसे सबूतों का अभाव और पंचनामा में गड़बड़ी, का भी उल्लेख किया. बीजेपी और अन्य हिंदू संगठनों ने कांग्रेस से माफी की मांग की है. यह फैसला मक्का मस्जिद और अजमेर धमाकों के मामलों में आरोपियों के बरी होने के बाद आया है.





































