Bihar SIR
बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 से पहले SIR को लेकर सियासी हंगामा मचा है. संसद से लेकर सड़क तक विपक्षी पार्टियां चुनाव आयोग और बीजेपी को घेर रही है. दरअसल, चुनाव आयोग ने पिछले दिनों बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू किया था. इसके पीछे आयोग का मकसद है कि सही वोटर्स की पहचान की जाए. वहीं विपक्ष का कहना है कि इससे चुनाव में धांधली होगी. उनके परंपरागत वोटर्स के नाम काटने की कोशिश है. अगर चुनाव आयोग को ये प्रक्रिया शुरू ही करनी थी तो कुछ महीने पहले शुरू किया जाना था, जल्दबाजी क्यों है. इन आरोपों के बीच 24 जुलाई को चुनाव आयोग ने कहा कि एक महीने का अतिरिक्त समय दिया जा रहा है. आयोग ने कहा, किसी भी निर्वाचक या किसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को 1 अगस्त से 1 सितंबर तक पूरे एक माह का समय मिलेगा, ताकि वे - यदि कोई पात्र मतदाता बीएलओ/बीएलए द्वारा छूट गया हो तो उसका नाम जुड़वा सकें, या यदि कोई गलती से शामिल कर दिया गया हो तो उसका नाम हटवा सकें.