UP Politics: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद बृजलाल खाबरी ने दी पहली प्रतिक्रिया, जाने- क्या कहा?
प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद बृजलाल खाबरी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें जिस जिम्मेदारी के लिए चुना गया है वो उसको निभाने के लिए तत्परता से तैयार हैं.
Brijlal Khabri. कांग्रेस ने बृजलाल खाबरी को यूपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद खाबरी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें जिस जिम्मेदारी के लिए चुना गया है वो उसको निभाने के लिए तत्परता से तैयार हैं.
जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार
बृजलाल खाबरी ने कहा कि ये तो पार्टी की सोच है कि वो हर तबके को साथ लेकर चलती है. कांग्रेस की नजर में जाति-धर्म की कोई बात नहीं है. जो काबिल होता है उसे जिम्मेदारी मिलती है और मैं इस जिम्मेदारी को पूरी तरह से निभाने के लिए तैयार हूं. उन्होंने कहा कि पार्टी ने जो निर्णय लिया है वो आज की आवश्यकता को ध्यान में रखकर लिया है. हम जैसे एक छोटे से कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दी है, हम इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार हैं.
फिर से कांग्रेस की सरकार बने
खाबरी ने कहा कि राजनीतिक परिस्थियां हमेशा ऊपर-नीचे होती हैं. कल हम कहीं थे, आज हम कहीं हैं. कल हम सरकार में थे, आज हम नहीं हैं. परिस्थियां तो बदलती रहती हैं. इन परिस्थितियों को फिर से बदलने के लिए, फिर से कांग्रेस की सरकार बने, संविधान और देश बचे, इसके लिए सारी लड़ाई जारी है. इसलिए सबको ध्यान में रखकर जिम्मेदारी दी जा रही है.
6 कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए
मालूम हो कि बृजलाल खाबरी को यूपी कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा छह कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए हैं. जिनमें अजय राय, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, नकुल दुबे, वीरेंद्र चौधरी, अनिल यादव (इटावा) और योगेश दीक्षित कार्यकारी अध्यक्ष होंगे.
दलित प्रदेश अध्यक्ष के साथ प्रांतीय अध्यक्षों में दो ब्राह्मण, दो ओबीसी, एक भूमिहार और एक मुस्लिम को जगह मिली है.
यूपी में कांग्रेस अपने पुराने वोट बैंक दलित–मुस्लिम–ब्राह्मण समीकरण को साधने की कोशिश कर रही है. इसी हिसाब से नई टीम गठित की गई है. रोचक बात यह भी है कि "टॉप सेवन" में से चार नेता बीएसपी की पृष्ठभूमि के हैं. बीते विधानसभा चुनाव में प्रभारी प्रियंका गांधी की अगुवाई के बावजूद कांग्रेस को केवल दो सीट और दो फीसदी वोट ही मिल पाया था. चुनाव नतीजे के बाद से प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी खाली थी.
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