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Prayagraj News: अक्टूबर के महीने में पहली बार उफान पर हैं गंगा और यमुना, प्रयागराज पर फिर मंडराया बाढ़ में डूबने का खतरा
Prayagraj News: प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. जिससे अक्टूबर महीने में एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. बाढ़ के डर से लोगों ने अपना सामान समेटना शुरू कर दिया है.
Prayagraj News: प्रयागराज पर एक बार फिर से बाढ़ (Flood) के पानी में डूबने का खतरा मंडराने लगा है. प्रयागराज (Prayagraj) में गंगा (Ganga) और यमुना (Yamuna) दोनों नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. दोनों नदियां तकरीबन 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है. हालांकि ये अभी खतरे के निशान से करीब ढाई मीटर नीचे हैं, लेकिन जिस रफ्तार से नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है और बारिश हो रही है उससे अक्टूबर महीने में एक बार फिर से यहां बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. ये पहली बार है जब अक्टूबर के महीने में इतनी तेजी से जलस्तर बढ़ रहा है.
प्रयागराज में फिर मंडराया बाढ़ का खतरा
गंगा और यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से संगम जाने वाले कई रास्ते बाढ़ के पानी में समा गए हैं. त्रिवेणी रोड और काली सड़क के साथ ही संगम जाने वाला अक्षयवट मार्ग भी पूरी तरह पानी में समा गया है. हरिहर आरती स्थल तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है. आरती पर तो अभी कोई फर्क नहीं पड़ा है, लेकिन आरती का सामान जिस जगह पर रखा जाता है, वहां तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है. जलस्तर बढ़ने के बाद आरती के आश्रम स्थल से सामान समेटा जाने लगा है. तमाम तीर्थ पुरोहितों व घाटियों की झोपड़ियां बाढ़ के पानी में समा गई हैं.
गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ा
नदी का पानी एक बार फिर से संगम किनारे लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. अगर जलस्तर बढ़ने की यही रफ्तार रही तो अगले 4 से 5 दिनों में दोनों नदियां खतरे के निशान के करीब पहुंच सकती हैं. गंगा और यमुना के इस बदले हुए मिजाज से प्रयागराज के लोग हैरान हैं. संगम के आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि उन्होंने इससे पहले अक्टूबर के महीने में इस तरह की बाढ़ कभी नहीं देखी थी. प्रयागराज में बाढ़ आमतौर पर जुलाई व अगस्त के महीने में रहती है और सितंबर के पहले हफ्ते तक नदियों का जल स्तर सामान्य हो जाता है.
लोगों ने सामान समेटना शुरू किया
गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ने से लोगों को आने वाले खतरे की चिंता होने सताने लगी है. तमाम लोगों ने अपने सामान समेटने शुरू कर दिए हैं. प्रशासन ने भी एहतियाती कदम उठाते हुए बाढ़ राहत चौकियों को फिर से अलर्ट कर दिया है. हालांकि अभी एनडीआरएफ व एसडीआरएफ को बुलाने की नौबत नहीं आई है, लेकिन नदियों का जलस्तर अगर एक मीटर भी और बढ़ता है तो खतरे की आशंका और बढ़ जाएगी. वैसे जिस तरह से गंगा और यमुना में मिलने वाली नदियां उफान पर हैं और प्रयागराज समेत आसपास की जगहों पर लगातार बारिश हो रही है, उससे जलस्तर अभी कई दिनों तक बढ़ते रहने की ही उम्मीद है.
अगर प्रयागराज में गंगा और यमुना एक बार फिर से उफान पर आती हैं तो यह पहला मौका होगा जब अक्टूबर महीने में ये नदियां रौद्र रूप दिखाएंगी. हालात यहां अभी भले ही काबू में हो लेकिन इस बात ने सबको चिंता में जरूर डाल दिया है.
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