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Amroha News: विकास के दावों की पोल खोलता अमरोहा का यह प्राइमरी स्कूल, बांस-पन्नी से बनी छत के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं छात्र
UP News: बांस और पन्नी से बनी स्कूल की यह छत सालों से डली हुई है और बच्चे आंधी-बारिश-तूफान में इसी के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. आज तक किसी अधिकारी ने इसकी सुधि नहीं ली.
![Amroha News: विकास के दावों की पोल खोलता अमरोहा का यह प्राइमरी स्कूल, बांस-पन्नी से बनी छत के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं छात्र UP: In this primary school of Amroha, students are forced to study under a bamboo-foil roof for years ann Amroha News: विकास के दावों की पोल खोलता अमरोहा का यह प्राइमरी स्कूल, बांस-पन्नी से बनी छत के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं छात्र](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/02/902ad40d74f83e1ed790026bfe1a1d9f1662091834154371_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Amroha News: उत्तर प्रदेश सरकार आज भले ही कई शहरों को स्मार्ट सिटी बना रही हो, लेकिन जनपद अमरोहा में शिक्षा के मंदिर की हालत देखकर आपकी आंखें खुली की खुली रह जाएंगी. बांस के डंडों पर काली पन्नी डालकर बनाई गई यह छत किसी निजी मकान की नहीं बल्कि एक सरकारी स्कूल की है. आज के दौर में ये तस्वीर खुद अपनी बदहाली की दास्तान बयां कर रही है.
सालों से इसी छत के नीचे पढ़ने को मजबूर छात्र
यहां यह बताना भी जरूरी है कि यह पन्नी की छत कुछ चंद घंटों के लिए अस्थाई इंतजाम नहीं है बल्कि कई वर्षों से इस स्कूल की छत पर पन्नी डली हुई है. आंधी-बारिश आने पर यहां पढ़ रहे बच्चों और अध्यापकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर छात्र इन्ही हालातों में पढ़ने को मजबूर हैं. स्कूल अध्यापकों का कहना है कि शिक्षा अधिकारी यहां आए दिन स्कूलों का निरीक्षण करने आते हैं, लेकिन स्कूल के इन हालातों पर किसी भी अधिकारी की नजर नहीं जाती. उन्होंने कहा कि रिहायशी इलाकों में बने स्कूलों को तो बेहतर कर दिया गया है, लेकन घनी आबादी के बीच संकीर्ण गलियों में बने स्कूल खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं और उनकी कोई सुधि नहीं ली जा रही है.
क्या बोलीं अमरोहा की बेसिक शिक्षा अधिकारी
अमरोहा जनपद को बने दो दशकों से अधिक का समय हो गया है. यहां कई नेता व प्रशासनिक अधिकारी आए और चले गए लेकिन अमरोहा के इन प्राथमिक स्कूलों की दुर्दशा नहीं सुधरी. अमरोहा के इस प्राथमिक स्कूल में केवल 11 बच्चे हैं और उन्हें पढ़ाने के लिए दो अध्यापक हैं, लेकिन जैसे हालात इस स्कूल के हैं वैसे हालात शायद किसी स्कूल के नहीं होंगे. जब इस मामले में हमने अमरोहा की बेसिक शिक्षा अधिकारी गीता वर्मा जी बयान लिया गया तो कहां की खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं ऐसे स्कूलों को चिन्हित करें जाएंगे उनके निर्माण कराया जायेगा. यदि स्कूल के हालातों में सुधार हो तो निश्चित तौर पर स्कूल में नौनिहालों की संख्या में इजाफा होगा.
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