तीन दशक तक नेताओं के चहेते क्यों बने रहे मुख्तार अंसारी: 3 प्वाइंट्स में पूर्वांचल का पूरा गणित समझिए

1996 से लेकर 2012 तक मुख्तार और उसके परिवार के लोगों की राजनीति बिल्कुल उलट थी. मुख्तार जब बीएसपी में थे, तो परिवार के अधिकांश लोग मुलायम सिंह के साथ थे. 

मौत के करीब 36 घंटे बाद माफिया मुख्तार अंसारी को गाजीपुर के कालीबाग कब्रिस्तान में दफन कर दिया गया. मुख्तार के आखिर दर्शन के लिए कब्रिस्तान के बाहर करीब 30 हजार लोगों की भारी भीड़ जुटी थी. इस भीड़

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