Rajasthan Politics: 'भारत रत्न तो मरे हुए को दिया जाता है, आडवाणी जी को..', राजस्थान में कांग्रेस नेता का अजीबोगरीब बयान
Congress Reaction on LK Advani Bharat Ratna: कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा का कहना है कि आडवाणी जी को सम्मान देना था तो उन्हें प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अयोध्या ले जाना चाहिए था. भारत रत्न तो मरे हुए लोगों को देते हैं.
Congress on LK Advani to be Awarded Bharat Ratna: बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने पर बयानबाजी जारी है. इस बीच राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें वो कह रहे हैं भारत रत्न तो मरे हुए आदमी को दिया जाता है.
राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने एक ऐसा अजीबोगरीब बयान दे दिया है, जिसके चलते वह बीजेपी के निशाने पर आ गए हैं. रंधावा का यह बयान बीजेपी के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी के लिए है. दरअसल, जबसे पीएम मोदी ने एलान किया है कि लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा, तबसे ही बीजेपी विपक्षी दलों के टारगेट पर है. इसी कड़ी में रंधावा ने भी एक अजीब बयान दे दिया है. उन्होंने यह कह दिया है कि भारत रत्न को मरे हुए लोगों को दिया जाता है, तो एलके आडवाणी को क्यों मिल रहा है?
वीडियो में सुखजिंदर सिंह रंधावा कहते सुनाई दे रहे हैं, 'इतना ही राम मंदिर का था तो आडवाणी जी को वहां लेकर जाते, जिन्होंने रथ यात्रा की थी. उनको तो कह दिया कि भारत रत्न दे दो, भारत रत्न तो मरे हुए को दिया जाता है.'
#WATCH | Didwana: Rajasthan Congress incharge Sukhjinder Singh Randhawa says, "If Ram mandir really mattered for them they would have taken LK Adavni with them...Bharat Ratna is given to the dead" pic.twitter.com/XZn4Wz2ztd
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) February 5, 2024
राजेंद्र राठौड़ के निशाने पर आए सुखजिंदर सिंह रंधावा
वहीं, अब इस बयान से सुखजिंदर रंधावा बीजेपी के घेरे में आ गए हैं. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी के बयान पर राजस्थान का सियासी पारा गर्माया हुआ है. बीजेपी नेता अब उनके बयान को शर्मनाक बता रहे हैं और जुबानी हमले तेज हो गए हैं. पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि सुखजिंदर सिंह रंधावा का बयान दुर्भाग्यजनक है. उन्होंने कहा, 'रंधावा जी, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए खुद को ही भारत रत्न से सम्मानित करने का जो अनूठा कीर्तिमान रचा था, तब तो वे जीवित ही थे न? या इसमें भी कोई संदेह है?'
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