One Nation One Election: 'हमें वन नेशन-वन इलेक्शन से क्या लेना देना', CM केजरीवाल बोले- वन नेशन-वन एजुकेशन होना चाहिए
Arvind Kejriwal on One Nation, One Election: आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भिवानी में वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने इसकी जगह वन नेशन-वन इलाज की मांग की.
Haryana News: हरियाणा में लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं जिसको लेकर सियासी जमातें अभी से एक्टिव मोड में आ गई हैं. इसी क्रम में आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) रविवार को भिवानी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में प्रदेश और केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला. 'वन नेशन-वन इलेक्शन' को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि, बीजेपी ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' का नया शिगूफा छोड़ा है, इससे आम आदमी को कुछ नहीं मिलेगा.'
आम आदमी को क्या मिलेगा?
सीएम केजरीवाल ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' को लेकर सवालिया अंदाज में तंज करते हुए कहा कि हमको क्या मिलेगा 10 या 12 इलेक्शन से? आम आदमी को इससे क्या मिलेगा? उन्होंने एक जैसी शिक्षा की मांग करते हुए कहा, 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की जगह 'वन नेशन, वन एजुकेशन' चाहिए. जैसे अमीर के बच्चे को अंबानी के बच्चे या अडानी के बच्चे को शिक्षा मिलती है, उसी तरह मेरे किसान और मजदूर के बच्चों को शिक्षा मिलनी चाहिए. जहां अमीर और गरीब के बच्चों को समान स्तर की शिक्षा मिले.
'वन नेशन-वन इलाज' की मांग
'वन नेशन, वन इलेक्शन' की तर्ज पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की मांग करते हुए कहा, हमारी बला से एक हजार इलेक्शन करवा लो दो हजार इलेक्शन करवा लो, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है. उन्होंने आगे कहा, 'वन नेशन, वन इलाज' शुरू होना चाहिए, सबको अच्छा इलाज मिलना चाहिए. अमीर और गरीब को सबको अच्छा इलाज मिलना चाहिए. सीएम केजरीवाल ने कहा कि, हमारा फायदा तभी है जब 'वन नेशन, वन इलाज,' 'वन नेशन, वन एजेकुशन' होगा. उन्होंने किसी नाम लिये बगैर आरोप लगाया कि 'वन नेशन, वन इलेक्श' उनके चोंचले हैं.
क्या है 'वन नेशन, वन इलेक्शन'?
केंद्र सरकार ने पूरे देश में विधानसभा और लोकसभा चुनावों को एक साथ कराने को लेकर एक कमेटी गठित की गई है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई वाली इस कमेटी में गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद, वित्त कमीशन के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष सी कश्यप, हरीश साल्वे और पूर्व सीवीसी संजय कोठारी शामिल हैं.' शनिवार (2 सितंबर) को केंद्र सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कमेटी के कार्यकाल को स्पष्ट नहीं किया गया है. पीएम मोदी ने साल 2018 में एक सभा को संबोधित करते हुए 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के सपोर्ट में विशेष तर्क दिया था. उन्होंने कहा था, 'लगातार चुनाव से न सिर्फ मानव संसाधन पर अत्यधिक बोझ पड़ता है बल्कि चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने से इन विकास कार्यों को पूरा करने की प्रक्रिया भी बाधित होती है.'
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