NCP Party Crisis: शरद पवार से छिन गई अपनी ही बनाई पार्टी, जानिए चुनाव आयोग के फैसले पर किसने क्या कहा?
NCP Symbol Name Row: शरद पवार को बड़ा झटका लगा है. उनके हाथ से पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह चला गया है. चुनाव आयोग ने अजित गुट को असली एनसीपी बताया है. इस फैसले पर किसने क्या कहा है आप भी जानिए.

Sharad Pawar on NCP Political Crisis: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शरद पवार गुट ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी घोषित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को ‘‘लोकतंत्र की हत्या’’ करार दिया और दावा किया यह दबाव में लिया गया है. वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने फैसले का स्वागत किया. निर्वाचन आयोग ने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को एनसीपी का चुनाव चिह्न 'घड़ी' भी आवंटित किया. महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने कहा, ‘‘यह लोकतंत्र की हत्या है. जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है.’’ देशमुख ने एक टेलीविजन चैनल से कहा कि निर्वाचन आयोग ने यह फैसला 'ऊपर से दबाव' के तहत दिया.
ECI के फैसले पर किसने क्या कहा?
वहीं, सुप्रिया सुले ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता शरद पवार के साथ हैं और पवार फिर से पार्टी का निर्माण करेंगे. शरद पवार गुट के एक और नेता जयंत पाटिल ने कहा कि पार्टी उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी. उधर, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि वह उनके गुट को असली एनसीपी घोषित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को ''विनम्रता के साथ स्वीकार करते हैं.'' पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि निर्वाचन आयोग के फैसले से साबित होता है कि पार्टी के अधिकांश कार्यकर्ता और निर्वाचित प्रतिनिधि अजित पवार के साथ हैं.
निर्वाचन आयोग के मंगलवार के फैसले से अजित पवार और पार्टी के संस्थापक एवं उनके चाचा शरद पवार के बीच कई महीनों से जारी लड़ाई खत्म हो गई. देशमुख ने कहा कि इसी तरह का निर्णय शिवसेना के मामले में भी लिया गया था. वह 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह करने के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने का जिक्र कर रहे थे. देशमुख ने कहा, 'हर कोई जानता है कि शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना की थी और वह स्थापना के समय से ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं.'
एनसीपी नेता ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में उच्चतम न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणी का जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह चंडीगढ़ मेयर चुनाव के संबंध में लोकतंत्र की हत्या की अनुमति नहीं दे सकता. इसके बावजूद निर्वाचन आयोग ने आज पार्टी के नाम और उसका चिह्न के संबंध में इसी तरह का निर्णय दिया. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.' आयोग ने कहा कि निर्णय में ऐसी याचिका की पोषणीयता के निर्धारित पहलुओं का पालन किया गया, जिसमें पार्टी संविधान के उद्देश्यों का परीक्षण, पार्टी संविधान का परीक्षण और संगठनात्मक तथा विधायी दोनों में बहुमत के परीक्षण शामिल थे.
आयोग ने आगामी राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर विशेष छूट देते हुए शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को अपने राजनीतिक दल के लिए एक नाम का दावा करने और तीन प्राथमिकताएं प्रदान करने के लिए बुधवार दोपहर तक का समय दिया. अजित पवार पिछले साल जुलाई में एनसीपी के अधिकांश विधायकों के साथ महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली बीजेपी-शिवसेना सरकार का समर्थन किया था.
Source: IOCL





















