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Maharashtra: महाराष्ट्र में पूर्व मंत्री अनिल परब के खिलाफ धन शोधन मामले में ईडी की कार्रवाई, रिसॉर्ट और भूमि को किया कुर्क
Maharashtra News: महाराष्ट्र में ईडी ने पूर्व मंत्री अनिल परब और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की है. उन्होंने, एक रिसॉर्ट और उसकी जमीन समेत 10 करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति कुर्क की है.
![Maharashtra: महाराष्ट्र में पूर्व मंत्री अनिल परब के खिलाफ धन शोधन मामले में ईडी की कार्रवाई, रिसॉर्ट और भूमि को किया कुर्क Maharashtra ED action resort and land attached in money laundering case against ex-minister Anil Parab Maharashtra: महाराष्ट्र में पूर्व मंत्री अनिल परब के खिलाफ धन शोधन मामले में ईडी की कार्रवाई, रिसॉर्ट और भूमि को किया कुर्क](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/01/05/b6893b413635787d6c8b76c0015815521672885515074359_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Anil Parab: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल परब और अन्य के खिलाफ तटीय नियमन कानून के कथित उल्लंघन को लेकर धनशोधन की जांच के संबंध में एक रिसॉर्ट और उसकी जमीन समेत 10 करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति कुर्क की है. ईडी ने एक बयान में कहा कि कुर्क की गई संपत्ति रत्नागिरी जिले के दापोली के मुरुड में है. बयान में कहा गया कि भूखंड की कीमत 2,73,91,000 रुपये है और उक्त भूमि पर निर्मित साई रिसॉर्ट का मूल्य 7,46,47,000 रुपये है. कुर्क की गई संपत्तियों का कुल मूल्य 10.20 करोड़ रुपये है.
उद्धव ठाकरे गुट के नेता हैं परब
परब (58) शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के नेता हैं. पूर्व में उन्होंने इस रिसॉर्ट से अपना जुड़ाव होने से इनकार किया था. परब महाराष्ट्र के तीन बार के विधान पार्षद हैं, और राज्य में परिवहन तथा संसदीय मामलों के विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. ईडी ने इस मामले में पूर्व में उनसे पूछताछ की थी. धन शोधन का मामला केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा अनिल दत्तात्रेय परब, साई रिसॉर्ट, सी कोंच रिसॉर्ट तथा कुछ अन्य लोगों के खिलाफ पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के कथित उल्लंघन के लिए दर्ज कराई गई एक शिकायत पर आधारित है. इसके अलावा, पूर्व मंत्री और अन्य के खिलाफ ‘‘महाराष्ट्र सरकार से छल करने और नुकसान पहुंचाने’’ का भी आरोप है.
जांच में ये बात आई सामने
ईडी के अनुसार, जांच में पाया गया कि परब ने मुंबई के एक केबल ऑपरेटर सदानंद कदम के साथ कथित रूप से मिलीभगत कर भूमि को कृषि से गैर-कृषि उपयोगिता में बदलने के लिए स्थानीय उप-विभागीय कार्यालय से ‘‘अवैध अनुमति’’ प्राप्त की. बयान में कहा गया कि दापोली में तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) मानदंडों का उल्लंघन करते हुए एक रिसॉर्ट का निर्माण किया गया.
दापोली, मुंबई से लगभग 230 किलोमीटर दूर, तटवर्ती ‘हिल स्टेशन’ है और इसे महाराष्ट्र का ‘मिनी महाबलेश्वर’ कहा जाता है, क्योंकि यहां मौसम साल भर ठंडा रहता है. क्षेत्र में विला, फ्लैट सहित कई रियल एस्टेट परियोजनाएं शुरू हुई हैं. ईडी ने आरोप लगाया कि परब ने राज्य के राजस्व विभाग से सीआरजेड-तीन यानी ‘नो डेवलपमेंट जोन’ के तहत आने वाले भूखंड पर बंगले के निर्माण के लिए ‘‘अवैध’’ रूप से अनुमति प्राप्त की और अनुमति प्राप्त करने के बाद उन्होंने अवैध रूप से रिसॉर्ट का निर्माण कराया.
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