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Janmashtami 2023: इंदौर में देश का इकलौता मंदिर, जहां मां यशोदा की गोद में खेल रहे कन्हैया, 220 वर्ष पुराना
Janmashtami 2023: हर गुरुवार को महिलाएं चावल, नारियल और अन्य सामान से यशोदा माता की गोद भरती हैं. ऐसी मान्यता है कि यशोदा माता की गोद भरने वाली महिलाओं की गोद वह उन्हें कृष्ण जैसा पुत्र देकर भरती हैं.
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Indore Maa Yashoda and Shri Krishna Temple: श्रीकृष्ण जन्मष्टमी 2023 के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं देश के ऐसे इकलौते मंदिर के बारे में जहां भगवान श्रीकृष्ण माता यशोदा की गोद में विराजमान हैं. ये मंदिर इंदौर में है, जोकि देश का एकमात्र मंदिर, जहां मां यशोदा की गोद में कान्हा हैं. शायद आप में से कई लोगों ने इस मंदिर को देखा भी होगा लेकिन अगर नहीं देखा है तो हम आपको इस मंदिर की कहानी बताते हैं. पूरे देश में भगवान श्रीकृष्ण, श्रीराम, हनुमान जी और भगवान शिव, विष्णुजी सहित अन्य देवी देवताओं के मंदिर हैं. वहीं मां अहल्या की नगरी इंदौर के खजूरी बाजार में देश का एकमात्र यशोदा माता मंदिर है, जहां मां यशोदा, कान्हा को अपनी ममता की छाया में समेटे हुए हैं.
राजवाड़ा के पास खजूरी बाजार में बना ये मंदिर लगभग 220 साल से भी अधिक पुराना है. मंदिर में यशोदा मैया की गोद में बाल रूप में श्रीकृष्ण बैठे हुए हैं. दीक्षित परिवार के बुजुर्ग सदस्य ने इस मंदिर की स्थापना की थी. उस समय जयपुर में मूर्ति बनवाई गई थी. इंदौर से बैलगाड़ी लेकर उनके परदादा जयपुर गए थे और वहां से मूर्ति लेकर आए थे.
बाद में लाए अन्य मूर्तियां
यहां अपनी गोद में कन्हैया को खिलाते हुए यशोदा मैया की प्रतिमा थी. बाद में नंदबाबा की मूर्ति लाई गई. इसके बाद राधा-कृष्ण और फिर दाई मां की मूर्ति की स्थापना भी की गई. खास बात यह है कि यहां यशोदा माता की प्रतिमा बड़ी है और नंद बाबा की छोटी.
महिलाएं भरती हैं मां यशोदा की गोद
इस मंदिर में हर गुरुवार को महिलाएं चावल, नारियल और अन्य सामान से यशोदा माता की गोद भरती हैं. ऐसी मान्यता है कि यशोदा माता की गोद भरने वाली महिलाओं की गोद वह उन्हें कृष्ण जैसा पुत्र देकर भरती हैं. जन्माष्टमी पर भी दूर-दूर से आई महिलाएं मैया की गोद भरेंगी.
मंदिर की बनावट
मंदिर में मां यशोदा की कान्हा को अपने आंचल में समेटे हुए बहुत ही खूबसूरत मूर्ति है. यशोदा मैया की गोद में कृष्ण का बाल रूप विराजमान हैं, जिनका रोज़ाना साज-श्रृंगार होता है. इनके अलावा मंदिर में नंदबाबा और राधा-कृष्ण की मूर्तियों का भी श्रृंगार किया जाता है. जन्माष्टमी पर्व के अलावा भी मंदिर में वर्ष भर दूर-दूर से भक्त आते हैं और मां यशोदा की गोद में बैठे भगवान श्रीकृष्ण व मां का दर्शन करते हैं.
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