MP News: प्रोफेसर ने नर्मदा तट पर 45 एकड़ जमीन पर कर रखा था अवैध कब्जा, जिला प्रशासन ने चलाया बुलडोजर
Jabalpur: JNAU में कार्यरत प्रोफेसर ने नर्मदा के तट पर मौजूद 45 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया, प्रशासन ने शिकायत मिलने के बाद, निर्माण कार्यों को ध्वस्त कर जमीन वापस ले ली है और जुर्माना भी लगाया.
Madhya Pradesh: जबलपुर (Jabalpur) के जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru Agricultural University) में कार्यरत एक प्रोफेसर ने नर्मदा (Narmada) तट से लगी 45 एकड़ के सरकारी खेत पर कब्जा कर रखा था. उन्होंने इसमें न केवल अवैध निर्माण किया, बल्कि नर्सरी भी बना ली थी. उनके साथ ही कई दूसरे लोगों ने भी आसपास की जमीनों पर कब्जा करा लिया था. जिला प्रशासन (District Administration) ने शिकायत मिलने के बाद, अवैध तरीके से कब्जा की गई जमीनों पर हुए निर्माण कार्यों पर बुलडोजर (Bulldozer) से ध्वस्तीकरण के बाद, सरकारी जमीन वापस ले ली गई.
शासकीय पद पर रहते हुए सरकारी जमीन पर कब्जा करने के मामले में, एसडीएम शहपुरा ने प्रोफेसर एम ए खान सहित अन्य लोगों को नोटिस जारी किया है. जहां जिला प्रशासन ने इनके खिलाफ जुर्माना लगाने सहित अन्य वैधानिक कार्रवाई की बात कही है. कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी. के निर्देशानुसार एसडीएम शहपुरा अनुराग सिंह के नेतृत्व में राजस्व विभाग के अमले द्वारा शहपुरा तहसील के ग्राम खैरी स्थित करीब 45 एकड़ शासकीय शासकीय भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है. अतिक्रमण से मुक्त कराई शासकीय भूमि की कीमत आठ से नौ करोड़ रुपये बताई गई है.
शहपुरा एसडीएम ने अवैध कब्जे के संबंध में यह कहा
एसडीएम शहपुरा अनुराग सिंह के अनुसार ग्राम खैरी स्थित खसरा नंबर 146/1, 146/2, 242, 248 और खसरा नंबर 298/5 की इस शासकीय भूमि को फिरोज कमाल पिता मोहम्मद हारून, परवेज राजन पिता डॉ. मुमताज खान, डॉ. मुमताज खान पिता हाफिन खान, आर. दुबे पिता आर.के. दुबे, समसुद्दीन अंसारी पिता सुबरानी, साकेत अली पिता सुलाई, गुरमुख सिंह, राजेन्द्र रैकवार पिता बाबूलाल रैकवार, शशि पिता रामभरोसे चतुर्वेदी, अशफाक, हर्ष जायसवाल पिता प्रभात जायसवाल, आशीष कुमार लाल पिता ए.एल. लाल के अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया है.
एसडीएम शहपुरा ने बताया कि, "अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ न्यायालय तहसीलदार शहपुरा में प्रकरण दर्ज कर बेदखली की कार्यवाही कर जुर्माना लगाने की की कार्यवाही पूर्व में की गई थी. लेकिन अतिक्रमणकारियों द्वारा समय-सीमा के अंदर अतिक्रमण नहीं हटाया गया. अतिक्रमणकारियों द्वारा इस शासकीय भूमि पर किये गये वृक्षारोपण की देखरेख हेतु ग्राम पंचायत को सौंपा गया है.
अवैध कब्जा हटाने में इन अधिकारीयों की रहीं महत्वपूर्ण भूमिका
शासकीय भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने की कार्यवाई में तहसीलदार शहपुरा विंकी सिंहमारे, नायाब तहसीलदार कर्तव्य अग्रवाल, राजस्व निरीक्षक संजय दुबे, पटवारी विद्याचरण खरे, एएसआई अशोक त्रिपाठी और पंचायत सचिव राजेन्द्र पटेल शामिल थे.
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