Indore: इंदौर में क्यों प्रबंधन के खिलाफ सड़कों पर उतरे ज्ञानोदय विद्यालय के सैकड़ों छात्र, 3 की बिगड़ी तबीयत
MP News: इस दौरान कुछ छात्रों की तबीयत खराब हो गई और उनमें से एक को अस्पताल में भर्ती करवाया गया. बाद में कलेक्टर ने बच्चों से मुलाकात की और मामले में स्कूल का दौरा करने का आश्वासन दिया.
Indore Students Protest: इंदौर के नजदीक स्थित मोरोद गांव स्थित ज्ञानोदय विद्यालय में अध्ययनरत सैंकड़ों बच्चे भूखे हालत में बीस किलोमीटर पैदल चलकर इंदौर के कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. ये सभी बच्चे यहां ज्ञानोदय विद्यालय में हो रही अनियमितताओं को लेकर कलेक्टर इलैया राजा टी के पास शिकायत लेकर पहुंचे थे. बच्चे कलेक्टर कार्यालय के बाहर हंगामा करते रहे लेकिन कलेक्टर व्यस्त होने के कारण बाहर नहीं आ सके.
वहीं इस दौरान कुछ छात्रों की तबीयत खराब हो गई और उनमें से एक को अस्पताल में भर्ती करवाया गया. बाद में कलेक्टर ने बच्चों से मुलाकात की और मामले में स्कूल का दौरा करने का आश्वासन दिया. कलेक्टर ने बच्चों को अपना मोबाइल नंबर भी दिया और कहा कि कोई परेशानी हो तो उन्हें कॉल करें.
क्या है पूरा मामला?
इंदौर के मोरोद स्थित शासकीय ज्ञानोदय आवासीय स्कूल के 100 से ज्यादा छात्र मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे. बच्चे ज्ञानोदय स्कूल से इंदौर कलेक्टर कार्यालय करीब बीस किलोमीटर तक पैदल चलकर पहुंचे. कलेक्टर कार्यालय पहुंचे बच्चे कलेक्टर से मिलने की जिद करते रहे. बाद में एडीएम भी बच्चों से मिले लेकिन बात नही बनी. बच्चे कलेक्टर से ही मिलना चाहते थे.
इस दौरान एक बच्चे की तबीयत भी खराब हुई जिसे भर्ती करवाया गया. वहीं कलेक्टर जनसुनवाई में अंदर व्यस्त थे इसलिए बाहर नहीं आ सके. लेकिन बाद में उन्हें भी बाहर आना पड़ा. कलेक्टर ने बच्चों की सभी मांगों को सुना और उन्हें आश्वस्त किया कि इसकी जांच एडीएम राजेश राठौर द्वारा की जाएगी.
कलेक्टर ने छात्रों से कहा मैं खुद शाम को हॉस्टल आकर व्यवस्था देखूंगा. मामले में जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी. कलेक्टर से मिलने पहुंचे बच्चों को इलैया राजा टी ने नाश्ता करवाया और उन्हें बस द्वारा वापस स्कूल भेजा.
हादसे के बाद हंगामा
दरअसल सोमवार को स्कूल के तीसरी मंजिल से गिरकर विपिन नामक छात्र गंभीर घायल हो गया था. स्टूडेंट्स ने स्कूल प्रबंधन को इस हादसे का जिम्मेदार ठहराया और प्रबंधन पर कई आरोप भी लगाए. इस मामले में स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि प्रबंधन की कोई गलती नहीं है. इन बच्चों का कहना है कि हॉस्टल में दाल सब्जी और कच्ची रोटी दी जाती है. कई बार कहने पर भी सुधार नहीं हुआ. सोने के लिए बिस्तर पर्याप्त नहीं हैं.
इसे भी पढ़ें: Ladli Behna Yojana: सीएम शिवराज ने 'लाडली बहना योजना' की पात्रता में किया बदलाव, अब इन महिलाओं को भी मिलेगा लाभ