Coronavirus Cases: झारखंड में कोरोना के 51 एक्टिव केस, स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्र से मांगी 50 हजार कोरोना वैक्सीन
Coronavirus Cases in Jharkhand: मंत्री बन्ना गुप्ता ने हाई लेवल बैठक में बताया कि 'झारखंड में इस वक्त कोरोना के 51 मरीज हैं, जिनमें हल्के लक्षण पाए गए हैं और होम आइसोलेशन में उनका इलाज किया जा रहा है.
Ranchi News: देशभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मरीज एक बार फिर बढ़ते जा रहे हैं. इस खतरे को भापते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh L. Mandaviya) ने शुक्रवार को सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ हाई लेवल मीटिंग की और जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए. इस दौरान झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए और राज्य में कोरोना की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी. गुप्ता ने इस दौरान केंद्र से झारखंड को 50 हजार कोविड-19 वैक्सीन देने का भी आग्रह किया.
कोरोना टेस्ट बनाने के लिए अनुमति
मंत्री बन्ना गुप्ता ने हाई लेवल बैठक में बताया कि 'झारखंड में इस वक्त कोरोना के 51 मरीज हैं, जिनमें हल्के लक्षण पाए गए हैं और होम आइसोलेशन में ही उनका इलाज किया जा रहा है. राज्य सरकार कोविड के बढ़ते मामलों को लेकर गंभीर है और नजर रख रही है. झारखंड को इस वक्त 50 हजार कोविड वैक्सीन, ब्लड सेपरेशन मशीन, ICMR से खूंटी, लोहरदगा, कोडरमा और पाकुड़ में कोविड जांच हेतु RTPCR लैब की स्वीकृति, धनबाद और जमशेदपुर में नए सरकारी नर्सिंग कॉलेज, PSA प्लांट के रख रखाव और मैन पावर को NHM की राशि से निर्गत करने समेत अन्य संसाधनों की जरूरत है.' गुप्ता की इस मांग पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि झारखंड सरकार को जल्द सारी सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी.
10 और 11 अप्रैल को मॉक ड्रिल
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस दौरान राज्य में कोविड टीकाकरण की समीक्षा का निर्देश दिया. अब 9 अप्रैल को सभी डीसी, सिविल सर्जन और मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधियों और प्राइवेट अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक की जाएगी. 10 और 11 अप्रैल को सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में कोविड की तैयारियों को लेकर मॉक ड्रिल की व्यव्स्था होगी. सभी जिलों में ऑक्सीजन की उपलब्धता, बेड की उपलब्धता, मेडिसिन की उपलब्धता, ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता की समीक्षा की जाएगी. इसके अलावा राज्य के प्रत्येक अस्पताल में मानवबल, चिकित्सकों की उपलब्धता और पारा मेडिकल कर्मियों की उपलब्धता की भी जांच करके रिपोर्ट तैयार की जाएगी.
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