सोमनाथ मंदिर के पास हुई बुलडोजर की कार्रवाई पर भड़के ओवैसी, कहा- 'मुसलमानों की जायदादों...'
Gujarati News: गुजरात के सोमनाथ मंदिर के आस-पास बुलडोजर की कार्रवाई हुई थी. इसको लेकर एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन औवैसी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है.
Gujarati Latest News:: गुजरात के सोमनाथ मंदिर के नजदीक हुई बुलडोजर कार्रवाई पर एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन औवैसी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि सोमनाथ में 1200 साल पुरानी हाजी मंगरोली शाह दरगाह को शहीद कर दिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार Waqf by User खत्म करके मुसलमानों की जायदादों को छीनने की कोशिश कर रही है.
इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की उस टिप्पणी प्रतिक्रिया दी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि हिंदू समाज को आंतरिक मतभेदों को मिटाकर अपनी सुरक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए. ओवैसी ने कहा कि देश में न तो हिंदुओं और न ही मुसलमानों को किसी तरह का खतरा है. इस दौरान ओवैसी ने फलस्तीन के मुद्दे पर अपना रुख बरकरार रखते हुए पीएम मोदी से इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर दबाव बनाने और युद्धविराम के लिए कोशिश करने का आग्रह किया था.
गुजरात के सोमनाथ में 1200 साल पुरानी हाजी मंगरोली शाह दरगाह को शहीद कर दिया गया, @narendramodi हुकूमत Waqf by User ख़त्म करके मुसलमानों की जायदादों को छीनने की कोशिश कर रही है pic.twitter.com/Tq9dvEXvnS
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 8, 2024
उन्होंने आरोप लगाया कि नेतन्याहू सरकार ने सात अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद से 40,000 से अधिक फलस्तीनियों को मार डाला है.
क्या है सोमनाथ मंदिर के पास अतिक्रमण का मामला?
बता दें कि सोमनाथ मंदिर के पास सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान के दौरान 135 लोगों को हिरासत में भी लिया गया था. प्रशासन ने कहा था कि धार्मिक संरचनाओं और कंक्रीट के घरों को ध्वस्त किया गया और 60 करोड़ रुपये मूल्य की लगभग 15 हेक्टेयर सरकारी भूमि को मुक्त कराया गया.
दूसरी तरफ सोमनाथ मंदिर के पास बुलडोजर कार्रवाई को लेकर दाखिल अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की थी. कोर्ट ने कहा कि अगर हमारे आदेश की अवमानना हुई है तो दोषी अफसरों को जेल भेज देंगे. साथ ही आदेश देंगे कि सब फिर से बहाल किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को जवाब दाखिल करने को कहा. मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर होगी. वहीं अदालत ने याचिकाकर्ता की यथास्थिति बरकरार रखने की मांग ठुकरा दी.