Modi Surname Case: 'इंतजार करें और देखें, राहुल गांधी 'बाजीगर' बनेंगे', सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोले पवन खेड़ा
Modi Surname Reactions: राहुल गांधी को मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि, हमने न्याय की उम्मीद की थी और आज न्याय हुआ है.
Rahul Gandhi Defamation Case: मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को बड़ी राहत देते हुए गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए सजा पर रोक लगा दी है. अब राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होगी. सुप्रीम कोर्ट ने अपील लंबित रहने तक सजा पर रोक लगाई है. ऐसे में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि, हमने न्याय की उम्मीद की थी और आज न्याय हुआ है.
दरअसल, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि, 'आज हम सब ऊर्जा से भरे हुए हैं. हमने न्याय की उम्मीद की थी और न्याय हुआ है. इंतजार करें और देखें राहुल गांधी ही बाजीगर बनेंगे. सत्य की जीत हुई. न्यायपालिका में लोगों का भरोसा आज मजबूत हुआ है.'
#WATCH | "We are filled with energy. We had hoped for justice and justice has been done. Wait and watch, Rahul Gandhi will be the 'baazigar'. Truth will triumph...People's trust in judiciary has strengthened today," says Congress leader Pawan Khera on Supreme Court staying Rahul… pic.twitter.com/EdBvTSlWMs
— ANI (@ANI) August 4, 2023
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
बता दें कि मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस बीआर गवई, पीएस नरसिम्हा और संजय कुमार की पीठ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि बयान अच्छे नहीं थे और सार्वजनिक जीवन में रहने वाले व्यक्ति से भाषण देते समय सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है. अधिकतम सजा देने के लिए ट्रायल जज द्वारा कोई कारण नहीं दिया गया है, दोषसिद्धि के आदेश को अंतिम फैसले तक रोके रखने की जरूरत है.
गुजरात हाई कोर्ट ने खारिज की थी मांग
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई की थी जिसमें उन्होंने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. मोदी सरनेम वाली टिप्पणी पर दर्ज किए गए मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने की मांग की गई थी जिसे गुजरात हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था. मानहानि का यह मुकदमा गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने दायर किया था. राहुल गांधी ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान यह टिप्पणी की थी.
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