(Source: ECI / CVoter)
Ground Report: बीजेपी और AAP के टकराव में नहीं मिल रहा एमसीडी को मेयर, जानें- दिल्ली की जनता ने किसे बताया जिम्मेदार?
Delhi MCD Mayor Election: दिल्ली नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर और स्थाई समिति के चुनाव के लिए तीन बार सदन की बैठक हो चुकी है, लेकिन हर बार हंगामे की वजह से वोटिंग नहीं हो पाई है.
Delhi People Reaction On MCD Mayor Election: एमसीडी चुनाव के दो महीनों के बाद भी जहां दिल्ली को मेयर नहीं मिल पाया है, वहीं मेयर, उपमेयर और स्थाई समिति के लिए लगातार आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और बीजेपी (BJP) के बीच खींचतान चल रही है. पहली बार छह जनवरी को सदन की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें शपथ ग्रहण के साथ मेयर, उपमेयर और स्थाई समिति के सदस्यों का चुनाव होना था. पहली बैठक में चुनाव तो नहीं ही हुआ और शपथ ग्रहण भी शुरू होते ही बंद हो गया. इस दौरान सदन में मौजूद आप और बीजेपी के पार्षदों के बीच हंगामे के सात-साथ हाथापाई भी हुई.
इस घटना की वजह से कांग्रेस ने भी आप और बीजेपी की कड़ी निंदा की थी. इसके बाद 24 जनवरी को दूसरी बैठक बुलाई गई, जिसमें शपथ ग्रहण तो हो गया, लेकिन मेयर का चुनाव एक बार फिर हंगामे की भेंट चढ़ गया. फिर छह फरवरी को तीसरी बार सदन की बैठक बुलाई गई तो उम्मीद थी कि अब दिल्ली को मेयर मिल जाएगा, लेकिन आप के अड़ियल रवैय्ये और बीजेपी के पार्षदों के हंगामे की वजह से तीसरी बैठक भी विफल हो गई. इसकी वजह से दिल्ली अब तक मेयर से महरूम है.
एमसीडी की कई संवैधानिक प्रक्रिया अटकी
मेयर का चुनाव अब तक नहीं हो पाने से जहां एमसीडी की कई संवैधानिक प्रक्रिया अटकी पड़ी हैं और इसका बजट नहीं पेश हो पाया है तो वहीं दिल्ली की जनता को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जगह-जगज दिल्ली में एक बार फिर से कूड़ा जमा हो रहा है. लोग जब अपनी समस्याएं ले कर पार्षद और एमसीडी अधिकारियों तक पहुंच रहे हैं, तो उन्हें एमसीडी का गठन न होने, बजट न होने और फंड न होने जैसे बहानों को सुनना पड़ रहा है. इससे दिल्ली की जनता में काफी रोष भी नजर आ रहा है.
दिल्ली के लोगों ने कही ये बात
दिल्ली में मेयर न होने की वजह से लोगों को किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, ये जानने के लिए एबीपी लाइव की टीम द्वारका इलाके में पहुंची. एबीपी लाइव से बातचीत में लोगों ने बताया कि जनता ने अपना काम मत दे कर कर दिया है, अब राजनीतिक पार्टियों की जिम्मेदारी है कि वो मेयर का चुनाव कर दिल्ली की सफाई के साथ दिल्ली के विकास के कामों को आगे बढ़ाएं.
सफाई कर्मियों को नहीं मिल रहा वेतन
द्वारका एडीआरएफ के रॉबिन शर्मा समेत अन्य लोगों ने बताया कि मेयर, उपमेयर और स्थाई समिति का गठन नहीं हो पाने की वजह से जोन के चेयरमैन और अलग-अलग सिविक बॉडी भी गठित नहीं हो पा रही है. फंड नहीं होने से सफाई कर्मियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है, जिससे सफाई का काम बाधित हो रहा है. पार्कों का रख-रखाव नहीं हो पा रहा है, शिक्षा-चिकित्सा सभी प्रभावित हो रही है.
मेयर चुनाव न होने से महिलाएं काफी नाराज
मेयर चुनाव को लेकर हो रही नूराकुश्ती को लेकर महिलाओं में भी काफी नाराजगी दिखी. उन्होंने कहा कि द्वारका जैसी स्मार्ट सब सिटी में पिछले कुछ समय से एमसीडी द्वारा किया जाने वाला सारा काम बाधित हुआ पड़ा है. द्वारका की स्थित बुरी होती जा रही है और जब द्वारका जैसी प्लांड सब सिटी बदहाल हो रही है, तो बाकी जगहों की क्या हालत होगी, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.
'काम करने के लिए अपना वोट और बहुमत दिया'
लोगों का कहना है, "आम आदमी पार्टी को लोगों ने काम करने के लिए अपना वोट और बहुमत दिया है, न कि उनकी बीजेपी के साथ खींचतान के लिए. आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए एमसीडी मेयर के चुनाव सहित सभी बॉडीज का गठन कर, दिल्ली को साफ और विकसित बनाने के लिए काम करें, न कि एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर दिल्ली के विकास को बाधित करें."
ये भी पढ़ें- Delhi: झपटमार के हमले में जान गंवाने वाले ASI शंभू दयाल के परिवार से मिले CM केजरीवाल, सौंपा एक करोड़ का चेक