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Patna News: जिंदगी की 'नैया' पार लगाने गंगा किनारे पहुंच रहे छात्र, जिसने भी देखीं तस्वीरें वो कह रहा- वाह!
घाट पर मुफ्त शिक्षा पाने के लिए प्रतिदिन छात्रों की संख्या बढ़ती जा रही है. छात्र इतने अधिक हो जाते हैं कि घाट के अलावे पेड़ की छांव या जहां जगह मिलती है, वहां बैठ जाते हैं और ग्रुप स्टडी करते हैं.
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पटना: बिहार की राजधानी पटना स्थित विभिन्न घाटों की तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. वायरल तस्वीर में छात्र गंगा के किनारे बैठ कर पढ़ते दिख रहे हैं. एबीपी ने जब घाटों पर जाकर पड़ताल की तो पता चला ये सभी वो छात्र हैं, जो किसी ना किसी सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहे हैं. वहीं, अधिकतर वो बच्चे हैं, जिन्होंने जनवरी महीने में आरआरबी-एनटीपीसी के परीक्षाफल को लेकर बवाल किया था.
आगामी परीक्षा के लिए कर रहे तैयारी
बवाल के बाद आरआरबी ने परीक्षा के लिए जुलाई 2022 में नई तारीख का एलान किया है. ऐसे में छात्र परीक्षा के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं. बता दें कि छात्र पटना के एक नहीं तीन घाट- पटना कॉलेज घाट, कदम घाट और काली घाट पर सैकड़ों की संख्या में उपस्थित होकर परीक्षा की तैयारी करते दिख रहे हैं. इधर, छात्रों के जज्बे को देखकर पटना के नामी शिक्षक इंजीनियर एसके झा भी बच्चों को शिक्षा देने के लिए विभिन्न गंगा घाट पर पहुंच जाते हैं और हजारों बच्चों को रेलवे की परीक्षा के लिए मुफ्त में शिक्षा देते हैं.
गंगा घाट पर मुफ्त शिक्षा पाने के लिए प्रतिदिन छात्रों की संख्या बढ़ती जा रही है. छात्र इतने अधिक हो जाते हैं कि घाट के अलावे पेड़ की छांव या जहां जगह मिलती है, वहां बैठ जाते हैं और आपस में ग्रुप स्टडी करते हैं. इस दौरान जहां दिक्कत होती है, वहां एसके झा सहयोग करने के लिए मौजूद रहते हैं.
पटना के थाने में हुआ था एफआईआर
बता दें कि इंजीनियर एसके झा उन्हीं छह शिक्षकों में से एक हैं, जिन पर छात्रों के हंगामे को तूल देने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी. लेकिन एसके झा का कहना है कि सभी बच्चों को नौकरी मिल जाए, उनकी मेहनत उनके काम आए, इसलिए वे सुबह में पढ़ाने चले आते हैं और मुफ्त में शिक्षा देते हैं. गंगा का किनारे शांत माहौल है, जिससे पढ़ाई के दौरान बच्चों का दिमाग स्थिर रहता है. ऐसे में पढ़ाई ठीक से हो पाती है.
इधर, छात्रों ने कहा कि जुलाई में रेलवे ग्रुप डी का एग्जाम होना है. ऐसे में भीड़ भाड़ वाली जगह से अच्छा गंगा घाट है. यहां खुली हवा में शांति मिलती है और पढ़ाई करने में आनंद आता है. काफी बच्चों के साथ पढ़ाई करने में एक दूसरे की कमियां नजर आती हैं, जिसे ठीक किया जाता है. गंगा घाट पर पढ़ाई करने के लिए सप्ताह के दो दिन शनिवार और रविवार को बच्चे सुबह 5:00 बजे तक से 8:00 तक आते हैं. कई बच्चे जगह लेने के लिए सुबह 4:00 बजे ही गंगा घाट पर पहुंच जाते हैं.
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