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Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि के सातवें दिन होती है मां कालरात्रि की पूजा, जानिए क्या है पूजा विधि
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चैत्र नवरात्रि 2022
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![Chaitra Navratri 2022: आज यानि 8 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन है. इस दिन को दुर्गा सप्तमी भी कहा जाता है. नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करते हैं और जो कोई भी नवरात्रि में मां कालरात्रि की पूजा करते हैं उनपर मां की विशेष कृपा बनी रहती हैं. बता दें कि नवरात्रों का त्योहार हरिय़ाणा, यूपी, बिहार, पंजाब सभी राज्यों में मनाया जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/04/07/cfd979b48c36b01b612769cab6db17dc4562e.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
Chaitra Navratri 2022: आज यानि 8 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन है. इस दिन को दुर्गा सप्तमी भी कहा जाता है. नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करते हैं और जो कोई भी नवरात्रि में मां कालरात्रि की पूजा करते हैं उनपर मां की विशेष कृपा बनी रहती हैं. बता दें कि नवरात्रों का त्योहार हरिय़ाणा, यूपी, बिहार, पंजाब सभी राज्यों में मनाया जाता है.
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![मां कालरात्रि की पूजा नवरात्रि के सातवें दिन की जाती हैं. इस पूजा में मां कालरात्रि अक्षत, पुष्प, धूप, गंधक और गुड़ आदि का भोग लगाया जाता है. बता दें कि मां कालरात्रि को रातरानी के फूल बहुत पसंद है. इसलिए उनकी पूजा में ये फूल जरूर चढ़ाए जाते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/04/07/19b9fd32fe19f46c1ce2481e306ba935dd136.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मां कालरात्रि की पूजा नवरात्रि के सातवें दिन की जाती हैं. इस पूजा में मां कालरात्रि अक्षत, पुष्प, धूप, गंधक और गुड़ आदि का भोग लगाया जाता है. बता दें कि मां कालरात्रि को रातरानी के फूल बहुत पसंद है. इसलिए उनकी पूजा में ये फूल जरूर चढ़ाए जाते हैं.
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![मां कालरात्रि का स्वरूप- मां कालरात्रि के चार हाथ हैं. उनके एक हाथ में खड्ग, दूसरे में लौह शस्त्र, तीसरे हाथ में वरमुद्रा और चौथा हाथ अभय मुद्रा में हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/04/07/818d1def08611f4a08fe1f9a6da7904232b98.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मां कालरात्रि का स्वरूप- मां कालरात्रि के चार हाथ हैं. उनके एक हाथ में खड्ग, दूसरे में लौह शस्त्र, तीसरे हाथ में वरमुद्रा और चौथा हाथ अभय मुद्रा में हैं.
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![कहा जाता है कि मां कालरात्रि को लाल रंग प्रिय है. इसलिए पूजा के वक्त उन्हें लाल रंग का गुलाब या गुड़हल अर्पित करने चाहिए.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/04/07/b1eab5f30811e994cbc2eeb5a0515c527b07f.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कहा जाता है कि मां कालरात्रि को लाल रंग प्रिय है. इसलिए पूजा के वक्त उन्हें लाल रंग का गुलाब या गुड़हल अर्पित करने चाहिए.
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![मां कालरात्रि के मंत्र- या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता..नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम..एक वेधी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता..लम्बोष्ठी कर्णिकाकणी तैलाभ्यक्तशरीरिणी. वामपदोल्लसल्लोहलताकण्टक भूषणा..वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/04/07/411675662e432ec51ed058cc95daa518603b7.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मां कालरात्रि के मंत्र- या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता..नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम..एक वेधी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता..लम्बोष्ठी कर्णिकाकणी तैलाभ्यक्तशरीरिणी. वामपदोल्लसल्लोहलताकण्टक भूषणा..वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी.
Published at : 07 Apr 2022 01:44 PM (IST)
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उमेश चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकारCommentator
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